Showing posts with label nibandh. Show all posts
Showing posts with label nibandh. Show all posts

Tuesday, June 15, 2021

Mere jivan ka uddeshya hindi nibandh

निबंध कक्षा 6


मेरे जीवन का उद्देश्य

 

लक्ष्य जीवन को एक उद्देश्य तथा दिशा प्रदान करता है। जीवन में उद्देश्य का न होना बिना पतवार के नाव चलाने के बराबर है। बिना उद्देश्य सोचे कुछ भी प्राप्त करना आसान नहीं है। बिना उद्देश्य का व्यक्ति सदा हालातों पर ही निर्भर रहता है। इस प्रकार का व्यक्ति अक्सर गुमराह हो जाता है। उसका जीवन भ्रम में ही खत्म हो जाता है। इस लिए हर व्यक्ति के पास कोई न कोई उद्देश्य अवश्य होना चाहिए।

जीवन में उद्देश्य का होना बहुत ज़रूरी है। यह भी उतना ही आवश्यक है कि वह उद्देश्य सही भी होना चाहिए। गलत उद्देश्य व्यक्ति को बरबाद कर सकता है। उसकी सारी मेहनत व्यर्थ हो सकती है। उसका समय तथा मेहनत का कोई फल नहीं मिलता। व्यक्ति को छोटी आयु में ही अपने जीवन का लक्ष्य सोच लेना चाहिए। उद्देश्य का चयन अपने शौक तथा पसंद के अनुसार करना चाहिए। इसके लिए व्यक्ति किसी समझदार से सलाह भी कर सकता

विभिन्न व्यक्तियों के अलग-अलग उद्देश्य होते हैं। कई लोग उद्योगपति बनना पसंद करते हैं। वे ऐसा सोचते हैं कि इससे उनके पास हर चीज़ अधिक होगी। उनका जीवन आसान एवं आरामदायक होगा। इसी प्रकार कुछ लोग डाक्टर तथा इंजीनियर बनना भी पसंद करते हैं। उनके अनुसार डाक्टर तथा इंजीनियर बनने से उनको समाज में नाम तथा इज्जत मिलेगी। कुछ लोग आई.ए.एस.अफसर बनना भी पसंद करते हैं। उन्हें जीवन में ताकत तथा शोहरत प्राप्त करना पसंद है।

मैंने जीवन में एक अध्यापक बनने का फैसला किया है। एक अध्यापक देश का निर्माता होता है। मेरा उद्देश्य पैसा बनाना नहीं है। मैं गरीब बच्चों की सहायता करना चाहता हूँ। मैं उन्हें मुफ्त शिक्षा देना चाहता हूँ। मैं उनके अंदर अनुशासन पैदा करूंगा। मैं उनके लिए एक मददगार, दोस्त तथा उनकी देखभाल करने वाला व्यक्ति बनूंगा। मैं उनके लिए ऊँची सोच तथा ऊँचा उद्देश्य रखूगा। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि जीवन में यह लक्ष्य प्राप्त कर सकू 

Saturday, June 5, 2021

Environment essay in hindi

 पर्यावरण पर निबंध हिन्दी


पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों परि और आवरण से मिलकर बना है, जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास अर्थात जो हमारे चारों ओर है, और 'आवरण' जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की कुल इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनैतिक और सामाजिक जागृति लाने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।

पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधों के अलावा उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएं और प्रक्रियाएं भी शामिल हैं। जबकि पर्यावरण के अजैविक संघटकों में निर्जीव तत्व और उनसे जुड़ी प्रक्रियाएं आती हैं, जैसे: पर्वत, चट्टानें, नदी, हवा और जलवायु के तत्व इत्यादि।


सामान्य अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक और अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं और घटनाओं से मिलकर बनी इकाई है। यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी पर निर्भर करती और संपादित होती हैं। मनुष्यों द्वारा की जाने वाली समस्त क्रियाएं पर्यावरण को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं। इस प्रकार किसी जीव और पर्यावरण के बीच का संबंध भी होता है, जो कि अन्योन्याश्रि‍त है।

मानव हस्तक्षेप के आधार पर पर्यावरण को दो भागों में बांटा जा सकता है, जिसमें पहला है प्राकृतिक या नैसर्गिक पर्यावरण और मानव निर्मित पर्यावरण। यह विभाजन प्राकृतिक प्रक्रियाओं और दशाओं में मानव हस्तक्षेप की मात्रा की अधिकता और न्यूनता के अनुसार है।


पर्यावरणीय समस्याएं जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिये प्रेरित कर रही हैं और अब पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत है पर्यावरण संकट के मुद्दे पर आम जनता को जागरूक करने की

Translate