Saturday, May 2, 2020

Hindi essay for class 10th examination (wonders of science in hindi)




हिंदी निबंध

(wonders of science in hindi)




A hindi lesson by- Chander Uday Singh






विज्ञान के चमत्कार




प्रस्तावना



ज्ञान की नियोजित पद्धति का नाम ही विज्ञान है यह यकीनन अंधकार पर प्रकाश की , अज्ञान पर ज्ञान की , शक्ति पर बुद्धि की विजय का नाम है । चाँद और सितारों पर सैर करने के काल्पनिक आनंद में खोए रहते थे , तिलस्मी और ऐय्यारी उपन्यासों के माध्यम से मनुष्य की सामर्थ्य की दुनिया से बाहर जाकर अपनी काल्पनिक शक्ति पर भरोसा करते थे , पर विज्ञान ने इस  झूठे आनंद , झूठी खुशी को वास्तविक खुशी और आनंद में बदल दिया है । विज्ञान की प्रभुता से आज का आदमी जो खाता है , जो पहनता है , जो पढ़ता है , जिस पर लिखता है और जिससे लिखता है , वे सभी विज्ञान की ही देन हैं प्रकृति ने हमें बाधाएँ दी हैं , पर विज्ञान ने उन बाधाओं को लाँधने का रास्ता दिया है  

विज्ञान के चमत्कार

यह विज्ञान का चमत्कार ही है कि हम लहरों से खेल सकते हैं , तूफानों से लड़ सकते हैं और उमड़ते हुए समुद्र को पार करने में सफल होते हैं इसकी वजह से हम भाग्यवाद और नियतिवाद को चुनौती दे सकने में समर्थ हो सके हैं  पौराणिक कथाओं का रहस्यमय आश्चर्य आज विज्ञान के करिश्मों के सामने लज्जित हो गया । जहाँ मनुष्य को सुविधाएँ दी है दुनिया इसकी मुट्ठी में है विज्ञान ने रेल , वायुयान , टलीविजन , रेडियो , एयर कंडीशनर आदि देकर में सुविधाएँ दी है , वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि आज की दोड़  उसकी मुट्ठी में है  विज्ञान ने जहाँ में सुविधाओं से लैस कर जीवन को आनंदमय बनाया है वहीं मानव को विध्वंस की पीड़ा से कम आतंकित नहीं किया है। इलेक्ट्रॉनिक युग के आगमन से जहाँ आज का आदमी अपने को महान मानता है , वहीं वह अत्यधिक सु – सुविधा अर्जित कर लेने से विज्ञान का गुलाम भी हो गया है बारूद के ढेर पर बैठी दुनिया जहाँ बड़े गर्व से अपनी शक्ति का एहसास कर फूली नहीं समाती, वहीं बारूद के ढेर में आग लगने की आशंका से मुक्त भी नहीं है

यह विज्ञान की ही देन है कि पूरी सृष्टि अणुबम और हाइड्रोजन बम के आविष्कार से विनाश के कगार पर खड़ी हो गई है विज्ञान ने जीवन को यंत्रीकृत कर दिया है आस्थाएँ टूट चुकी हैं , नैतिक मूल्य धराशायी हो चुके हैं और समय पाकर सामाजिकता भी अपना संदर्भ खो रही है
मशीनी सभ्यता में पैदा हुआ आदमी आज लाभहानि , हितअहित को देखकर मूल्यों को बात हि बात में उसी तरह बदल रहा है , जिस तरह कि फैशन परेड की मॉडलगर्ल कपड़े बदलती है  विसंगति , अकेलापन आज के मशीनरी आदमी की नियति है विज्ञान के कारण एक तरफ आदमी को जहाँ सुविधाएँ मिली हैं , दूसरी तरफ अधिकांश आदमी को बेकारी भी मिली यंत्रों के खड़ा होने से कुछ अमीर लोग और अमीर हो गए , पर अधिकांश के मुँह की रोटी काम के अभाव में छिन गई
आधुनिक युग और विज्ञान एकदूसरे के पर्याय बन गए हैं इसलिए आधुनिक युग कोविज्ञान युगकह कर पुकारा जाता है मनुष्य की प्रगति के साथ उसकी आवश्यकताओं में भी वृद्धि होती जा रही है जिधर भी नजर जाती है उधर विज्ञान के नवीन आविष्कारों का अनंत साम्राज्य फैला दिखाई देता है शिक्षा , चिकित्सा , व्यापार , युद्ध , शांति , आमोदप्रमोद तथा परिवहन आदि कोई भी क्षेत्र विज्ञान के चमत्कार से मुक्त नहीं है
आधुनिक युग में विज्ञान का क्षेत्र व्यापक है धरती ही नहीं , बल्कि आकाश और पाताल भी सिमट कर उसके अध्ययन की परिधि में गए हैं अब विज्ञान ने प्रकृति पर अपनी विजय पताका फहरा दी है हम अपनी आँखों से नित्य नए वैज्ञानिक चमत्कार देखते हैं बिजली की सहयता से घर का लगभग सारा कार्य संपादित हो रहा है रेल और ट्राम भी बिजली से चल रहे हैं
टेलीफोन ने सारी दुनिया को घरसा बना दिया है रेडियो और टेलीविजन ने तो मीडिया में जैसे क्रांति – सी ला दी है अब तो घर बैठे लगभग संपूर्ण विश्व को देखा जा सकता है औद्योगिक क्षेत्र में तो विज्ञान के चमत्कार अत्यंत चौंका देने वाले हैं इस्पात कारखानों में बड़ेबड़े लौहपिंडों को पानी जैसे तरल रूप देकर मानव के उपयोग में आने वाले सामग्री तैयार की जाती है शल्यचिकित्सा (surgery) विज्ञान की सहायता से इतनी प्रगति कर गई है कि बड़ेसेबड़े शल्य कार्यों में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होती
अल्ट्रासाउंड से सारे शरीर के अंदर के भागों को स्पष्ट देखा जा सकता है यातायात के साधनों में निरंतर प्रगति और सुधार हो रहा है शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान की सहायता अत्यंत सराहनीय रही है आरंभ में पाठ्य पुस्तकों की समस्या बनी रहती थी , परंतु अब वह समस्या समाप्त हो गई हैं कागज बनाने से लेकर प्रिंटिंग तक के कार्यों को विज्ञान ने सरल बना दिया है

उपसंहार

यह कहा जा सकता है कि विज्ञान बुद्धि द्वारा उत्पादित अपरिमित शक्ति , सुविधा और विनाश का नाम है,  पर हमें यह भूलना नहीं चाहिए कि शक्ति का उद्देश्य प्रतिरक्षात्मक होना चाहिए, किआक्रामक
 कोई भी ज्ञान मानवता के लिए वरेण्य है ,  कि विनाश के लिए  विज्ञान फूल भी है , काँटा भीहमें आवश्यकता के अनुरूप उसका इस्तेमाल करना होगा  विज्ञान का उद्देश्यहीन उपयोग अँधेरी गलियों में भटका सकता है , कुछ 
हासिल नहीं करा सकता । इसलिए इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि विज्ञान ने मानव जीवन के साथ एक अटूट रिश्ता कायम कर लिया है





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