क्रियाविशेषण किसे कहते हैं ? इसके कितने भेद हैं ? उदाहरण सहित लिखें।
कक्षा 6 के लिए
क्रियाविशेषण – जो शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं, उन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं; जैसे
- अक्षत धीरे-धीरे चल रहा है।
- उसने कम खाया।
यहाँ दिए गए वाक्यों में धीरे-धीरे शब्द अक्षत के चलने का ढंग (रीति) बता रहा है, तो कम शब्द कार्य की मात्रा (परिमाण) बता रहा है। अतः ये शब्द क्रिया की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं।
क्रियाविशेषण के निम्नलिखित चार भेद होते हैं।
- कालवाचक क्रियाविशेषण
- स्थानवाचक क्रियाविशेषण
- परिमाण वाचक क्रियाविशेषण
- रीतिवाचक क्रियाविशेषण
कक्षा 6 के लिए
1. कालवाचक क्रियाविशेषण – जो शब्द क्रिया के होने के काल (समय) का बोध कराते हैं, वे कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे-कल, परसों, आज, सदा, जब तक, हमेशा।।
2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण – जो शब्द क्रिया के होने के स्थान संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, वे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे-दाएँ, बाएँ, इधर, उधर, नीचे, ऊपर, पास, दूर आदि।
स्थानवाचक क्रियाविशेषण जानने के लिए क्रिया के साथ कहाँ लगाकर प्रश्न किया जाता है।
3. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण – जिन शब्दों से क्रिया के परिमाण (मात्रा) का बोध हो, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
- जैसे उतना खाओ जितना पचा सको।
- आज काफ़ी वर्षा हुई।
4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण – जो पद क्रिया के होने की रीति या विधि का बोध कराता है, या विशेषता बताता है उसे रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं; जैसे
- कार तेज दौड़ती है।
- बैलगाड़ी धीरे-धीरे चलती है।