Class 6 Hindi
Chand Se Thodi Si Gappe Poem Summary
गोल हैं खूब मगर
आप तिरछे नज़र आते हैं ज़रा।
आप पहने हुए हैं कुल आकाश
तारों-जड़ा;
सिर्फ मुँह खोले हुए हैं अपना
गोरा-चिट्टा
गोल-मटोल,
अपनी पोशाक को फैलाए हुए चारों सिम्त।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
कविता से
प्रश्न 1. ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ के माध्यम से लड़की कहना चाहती है कि-
(क) चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।
(ख) चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है।
आप किसे सही मानते हो ?
उत्तर- लड़की यह बताना चाहती है कि संपूर्ण आकाश तुम्हारे चारों ओर है ऐसा लगता है जैसे यह संपूर्ण आकाश ही तुम्हारा वस्त्र है, जिस पर सितारे जड़े हैं।
प्रश्न 2. कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और उसका कारण भी बताओ।
दिन – कारण
पूर्णिमा – ………
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच – ………..
प्रथमा से अष्टमी के बीच – ……….
उत्तर- दिन ………. कारण
पूर्णिमा ………. चाँद पूरी तरह गोल नजर आता है।
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच ………. चाँद तिरछा नजर आता है।
प्रथमा से अष्टमी के बीच ………. चाँद बहुत पतला नजर आता है।
मेरे विचार से कवि ने चाँद से अष्टमी से पूर्णिमा के बीच गप्पें लगाई होगी।
प्रश्न 3. नई कविता में तुक या छंद के बदले बिंब का प्रयोग अधिक होता है। बिंब वह तसवीर होती है जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है। कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तसवीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उनसे कई चित्र हमारे मन में बनें। इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने बि ल कु ल शब्द के अक्षरों को अलग-अलग करके लिखा है। तुम इस कविता के और किन शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिखकर दिखाओ।
उत्तर- चाँद, गोल-मटोल, तिरछे।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. कुछ लोग बड़ी जल्दी चिढ़ जाते हैं। यदि चाँद का स्वभाव भी आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह किन बातों से सबसे ज्यादा चिढ़ेगा? चिढ़कर वह उन बातों का क्या जवाब देगा? अपनी कल्पना से चाँद की ओर से दिए गए जवाब लिखो।
उत्तर- यदि चाँद का स्वभाव आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह तिरछे कहे जाने पर जरूर चिढ़ेगा। घटने-बढ़ने की बीमारी की बात सुनकर भी उसे बहुत गुस्सा आएगा। वह चिढ़कर यही जवाब देगा कि वह तिरछा नहीं है और ना ही उसे घटने-बढ़ने की बीमारी है, यह हमारी नजर का फेर है कि वह हमें तिरछा नजर आता है। शायद वह हमें यह भी कहेगा कि अपनी नजर ठीक करवाने के लिए डॉक्टर के पास जाकर चश्मा लगवा लो।
प्रश्न 2. यदि कोई सूरज से गप्पें लगाए तो वह क्या लिखेगा? अपनी कल्पना से गद्य या पद्य में लिखो। इसी तरह की कुछ और गप्पें निम्नलिखित में से किसी एक या दो से करके लिखो-
पेड़ बिजली का खंभा सड़क पेट्रोल पंप
उत्तर- (क) सूरज से गप्पें-
अरे सूरज भाई,
इतने क्यों नाराज हो,
पता नहीं तुम
सभी को जलाए जाते हो
तपाते हो दुनिया को जी भर,
झुलसा देते हो, पेड़ से गप्पेंऐ!
कभी लाल तो कभी सफ़ेद चाँदी से
नज़र आते हो।
तुम सदा ऊपर जाने देते हो
बड़े-बड़े वाहने
क्या तुम कैसे इतना
पीड़ा सहते हो?
(ख) पेड़ से गप्पो-
ए! पेड़ तुम हो
कितने कल्याणकारी! छाया देते हो,
भोजन देते हो, वर्षा का हो आधार।
(ग) सड़क-
हे सड़क!
तुम कितनी शक्तिशाली हो? तुममें इतनी सहनशीलता
कहाँ से आई है।
(घ) पेट्रोल पंप
हे पेट्रोल पंप! तुम्हारे अंदर कितना तेल समाया है?
यह कभी खत्म होने का नाम नहीं लेता।
तेरे कारण सारी दुनिया सड़कों पर दौड़ रही है।
तुममें यह शक्ति कहाँ से आई है?
(ङ) बिजली का खंभा-
हे बिजली के खंभे।
सिर पर तारों का जाले
तुम क्यों लंबे खड़े हो
करंट मारते खूब हो।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
चाँद संज्ञा है। चाँदनी रात में चाँदनी विशेषण है।
नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि-
(क) कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं।
(ख) इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो-
गुलाबी पगड़ी
मखमली घास
कीमती गहने
ठंडी रात
जंगली फुल
कश्मीरी भाषा
उत्तर-
ये सभी विशेषण ‘ई’ प्रत्यय जुड़ने से बने हैं। गुलाबी पगड़ी, मखमली घास, कीमती गहने, ठंडी खीर, जंगली जानवर, कश्मीरी कन्या।
प्रश्न 2.
गोल-मटोल,
गोरा – चिट्टा
कविता में आए शब्दों के इन जोड़ों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ सफ़ेद है और गोरा से मिलता-जुलता है, जबकि मटोल अपने-आप में कोई शब्द नहीं है। यह शब्द ‘मोटा’ से बना है। ऐसे चार-चार शब्द-युग्म सोचकर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
खाना-वाना
चाय-वाय
पानी-वानी
मोल-तोल
उत्तर-
खाना-वाना ………. खाना-वाना तो अच्छा ही बना है।
चाय-वाय ………. यहाँ चाय-वाय का प्रबंध नहीं है।
पानी-वानी ………. उसने मुझे पानी-वानी भी नहीं पिलाया।
मोल-तोल ………. दुकानदार से मोल-तोल करके ही सौदा लेना।
प्रश्न 3.
‘बिलकुल गोल’–कविता में इसके दो अर्थ हैं-
(क) गोल-आकार का,
(ख) गायब होना!
ऐसे तीन और शब्द सोचकर, उनसे ऐसे वाक्य बनाओ जिनके दो-दो अर्थ निकलते हों।
उत्तर-
(क) पत्र – (i) (पत्ता) वसंत में वृक्षों से पत्र झरने लगते हैं।
(ii) (चिठ्ठी) आज दादी जी का पत्र आया था।
(ख) अंबर – (i) (वस्त्र) विष्णु भगवान पीतांबर धारण करते हैं।
(ii) (आकाश) चाँदनी रात में अंबर की शोभा निराली होती है।
(ग) कनक – (i) (सोना) यह हार कनक से बना है।
(ii) (धतूरा) कनक खाने से आदमी पागल हो जाता है।
प्रश्न 4.
तांकि, जबकि, चूँकि, हालाँकि-कविता की जिन पंक्तियों में ये शब्द आए हैं, उन्हें ध्यान से पढ़ो। ये शब्द दो वाक यों को जोड़ने का काम करते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ।
उत्तर-
(क) ताकि – (i) आयुष मेहनत कर रहा है ताकि परीक्षा में प्रथम आ सके।
(ii) तुम दवाई खा लो ताकि सुबह स्कूल जा सको।
(ख) जबकि – (i) मदन ने राजेश की मदद की जबकि दोनों में शत्रुता थी।
(ii) राजा भागा हुआ आया जबकि काफ़ी धूप हो रही थी।
(ग) चूँकि – (i) चूंकि मैं बीमार हूँ इसलिए काम पर नहीं आ सकता।
(ii) चूँकि उसे विद्यालय जाना था इसलिए वह जल्दी घर चला गया।
(घ) हालाँकि – (i) हालाँकि इस साल वर्षा कम हुई परंतु फ़सल फिर भी अच्छी हुई।
(ii) हालाँकि तुम ठीक कहते हो परंतु लोग नहीं मानते।
प्रश्न 5.
गप्प, गप-शप, गप्पबाजी-क्या इन शब्दों के अर्थों में अंतर है? तुम्हें क्या लगता है? लिखो।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
कुछ करने को
प्रश्न 1.
क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर में कई प्रकार के कलेंडरों का इस्तेमाल होता है। नीचे दो प्रकार के कलेंडर दिए गए हैं। इन्हें देखकर प्रश्नों के उत्तर दीजिएसंवत् 2063 सन 2006
इन कलेंडरों में से कौन-सा कलेंडर चंद्रमा के अनुसार है?
क्या आपके आसपास इन दोनों कलेंडरों का इस्तेमाल होता है? यदि हाँ तो किन-किन मौकों पर।
कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष का क्या अर्थ होता है?
उत्तर-
इन कलेंडरों में संवत् 2063 वाला कलेंडर चंद्रमा के अनुसार है।
हाँ, हमारे आसपास दोनों कलेंडरों का इस्तेमाल अंग्रेज़ी महीने की तारीख देखने के लिए होता है।
कृष्ण पक्ष को अर्थ है महीने का वह पक्ष (पंद्रह दिन) जो पूर्णिमा के अगले दिन से लेकर अमावस्या तक होता है तथा शुक्ल पक्ष अमावस्या के अगले दिन यानी प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक होता है।
प्रश्न 2.
चाँद और सूरज से संबंधित कुछ कविताओं के बारे में जानकारी संग्रह करके कक्षा में शिक्षक को सुनाइए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
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