A Blog by CHANDER UDAY SINGH FOR JKBOARD/ CBSE HINDI, English STUDY MATERIAL
Saturday, August 8, 2020
Muhavarey aur Lokoktiyan .......continued
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Muhavarey aur Lokoktiyan
Friday, August 7, 2020
pollution essay in hindi
कक्षा-10
हिंदी निबंध।
A hindi lesson by - Chander Uday Singh
प्रदूषण एक समस्या / प्रदूषण की समस्या
प्रस्तावना: विज्ञान के इस युग में मानव को जहां कुछ वरदान मिले है, वहां कुछ अभिशाप भी मिले हैं। प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप हैं जो विज्ञान की कोख में से जन्मा हैं और जिसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर हैं।
प्रदूषण का अर्थ: प्रदूषण का अर्थ है -प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। न शुद्ध वायु मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य मिलना, न शांत वातावरण मिलना। प्रदूषण कई प्रकार का होता है! प्रमुख प्रदूषण हैं - वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण और ध्वनि-प्रदूषण ।
वायु-प्रदूषण : महानगरों में यह प्रदूषण अधिक फैला है। वहां चौबीसों घंटे कल-कारखानों का धुआं, मोटर-वाहनों का काला धुआं इस तरह फैल गया है कि स्वस्थ वायु में सांस लेना दूभर हो गया है। मुंबई की महिलाएं धोए हुए वस्त्र छत से उतारने जाती है तो उन पर काले-काले कण जमे हुए पाती है। ये कण सांस के साथ मनुष्य के फेफड़ों में चले जाते हैं और असाध्य रोगों को जन्म देते हैं! यह समस्या वहां अधिक होती हैं जहां सघन आबादी होती है, वृक्षों का अभाव होता है और वातावरण तंग होता है।
जल-प्रदूषण : कल-कारखानों का दूषित जल नदी-नालों में मिलकर भयंकर जल-प्रदूषण पैदा करता है। बाढ़ के समय तो कारखानों का दुर्गंधित जल सब नाली-नालों में घुल मिल जाता है। इससे अनेक बीमारियां पैदा होती है।
ध्वनि-प्रदूषण : मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण चाहिए। परन्तु आजकल कल-कारखानों का शोर, यातायात का शोर, मोटर-गाड़ियों की चिल्ल-पों, लाउड स्पीकरों की कर्णभेदक ध्वनि ने बहरेपन और तनाव को जन्म दिया है।
प्रदूषणों के दुष्परिणाम: उपर्युक्त प्रदूषणों के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है। खुली हवा में लम्बी सांस लेने तक को तरस गया है आदमी। गंदे जल के कारण कई बीमारियां फसलों में चली जाती हैं जो मनुष्य के शरीर में पहुंचकर घातक बीमारियां पैदा करती हैं। भोपाल गैस कारखाने से रिसी गैस के कारण हजारों लोग मर गए, कितने ही अपंग हो गए। पर्यावरण-प्रदूषण के कारण न समय पर वर्षा आती है, न सर्दी-गर्मी का चक्र ठीक चलता है। सुखा, बाढ़, ओला आदि प्राकृतिक प्रकोपों का कारण भी प्रदूषण है।
प्रदूषण के कारण : प्रदूषण को बढ़ाने में कल-कारखाने, वैज्ञानिक साधनों का अधिक उपयोग, फ्रिज, कूलर, वातानुकूलन, ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी हैं। प्राकृतिक संतुलन का बिगड़ना भी मुख्य कारण है। वृक्षों को अंधा-धुंध काटने से मौसम का चक्र बिगड़ा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली न होने से भी प्रदूषण बढ़ा है।
सुधार के उपाय : विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों। आबादी वाले क्षेत्र खुले हों, हवादार हों, हरियाली से ओतप्रोत हों। कल-कारखानों को आबादी से दूर रखना चाहिए और उनसे निकले प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय सोचना चाहिए।
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Thursday, August 6, 2020
hindi letter for grant of scholarship
कक्षा-10
छात्रवृत्ति के लिए प्रधानाचार्य को पत्र।
A hindi lesson by - Chander Uday Singh
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सेवा में,
श्री प्रधानाध्यापक महोदय,
गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल,
सनासर
विषय : छात्रवृत्ति के लिए प्रधानाचार्य को पत्र।
महोदय,
सेवा में सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में दसवीं कक्षा का छात्र हूँ। मेरे पिताजी सरकारी दफ्तर में कार्यरत्त थे, परन्तु अब वह सेवानिवृत्त हो गए हैं। हम पांच भाई-बहन हैं अतः घर का खर्च बड़ी ही कठिनाई से चल पा रहा है। इन परिस्थितियों के कारण मेरा पढ़ाई कर पाना असंभव हो गया है। अतः आपसे अनुरोध है कि मुझे छात्रवृत्ति प्रदान करने की कृपा करें, जिससे मैं अपनी पढ़ाई जारी रख सकूं। मैं नवम कक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ हूँ। इसके अतिरिक्त मैं अंतर्विद्यालीय शतरंज प्रतियोगिता में भी प्रथम आया हूँ।
आशा करता हूँ की मुझे छात्रवृत्ति प्रदान कर दी जायेगी। इस कृपा के लिए मैं आप का आजीवन आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
बलदेव कुमार
कक्षा १०
क्रमांक - 02
दिनांक : 11 -06 -2020
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