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Wednesday, April 29, 2020

SAPNO KE SE DIN - Gurdayal Singh, part 2

सपनों के - से दिन

-गुरदयाल सिंह

A hindi  lesson by- Chander Uday Singh

 

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

 

प्रश्न 5. हेडमास्टर शर्मा जी ने पीटी साहब को क्यों मुअत्तल कर दिया?

उत्तरहेडमास्टर शर्मा जी ने फारसी की क्लास में पाया कि पीटी साहब बच्चों की बेरहमी से धुनाई कर रहे थे। यह सब शर्मा जी को अच्छा नहीं लगा। इसलिए उन्होंने पीटी साहब को मुअत्तल कर दिया।

प्रश्न 6.    लेखक के अनुसार उन्हें स्कूल खुशी से भागे जाने की जगह लगने पर भी कब और क्यों उन्हें स्कूल जाना अच्छा लगने लगा?

    उत्तरलेखक को स्कूल जाना बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता था। लेकिन जब पीटी साहब उन्हें परेड में शाबाशी देते तो उन्हें बहुत अच्छा लगता था। स्काउट की परेड में जब उन्हें धुले हुए साफ कपड़े और गले में दोरंगी रुमाल के साथ परेड करने को मिलता तो भी उन्हें मजा आता था। परेड के दौरान उनके बूटों की ठक-ठक उनके कानों में मधुर संगीत की तरह लगती थी। इन सब कारणों से लेखक को स्कूल जाना अच्छा लगने लगा था।

    प्रश्न  7. लेखक अपने छात्र जीवन में स्कूल से छुट्टियों में मिले काम को पूरा करने के लिए क्या-क्या योजनाएँ बनाया करता था और उसे पूरा कर पाने की स्थिति में किसकी भाँतिबहादुरबनने की कल्पना किया करता था?

उत्तरजब छुट्टियों का एक महीना बच जाता तो लेखक यह हिसाब लगाते कि यदि 10 सवाल एक दिन में हल किए जाएँ तो केवल बीस दिन में ही सारा होमवर्क पूरा हो जाएगा। इसी योजना को बनाते-बनाते दिन बीत जाते। फिर वे प्रतिदिन 15 सवाल की दर से अपना होमवर्क पूरा करने की योजना बनाते। लेकिन उनकी योजना धरी की धरी रह जाती और दिन पलक झपके ही बीत जाते थे। फिर होमवर्क पूरा कर पाने की स्थिति में वे अपने साथी ओमा की तरह बहादुर बनने की कल्पना किया करता था। ओमा को कभी भी पिटाई से डर नहीं लगता था, बल्कि वह इसे होमवर्क पूरा करने की तुलना मेंसस्ता सौदासमझता था।

प्रश्न 8. पाठ में वर्णित घटनाओं के आधार पर पीटी सर की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

उत्तर : पीटी सर बड़े ही कड़क शिक्षक थे। बच्चों में अनुशासन लाने के लिए वे सख्त से सख्त कार्रवाई करने को तैयार रहते थे। उनकी नजर बड़ी तेज थी और वे हर बच्चे की छोटी से छोटी हरकत को भी पकड़ लेते थे। अपनी शैली में बच्चों को सुधारने में वे इतना यकीन रखते थे कि उन्हें अपने ऊपर के किसी भी अधिकारी का डर नहीं था। अंदर से वे एक मोमदिल इंसान थे; जो इस बात से पता चलता है कि वे अपने तोते को बड़े प्यार से बादाम खिलाते थे और उसके संग बातें करते थे।

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