Friday, April 23, 2021

For God’s Sake, Hold Thy Tongue

 


For God’s Sake, Hold Thy Tongue 

(Abridged & Edited) 
Class 8th - English : Prose - Lesson 4

WORKING WITH TEXT


Q1. What do the Qur'an and the traditions of the Prophet (PBUH) tell us on backbiting and scandal mongering?

Ans. The holy Qur'an condemns Scandal mongering and backbiting in strongest terms. In Sahi Muslim, Prophet Muhammad (SAW) says that a person who indulges in backbiting is a man who has eaten the flesh of his elder brother.


Q2. What do the Gita and the Bible tell us on backbiting?

Ans. All the religions criticize on backbiting. The pious Gita says that a person who is free from backbiting is pure and free from fear, and the person who has a habit of backbiting is sinner and is born to demoniac endowments.

In the same way The Bible says that we all make errors in many ways, and a person who does not make an error is a perfect man and he can curb his whole body on his will.


Q3. What do the Granth Sahib and Lord Buddha tell us on backbiting?

Ans. The Guru Granth Sahib says that a backbiter carries the great burden of sins and he carries loads without any payment. Lord Buddha in his eightfold path says that one requires living a life based on right speech.


Q4. Why did the servant of Rabbi Simeon bring tongues both the times?

Ans. Rabbi Simeon’s servant brings tongues both the times because it is only the tongue that issues the good and the bad, also there is nothing better than a good tongue and nothing worse than an evil one.


Q5. Why did Rabbi Simeon invite his disciples for a meal?

Ans. Rabbi Simeon invited his disciples for a meal to tell them about the advantages of soft tongue. He conveyed a message to them that only use soft tongue in their conversation with another because soft tongue spreads sweetness.


Q6. What according to you is the moral of the lesson?

Ans. Vice offends the moral standards of the community, and scandal mongering and backbiting are vices, we should always refrain from this, so that to be pure in front of our Almighty Allah.


Q7. How does our tongue do good or bad to others?

Ans. A good tongue pleases people and makes them happy, and a bad tongue offends them and hurts them, which is a great sin in all religions.


LANGUAGE WORK

Add the correct ending to each of the following words and say what each person does or is connected with:


1. Govern               governor                  one who govern.

2. Cater                  caterer                      one who provides food or drink for a social or business function.

3. Translate            translator                  one translates text from one language to another.

4. Novel                 novelist                    one who writes novels.

5. Tour                     tourist                     one who undertakes a journey to see a place.

6. Politics                politician                 one who takes part in political activities.

7. Decorate              decorator                 one who decorates houses.

8. Art                       artist                         one who has a skill of painting etc.

9. Economics           economist                one who deals with the economy.

10. Drama               dramatist                   one makes dramas and plays.

11. Cricket              cricketer                    one who plays cricket.

12. Engine              engineer                     one who has studied engineering.

13. History              historian                    one who writes history.

14. Mountain           mountaineer             one who climbs mountains.

15. Donate              donator                      one who donates.

16. Grammar           grammarian              one who knows the rules of grammar.

17. Auction             auctioneer                  one who checks accounts in offices.

18. Science              scientist                     one who has the practical knowledge of science.

19. Teach                 teacher                       one who teaches in a classroom.

20. Electricity         electrician                   one who has the knowledge of electricity.

21. Physics              physician                    one who has the knowledge of physics.

22. Write                 writer                          one who writes.

23. Speak                speaker                        one who makes a speech.

24. Win                   winner                          one who wins.

25. Mathematics     mathematician             one who knows mathematics.

GRAMMAR WORK

Complete each sentence with an adverb. The first letters of each adverb are given.

1. We didn’t go out because it was raining heavily.

2. Our team lost the game because we played badly.

3. I had little difficulty finding a place to live. I found a flat easily.

4. We had to wait for a long time, but we didn’t complain. We waited patiently.

5. Nobody knew Atif was coming to see us. He arrived unexpectedly.

6. Zeeshan keeps fit by playing tennis regularly.

7. I don’t speak Punjabi very well, but I can understand it perfectly if spoken slowly and clearly.

Put in the correct word.

1. Two people are seriously injured in the accident. (Serious / seriously)

2. The driver of the car had serious injuries. (Serious / seriously)

3. I think you behaved very selfishly. (Selfish / selfishly)

4. Razia is terribly upset about losing her job. (Terrible / terribly)

5. There was a sudden change in the weather. (Sudden / suddenly)

6. Everybody at the marriage party was colourfully dressed. (Colourful / colourfully)

7. Aslam speaks English fluently. (Fluent / fluently)

8. Ved Sir fell and hurt himself quite badly. (Bad / badly)

9. Hafeez didn’t do well at school because he was taught badly. (Bad / badly)

10. Don’t go up that ladder. It doesn't look safe. (Safe / safely)



Tuesday, April 20, 2021

Aksharon ka mahattav, class 6th hindi


 किशोर भारती 
कक्षा-6, पाठ - 3

अक्षरों का महत्तव 



एक हिंदी पाठ- 

चन्दर उदय सिंह द्वारा


अक्षरों की कहानी 


यह पुस्तक अक्षरों से बनी है। सारी पुस्तकें अक्षरों से बनी हैं। तरह-तरह की - पुस्तकें | तरह-तरह के अक्षर | 

दुनिया में अब तक करोड़ों पुस्तकें छप चुकी हैं । हजारों पुस्तकें रोज छपती हैं| तरह-तरह के अक्षरों में हज़ारों की तादाद में रोज ही समाचार-पत्र छपते रहते हैं। इन सबके मूल में हैं अक्षर | हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि यदि आदमी अक्षरों को न जानता, तो आज इस दुनिया का क्या हाल होता |कोई कह सकता है कि हम अक्षरों को अनादि काल से जानते हैं। अक्षरों का ज्ञान हमें किसी ईश्वर से मिला है | 

पुराने ज़माने के लोग सचमुच ही सोचते थे कि अक्षरों की खोज ईश्वर ने की है। पर आज हम जानते हैं कि अक्षरों की खोज किसी ईश्वर ने नहीं, बल्कि स्वयं आदमी ने की है। अब तो हम यह भी जानते हैं कि किन अक्षरों की खोज किसी देश में किस समय हुई! 

हमारी यह धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है । दो-तीन अरब साल तक इस धरती पर किसी प्रकार के जीव-जंतु नहीं थे। फिर करोड़ों साल तक केवल जानवरों और वनस्पतियों का ही इस धरती पर राज्य रहा | 

मध्य अमरीका के ओंजिबवा आदिवासियों के चित्र (दाई ओर से बाईं ओर को क्रमशः) तूफान का देवता जो सारे आकाश को घेरता है, नगाड़ा, पंखों से सुशोभित नगाड़ा, द्रोणकाक, कौवा और दवाखाने में आदमी | 

आदमी ने इस धरती पर कोई पांच लाख साल पहले जन्म लिया। धीरे-धीरे उसका विकास हुआ | 

कोई “दस हज़ार साल पहले आदमी ने गाँवों को बसाना शुरू किया | वह खेती करने लगा। वह पत्थरों के औज़ारों का इस्तेमाल करता था| फिर उसने तांबे और कांसे के भी औजार बनाए 

प्रागैतिहासिक मानव ने सबसे पहले चित्रों के ज़रिए अपने भाव व्यक्त किए।. जैसे, पशुओं, पक्षियों, आदमियों आदि के चित्र। इन चित्र-संकेतों से बाद में भाव-संकेत अस्तित्व में आए। जैसे, एक छोटे वृत्त के चहुँ ओर किरणों की द्योतक रेखाएँ खींचने पर वह 'सूर्य' का चित्र बन जाता था | बाद में यही चित्र 'ताप' या 'धूप' . का द्योतक बन गया | इस तरह अनेक भाव-संकेत अस्तित्व में आए | तब जाकर काफी बाद में आदमी ने अक्षरों की खोज की | अक्षरों की. खोज के सिलसिले को शुरू हुए मुश्किल से छह हजार साल हुए हैं। केवल छह हजार साल पहले ही अक्षरों की खोज हुई है।क्षरों की खोज के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई | आदमी अपने विचार और अपने हिसाब-किताब को लिखकर रखने लगा। तबसे मानव को “सभ्य' कहा जाने लगा | आदमी ने जबसे लिखना शुरू किया तबसे 'इतिहास' आरंभ हुआ | किसी भी कौम या देश का इतिहास तब से शुरू होता है, जबसे आदमी के लिखे हुए लेख मिलने लग जाते हैं। इस प्रकार, इतिहास को शुरू हुए मुश्किल से छह हजार साल हुए हैं। उसके पहले के काल को 'प्रागैतिहासिक काल' यानी इतिहास के पहले का काल कहते हैं। हम देखते हैं कि यदि आदमी अक्षरों की खोज नहीं करता, तो आज हम इतिहास को न जान पाते। हम यह न जान पाते कि पिछले कुछ हज़ार सालों में आदमी किस प्रकार रहता था, क्या-क्या सोचता था, कौन-कौन राजा हुए इत्यादि | अक्षरों की खोज मनुष्य की सबसे बड़ी खोज है| अक्षरों की खोज करने के बाद ही मनुष्य अपने विचारों को लिखकर रखने लगा। इस प्रकार, एक पीड़ी के ज्ञान का इस्तेमाल दूसरी पीढ़ी करने लगी | अक्षरों की खोज करने के बाद पिछले छह हज़ार सालों में मानव जाति का तेज़ी से विकास हुआ। यह महत्त्व है अक्षरों का और उनसे बनी हुई लिपियों का। अतः हम सबको अक्षरों की कहानी मालूम होनी चाहिए | आज जिन अक्षरों की हम पढ़ते या लिखते हैं वे कब बनाए गए, कहा बने और किसने बनाए, यह जानना जरूरी है | 


गुणाकर मुले 







अक्षरों का महत्तव

प्रश्न अभ्यास
प्रश्न  1:
पाठ में ऐसा क्यों कहा गया है कि अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरूआत हुई?

उत्तर :
पाठ में ऐसा इसलिए कहा गया है; क्योंकि अक्षरों की खोज से पहले मानव सभ्यता का कोई लिखित इतिहास नहीं मिलता। परन्तु अक्षरों की खोज के पश्चात् मानव ने इतिहास को लिखना आरम्भ किया और मानव द्वारा अर्जित इन्हीं अक्षरों के ज्ञान ने मानव को प्रगति पथ पर बढ़ाने व उसे सभ्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन सब कारणों से अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरूआत हुई; यह कहा गया है।
प्रश्न 2:
अक्षरों की खोज का सिलसिला कब और कैसे शुरू हुआ? पाठ पढ़कर उत्तर लिखो।

उत्तर :
अक्षरों की खोज करीब छह हज़ार साल पहले की मानी जाती है।इस से पहले मानव के पास अपने विचारों व भावों को व्यक्त करने का कोई साधन नहीं था ; उन्होंने जानवरों, पक्षियों और मानवों के चित्रों द्वारा अपनी अभिव्यक्ति को प्रकट किया।धीरे-धीरे इन चित्र संकेंतों का स्थान भाव संकेतों ने ले लिया। इससे उन्होंने औरअच्छी तरह अपने विचारों व भावों को मानव, सूर्य-चन्द्रमा व देवी देवताओं के रूप में दर्शाना आरम्भ किया और धीरे-धीरे अक्षर अस्तित्व मेंआए।
प्रश्न 3:
अक्षरों के ज्ञान से पूर्व मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज़ के इलाकों तक पहुँचाने के लिए किन- किन माध्यमों का सहारा लेता था ?

उत्तर :
पहले मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज़ के इलाको तक पहुँचाने के लिए पशु-पक्षियों, आदमियों, सूर्य तथा चंद्र आदि के चित्र बनाकर भाव संकेत का सहारा लेता था।
प्रश्न 4:
‘भाषा का विकास पहले हुआ, अक्षर और लिपि का बाद में। बोली गई भाषा को अक्षरों की मदद से लिखा जा सकता है। कई लोग ऐसे भी होते हैं जो अक्षर नहीं पहचानते, पर भाषा अच्छी तरह जानते हैं।’
ऊपर की पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए भाषा और अक्षर के संबंधों के बारे में एक अनुच्छेद लिखो।

उत्तर :
मनुष्य की उत्पत्ति के साथ ही भाषा का आरम्भ हुआ।आरम्भ में मनुष्यआदिमानव था, उसका मानसिक विकास नहीं हुआ था।वह अपनी बात को समझाने के लिए इशारों व ध्वनि संकेतों का सहारा लेता था।परन्तु जैसे-जैसे आदिमानव का मानसिक विकास होता गया उन संकेतों व ध्वनि संकेतों का भी विकास होता गया और वे विचारों को भली -भाँति व्यक्त करने में सक्षम हो गए। इसी तरह भाषा का विकास हुआ।इसके बाद मनुष्य अपने विचारों व अनुभवों को लिख कर व्यक्त करने के लिए प्रेरित होने लगा और उसने गुफ़ाओं व पत्थरों पर चित्र संकेतों द्वारा अपने  विचारों को व्यक्त करनाआरम्भ किया।अब वो देवी-देवताओं, सूर्य- चन्द्रमा के द्वारा और ज़्यादा सहज भाव से अपनीअभिव्यक्ति कोअंकित करने लगाऔर इसी विकास के क्रम ने अक्षरों को जन्म दिया।इसी के साथ मनुष्य ने इतिहास को अक्षरों की सहायता से लिपिबद्ध करना आरम्भ किया।आज विश्व के हर कोने में अनेकों भाषायें बोली जाती हैं और उन्हें लिपिबद्ध किया जाता है।यदि मनुष्य ने भाषा की खोज नहीं की होती तो हमें आज अक्षरों का भी ज्ञान नहीं होता।ये दोनों एक दूसरे के पूरक हैं एक के बिना दूसरे का कोई अस्तित्व नहीं है।यदि मनुष्य को भाषाओं का ज्ञान है तो वो दूसरे मनुष्यों को अपनी बात समझा सकता है परन्तु अगर उसको अक्षरों का ज्ञान नहीं है तो वो अपने विचारों और अनुभवों को लिख नहीं सकता या फिर दूर बैठे अपने किसी सम्बन्धी को अपना समाचार भेज नहीं सकता, अपनेअनुभवों को लिख नहीं सकता परन्तु अगर इसके विपरीत उसे अक्षरों का ज्ञान है तो वो भावों,  विचारों को अच्छी तरह से व्यक्त कर सकता है। क्योंकि अक्षरों के इसी ज्ञान से हमें आज हमारे इतिहास के बारे में इतनी जानकारियाँ उपलब्ध है।आज किसी भी देश जाति, धर्म व जगह से सम्बन्धित जानकारियाँ हमें मनुष्य द्वारा लिपिबद्ध की गई पुस्तकों से प्राप्त होती है; अन्यथा अगर भाषा व अक्षरों का विकास न हुआ होता तो हमें इन महत्वपूर्ण जानकारियों से वंचित रहना पड़ता और हमअपने इतिहास के बारे में हमेशा अनभिज्ञ रहते।इसी भाषा और अक्षरों के ज्ञान ने मनुष्यों को सभी जीवों में श्रेष्ठ बनाया है।

भाषा की बात 
प्रश्न 1:
अनादि काल में रेखांकित शब्द का अर्थ है जिसकी कोई शुरुआत या आदि न हो। नीचे दिए गए शब्द भी मूल शब्द के शुरू में कुछ जोड़ने से बने हैं। इसे उपसर्ग कहते हैं। इन उपसर्गों को अलग करके लिखो और मूल शब्दों को लिखकर उनका अर्थ समझो—

असफल …………………. अदृश्य ………………….
अनुचित …………………. अनावश्यक ………………….
अपरिचित …………………. अनिच्छा ………………….
(क) अब बताओ कि ये उपसर्ग जिन शब्दों के साथ जुड़ रहे हैं क्या उनमें कोई अंतर है?
(ख) उपर्युक्तशब्दोंसेवाक्यबनाओऔरसमझोकियेसंज्ञाहैंयाविशेषण।वैसेतोसंख्याएँसंज्ञाहोतीहैंपरकभी-कभीयेविशेषणकाकामभीकरतीहैं, जैसे- नीचेलिखेवाक्यमें
हमारी धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है।
कोई दस हजार साल पहले आदमी ने गाँवों को बसाना शुरू किया।
इन वाक्यों में रेखांकित अंश ‘साल’ संज्ञा के बारे में विशेष जानकारी दे रहे हैं, इसलिए संख्यावाचक विशेषण हैं। संख्यावाचक विशेषण का इस्तेमाल उन्हीं चीज़ों के लिए होता है जिन्हें गिना जा सके। जैसे – चार संतरे, पाँच बच्चे, तीन शहर आदि। पर यदि किसी चीज़ को गिना नहीं जा सकता तो उसके साथ संख्या वाले शब्दों के अलावा माप-तौल आदि के शब्दों का इस्तेमाल भी किया जाता है—
• तीन जग पानी
• एक किलो जीरा
यहा रेखांकित हिस्से परिमाणवाचक विशेषण हैं क्योंकि इनका संबंध माप-तौल से है। अब नीचे लिखे हुए को पढ़ो। खाली स्थानों में बॉक्स में दिए गए माप-तौल के उचित शब्द छाँटकर लिखो।
प्याला     कटोरी     एकड़     मीटर
लीटर      किलो      ट्रक       चम्मच
तीन …………….. खीर दो ……………… ज़मीन
छह ……………… कपड़ा एक ……………… रेत
दो ……………… कॉफ़ी पाँच ……………… बाजरा
एक ……………… दूध तीन ……………… तेल
 
उत्तर :
(क) हाँ उनके अर्थो में अंतर आ जाता है। अ उप्सर्ग लगा देने से प्राय: शब्दों के अर्थ विपरीत हो जाते हैं। जैसे-
असफल : सफल
अनुचित : उचित
अपरिचित : परिचित
अदृश्य : दृश्य
अनावश्यक : आवश्यक
अनिच्छा : इच्छा
(ख)
(1) तीन कटोरी खीर
(2) छह मीटर कपड़ा
(3) दो प्याला कॉफ़ी
(4) एक लीटर दूध
(5) दो एकड़ ज़मीन
(6) एक ट्रक रेत
(7) पाँच किलो बाजरा
(8) तीन चम्मच तेल

Translate