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Friday, July 3, 2020

Muhavarey aur Lokoktiyan .......continued from 30- Hindi Vyakaran class 10th

मुहावरे और लोकोक्तियाँ 

.......continued from 30.


31. अपना घर समझना –संकोच न करना।
राम अपने मित्र के घर को अपना घर समझता है। इसलिए वहाँ वह अपनी सब परेशानियाँ कह देता है।

32. अपने पैरों पर खड़ा होना- स्वावलम्बी होना।
जब तक लड़का अपने पैरों पर खड़ा न हो जाए, तब तक उसकी शादी करना उचित नहीं है।

33. अपने पाँव में कुल्हाड़ी मारना-अपने अहित का काम स्वयं करना।
तुमने अपने मन की बात प्रकट करके अपने पाँव में स्वयं कुल्हाड़ी मारी।

34. आकाश-पाताल एक करना-अत्यधिक प्रयत्न अथवा परिश्रम करना।
वानरों ने सीताजी की खोज के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया।

35. आँख चुराना-बचना- छिप जाना।
मुझसे रुपये उधार लेने के बाद मोहन निरन्तर आँख चुराता रहता है, मेरे सामने नहीं आता।

36. आँखें फेरना-उपेक्षा करना, कृपा दृष्टि न रखना।
जिससे ईश्वर भी आँखे फेर ले, भली कोई उसकी सहायता कैसे कर सकता है।

37. आँखें बिछाना-आदरपूर्वक किसी का स्वागत करना।
यहाँ कोई ऐसा नहीं है, जो तुम्हारे लिए आँखें बिछाए बैठा रहेगा, व्यर्थ के भुलावे में न रहो।

38. आँख मिलाना-सामने आना।
अपनी कलई खुल जाने के बाद रमेश मुझसे आँख मिलाने का साहस नहीं रखता।

39. आँखें खुल जाना—वास्तविकता का ज्ञान होना, सीख मिलना।
विवेक के अपहरण में उसके मित्र की संलिप्तता देखकर लोगों की आँखें खुल गईं कि अब किसी पर विश्वास करने का जमाना नहीं रह गया है।

40. आँखें नीची होना-लज्जा से गड़ जाना, लज्जा का अनुभव करना।
छेड़खानी के आरोप में बेटे को हवालात में बन्द देखकर पिता की आँखें नीची हो गईं।

41. आँखें चार होना/आँखें दो-चार होना-प्रेम होना।
दुष्यन्त और शकुन्तला की आँखें चार होते ही उनके हृदय में प्रेम का उद्रेक हो गया।

42. आँख का तारा-अत्यन्त प्यारा।
प्रत्येक सुपुत्र अपने माता-पिता की आँखों का तारा होता है।

43. आँखों पर परदा पड़ना-विपत्ति की ओर ध्यान न जाना।
कमला की आँखों पर तो परदा पड़ गया, जो उसने गुस्साई बहू को दुकान से मिट्टी का तेल लेने भेज दिया।

44. आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना।
राम बहुत समझदार है तो भी किसी व्यक्ति ने उसकी आँखों में धूल झोंककर उसे नकली नोट दे दिया।

45. आँखों में सरसों का फूलना-मस्ती होना।
वह कुछ इस तरह का सिरफिरा था कि उसकी आँखों में सदा सरसों फूलती रहती थी।

46. आँखों का पानी ढलना-निर्लज्ज हो जाना।
जिनकी आँखों का पानी ढल गया है, उन्हें नीच-से-नीच काम करने में भी संकोच नहीं होता।

47. आँख दिखाना—क्रुद्ध होना।
उधार लेते समय प्रत्येक व्यक्ति बड़े प्रेम से बात करता है, किन्तु वापस करते समय आँख दिखाना साधारण-सी बात है।

48. आँचल-बाँधना-गाँठ बाँधना, याद कर लेना।
यह बात प्रत्येक कन्या को आँचल-बाँध लेनी चाहिए कि सास-ससुर को अपने माता-पिता माननेवाली बहू ही ससुराल में आदर पाती है।

49. आग-बबूला होना-अत्यधिक क्रोध करना।
नौकरानी से टी-सेट टूट जाने पर मालकिन एकदम आग-बबूला हो गई।

50. आग में घी डालना-क्रोध अथवा झगड़े को और अधिक भड़का देना।
बेटी के मुँह से बहू की शिकायत सुनकर सास वैसे ही भरी बैठी थी, बस बहू की टिप्पणी ने तो जैसे आग में घी डाल दिया और सास ने रौद्र रूप दिखाते हुए बहू को चोटी पकड़कर घर से बाहर कर दिया।

51. आठ-आठ आँसू बहाना-बहुत अधिक रोना।
सुभाष अपने पिता के स्वर्गवास पर आठ-आठ आँसू रोया।

52. आड़े हाथों लेना-शर्मिन्दा करना।
मोहन बहुत बढ़-चढ़कर बातें कर रहा था, जब मैंने उसे आड़े हाथों लिया तो उसकी बोलती बन्द हो गई।

53. आधा तीतर आधा बटेर-अधूरा ज्ञान।
या तो हिन्दी बोलिए या अंग्रेजी। यह क्या, आधा तीतर आधा बटेर।

54. आपे से बाहर होना-सामर्थ्य से अधिक क्रोध प्रकट करना।
अपने साथी की पिटाई का समाचार सुनते ही छात्र आपे से बाहर हो गए।

55. आसमान टूट पड़ना-अचानक घोर विपत्ति आ जाना।
यूसुफ जाई मलाला ने स्त्री शिक्षा का समर्थन क्या किया, उस पर तो मानो आसमान टूट पड़ा और उसकी जान पर बन आई।

56. आसमान से बातें करना-बहुत बढ़-चढ़कर बोलना।
यद्यपि दीपक एक साधारण लिपिक का पुत्र है, किन्तु अपने साथियों में बैठकर वह आसमान से बातें करता है।

57. आसमान पर दिमाग चढ़ना-अत्यधिक घमण्ड होना।
परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होते ही रमेश का दिमाग आसमान पर चढ़ गया।

58. आसमान पर थूकना-सच्चरित्र व्यक्ति पर कलंक लगाने का प्रयास करना।
महात्मा गांधी पर विभिन्न प्रकार के आरोप लगानेवाले यह नहीं सोचते कि हम आसमान पर थूक रहे हैं।

59. आस्तीन का साँप-कपटी मित्र।
प्रदीप से अपनी व्यक्तिगत बात मत कहना, वह आस्तीन का साँप है; क्योंकि आपकी सभी बातें वह अध्यापक महोदय को बता देता है।

60. इज्जत मिट्टी में मिलाना-मान-मर्यादा नष्ट करना।
अन्तर्जातीय विवाह के लिए अड़ी अपनी बेटी के सामने गिड़गिड़ाते हुए उसकी माँ ने कहा-बेटी तू हमारी इज्जत मिट्टी में मत मिला।




to be continued.....

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