A Blog by CHANDER UDAY SINGH FOR JKBOARD/ CBSE HINDI, English STUDY MATERIAL
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Saturday, August 8, 2020
Muhavarey aur Lokoktiyan .......continued
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Muhavarey aur Lokoktiyan
Saturday, July 25, 2020
Muhavarey aur Lokoktiyan
मुहावरे और लोकोक्तियाँ
.......continued from 120.
A hindi lesson by - Chander Uday Singh
121. खून-पसीना एक करना-कठोर परिश्रम करना।
मुकेश ने परीक्षा में सफलता पाने के लिए खून-पसीना एक कर दिया।
122. खेल खिलाना-प्रतिपक्षी को समय देना।
राम ने रावण को मारने से पूर्व युद्ध के मैदान में उसे तरह-तरह से खेल खिलाए।
123. खेत रहना-लड़ाई में मारा जाना।
भारत और चीन के युद्ध में शत्रुओं के कई हजार सैनिक खेत रहे।
124. गड़े मुर्दे उखाड़ना-बहुत पुरानी बात दोहराना।
गड़े मुर्दे उखाड़ने से किसी समस्या का हल नहीं मिलता। वस्तुतः हमें वर्तमान सन्दर्भ में ही समस्या का समाधान खोजना चाहिए।
125. गागर में सागर भरना-थोड़े शब्दों में अधिक बात कहना।
बिहारी ने अपनी सतसई के दोहों में बड़े-बड़े अर्थ रखकर गागर में सागर भरने की बात को चरितार्थ किया।
126. गाल बजाना-डींग मारना।
केवल गाल बजाने से सफलता नहीं मिल सकती, इसके लिए परिश्रम भी परम आवश्यक है।
127. गुड़-गोबर करना—काम बिगाड़ना।
कवि-सम्मेलन बड़े आनन्द से चल रहा था, श्रोता रसमग्न होकर कविताएँ सुन रहे थे कि अचानक आई तेज वर्षा ने सारा गुड़-गोबर कर दिया।
128. गूलर का फूल होना-अलभ्य वस्तु होना।
आज के युग में ईमानदारी गूलर का फूल हो गई है।
129. घड़ों पानी पड़ना-दूसरों के सामने हीन सिद्ध होने पर अत्यन्त लज्जित होना।
बहू ने जब सास का झूठ सबके सामने पकड़ लिया तो उस पर घड़ों पानी पड़ गया।
130. घर का दीपक-घर की शोभा और कुल की कीर्ति को बढ़ानेवाला।
एकमात्र पुत्र की मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करने आए प्रत्येक व्यक्ति ने यही कहा कि उनके घर का तो दीपक ही बुझ गया।
131. घर की खेती सहज में मिलनेवाला पदार्थ।
बाल काट देने पर इतना क्यों रोते हो? यह तो घर की खेती है। कुछ दिन में फिर बढ़ जाएगी।
132. घर फूंक तमाशा देखना-क्षणिक आनन्द के लिए बहुत अधिक खर्च करना।
सेठ भोलामल का बड़ा लड़का शराब व जुए में सम्पत्ति नष्ट करके घर फूंक तमाशा देख रहा है।
133. घाट-घाट का पानी पीना–अनेक स्थलों का अच्छा-बुरा अनुभव प्राप्त करना/चालाक होना।
जिसने घाट-घाट का पानी पिया हो, उसे जीवन में कौन धोखा दे सकता है।
134. घाव पर नमक छिड़कना-दु:खी व्यक्ति के हृदय को और दुःख पहुँचाना।
परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाने पर रमेश वैसे ही दु:खी है। अब अपशब्द कहकर आप उसके घाव पर नमक छिड़क रहे हैं।
135. घाव हरा होना-भूले दुःख की याद आना।
मैं तो अपना दुःख भूल चुका था, किन्तु आज आपको वैसे ही कष्ट में देखकर मेरा घाव हरा हो गया।
136. घी के दीये जलाना-खुशी मनाना।
अपने प्रतिद्वन्द्वी की हार पर सुनील ने घी के दीये जलाए।
137. घोड़े बेचकर सोना निश्चिन्त होना।
किशन परीक्षा समाप्त होते ही घोड़े बेचकर सोता है।
138. चम्पत होना-भाग जाना।
सिपाही को देखते ही चोर वहाँ से चम्पत हो गया।
139. चाँद पर थूकना-निर्दोष को दोष देना।
आप सत्यता के साथ अपने कार्य को कीजिए। आप पर दोष लगानेवाले स्वयं चुप हो जाएँगे। चाँद पर थूकने से उसका कुछ बिगड़ता नहीं है।
140. चूना लगाना-हानि पहुँचाना।
उसने मुझे रिश्तेदारी का हवाला दिया और मैं पिघल गया। बेबात में उसने मुझे सौ रुपये का चूना लगा दिया।
141. चाँदी काटना- अधिक लाभ प्राप्त करना।
आपास्थिति से पूर्व काले धन्धे में लगे व्यक्ति कृत्रिम कमी उत्पन्न करके चाँदी काट रहे थे। अब सभी के होश ठिकाने आ गए हैं।
142. चिकना घड़ा होना-निर्लज्ज होना। वह पूरा चिकना घड़ा है। उस पर आपकी बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
143. चिकनी-चुपड़ी बातें करना-चालबाजी से भरी मीठी बातें करना। उसकी बातों में न आना।
वह चिकनी-चुपड़ी बातें करके अपना मतलब सिद्ध करने में बड़ा चतुर है।
144. चुल्लूभर पानी में डूब मरना-अपने गलत काम के लिए लज्जा का अनुभव करना।
रमेश ने अपनी बहन की सम्पत्ति पर भी कब्जा करने की कोशिश की। जब सम्बन्धियों को पता चला तो उन्होंने उससे कहा कि जाओ, चुल्लूभर पानी में डूब मरो।।
145. चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना-घबराहट आदि के कारण चेहरे का रंग उड़ जाना।
शहर में दंगा होने की खबर सुनकर शहर में नई आई मेघना के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगीं।
146. चोर की दाढ़ी में तिनका वास्तविक अपराधी का बिना पूछे बोल उठना।
छात्रों ने श्यामपट पर एक कार्टून बना दिया था। अध्यापक ने उसके सम्बन्ध में छात्रों से पूछा। इसी बीच एक छात्र खड़ा होकर कहने लगा कि यह कार्टून मैंने नहीं बनाया। सब छात्र कहने लगे- “चोर की दाढ़ी में तिनका।”
147. चोली-दामन का साथ होना-घनिष्ठ अथवा अटूट सम्बन्ध।
पन्ना रूपवती स्त्री थी और रूप तथा गर्व में चोली-दामन का नाता था।
148. छक्के छुड़ाना-हिम्मत पस्त कर देना।
व्यापारमण्डल ने मेरे प्रस्ताव को स्वीकार करके मेरे विरोधियों के छक्के छुड़ा दिए।
149. छठी का दूध याद आना-घोर संकट में फँसना।
अचानक आए तूफान ने पर्वतारोहियों को छठी का दूध याद दिला दिया।
150. छठी का दूध याद कराना-बहुत अधिक कष्ट देना।
सतपाल ने अखाड़े में बड़े-बड़े पहलवानों को भी छठी का दूध याद करा दिया।
151. छाती पर मूंग दलना-अत्यन्त कष्ट देना।
माँ ने नाराज होकर बच्चों से कहा कि मेरी छाती पर ही मूंग दलते रहोगे या कुछ पढ़ोगे-लिखोगे भी।
152. छाती पर पत्थर रखना-दुःख सहने के लिए हृदय कठोर करना।
अपनी छाती पर पत्थर रखकर उसने अपना पुश्तैनी मकान भी बेच दिया।
153. छाती/कलेजे पर साँप लोटना-ईर्ष्या से हृदय जल उठना।
किसी की उन्नति की चर्चा सुनकर उसकी छाती पर साँप लोटने लगते हैं।
164. जमीन पर पैर न रखना-बहुत अभिमान करना।
प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने के बाद उसके पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे हैं।
155. जहर उगलना-कठोर, जली-कटी, लगनेवाली बात कहना।
उन्हें जब देखो, तब जहर उगलते रहते हैं। उन्हें किसी की उन्नति तनिक भी नहीं सुहाती।
156. जली-कटी कहना-व्यंग्यपूर्ण बात करना।
जब देखो जली-कटी कहते रहते हो। कभी तो प्रेम के साथ बोला करो।
157. जहाज का पंछी होना—ऐसी मजबूरी होना, जिससे वही आश्रय लेने के लिए बाध्य होना पड़े।
बहुत ढूँढने पर भी मुझे कहीं स्थान नहीं मिला। जहाज के पंछी की तरह मैं फिर लौटकर वहीं आ गया।
158. जी-जान लड़ाना-बहुत परिश्रम करना।
हमने तो कार्यक्रम की सफलता के लिए जी-जान लड़ा दी, किन्तु उन्हें कोई बात पसन्द ही नहीं आती।
159. जीती मक्खी निगलना-अहित की बात स्वीकार करना।
मोहना को भली प्रकार ज्ञात था कि घर और वर दोनों उसके अनुरूप नहीं हैं, फिर भी माता-पिता की विवशता देखकर उसने जीती मक्खी को निगल लिया।
160. जोड़-तोड़ करना–दाँव-पेंचयुक्त उपाय करना।
किसी भी तरह जोड़-तोड़ करके रमेश उत्तीर्ण हो ही गया।
to be continued.....
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Muhavarey aur Lokoktiyan
Saturday, July 4, 2020
Muhavarey aur Lokoktiyan .......continued from 60- Hindi Vyakaran class 10th
मुहावरे और लोकोक्तियाँ
.......continued from 60.
A hindi lesson by - Chander Uday Singh
61. इधर की उधर लगाना-चुगली करना।
अनेक लोग ऐसे होते हैं, जो इधर की उधर लगाकर लोगों में विवाद कराते रहते हैं।
62. ईंट से ईंट बजाना-हिंसा का करारा जवाब देना, खुलकर लड़ाई करना।
तुम मुझको कमजोर मत समझो, समय आने पर मैं ईंट से ईंट बजाने के लिए भी तैयार हूँ।
63. ईमान बेचना-विश्वास समाप्त करना।
ईमान बेचकर धन कमाना मनुष्य को शोभा नहीं देता।
64. ईद का चाँद होना-कभी-कभी दर्शन देना।
नौकरी पर चले जाने के बाद दीपक बहुत दिनों पश्चात् अपने मित्र से मिला। इस पर मित्र ने कहा कि यहाँ से जाने के बाद तो तुम ईद के चाँद ही हो गए।
65. उँगली उठाना—दोष दिखाना।
समय आने पर ही वास्तविकता का पता चलता है। प्रदीप की सच्चाई पर किसी को सन्देह नहीं था, किन्तु अब तो लोग उस पर भी उँगली उठाने लगे हैं।
66. उँगली पकड़ते-पकड़ते पहुँचा पकड़ना-थोड़ा प्राप्त हो जाने पर अधिक पर अधिकार जमाना।
पहले सुरेश कभी-कभी पुस्तक माँगकर ले जाता था, किन्तु अब उसने उँगली पकड़ते-पकड़ते पहुँचा पकड़ लिया है। अब तो वह कोई भी पुस्तक ले जाता है और पूछने का कष्ट भी नहीं करता।
67. उँगली पर नचाना-संकेत पर कार्य कराना।
रमेश अपनी पत्नी को उँगलियों पर नचाता है।
68. उड़ती चिड़िया पहचानना-दूर से भाँप लेना।
दारोगा ने सिपाही से कहा, “ऐसा अनाड़ी नहीं हूँ, उड़ती चिड़िया पहचानता हूँ।”
69. उड़ती चिड़िया के पंख गिनना-कार्य-व्यापार को देखकर व्यक्तित्व को जान लेना।
उड़ती चिड़िया के पंख गिननेवाले गुरु विरजानन्द ने दयानन्द को निस्संकोच अपना शिष्य बना लिया।
70. ऊँची दुकान फीके पकवान-प्रसिद्ध स्थान की निकृष्ट वस्तु होना।
हम यह सोचकर बड़ी मिल का कपड़ा लाए थे कि अधिक चलेगा, किन्तु धोते ही उसका रंग निकल गया। यह तो वही हुआ कि ऊँची दुकान फीके पकवान।
71. ऊँट के मुँह में जीरा-बहुत कम मात्रा में कोई वस्तु देना।
मोहन प्रतिदिन दस रोटियाँ खाता है, उसे दो रोटियाँ देना तो ऊँट के मुँह में जीरा देने के समान है।
72. उल्टी गंगा बहाना—परम्परा के विपरीत काम करना।
सदैव उल्टी गंगा बहाकर समाज में वैचारिक क्रान्ति नहीं लाई जा सकती।
73. उल्टी माला फेरना—किसी के अमंगल की कामना करना, लोक विश्वास अथवा परम्परा के विपरीत कार्य करना।
उल्टी माला फेरकर किसी का अहित नहीं किया जा सकता।
74. उल्लू सीधा करना - किसी को बेवकूफ बनाकर काम निकालना।
फसाद करानेवाले लोग तो अपना ही उल्लू सीधा करते हैं।
75. एक आँख से देखना-सबके साथ समानता का व्यवहार करना, पक्षपातरहित होना।
सच्चा शासक वही होता है, जो सबको एक आँख से देखता है।
76. एक अनार सौ बीमार-एक वस्तु के लिए बहुत-से व्यक्तियों द्वारा प्रयत्न करना।
मेरे पास पुस्तक एक है और माँगनेवाले दस छात्र हैं। यह तो वही बात हुई कि एक अनार सौ बीमार।
77. एक और एक ग्यारह होना-एकता में शक्ति होना।
उनको कमजोर मत समझो, आवश्यकता पड़ने पर वे एक और एक ग्यारह हो जाते हैं।
78. एक हाथ से ताली नहीं बजती-झगड़ा एक ओर से नहीं होता।
मिताली सच-सच बताओ क्या बात है; क्योंकि यह बात तुम भी अच्छी तरह जानती हो कि एक हाथ से ताली नहीं बजती।
79. एड़ी-चोटी का पसीना एक करना-अत्यधिक परिश्रम करना।
अच्छी श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण करना कोई सरल कार्य नहीं है। एड़ी-चोटी का पसीना एक करने पर ही अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।
80. ऐसी-तैसी करना-अपमानित करना/काम खराब करना।
मण्डलीय समीक्षा करते समय मुख्यमन्त्री ने उन अधिकारियों की ऐसी-तैसी कर दी, जो पूरी तैयारी के साथ नहीं आए थे।
81. ओखली में सिर देना-जान-बूझकर अपने को मुसीबत में डालना।
उस नामी गुण्डे को छेड़कर क्यों ओखली में सिर दे रहे हो।
82. कंगाली में आटा गीला होना–विपत्ति में और विपत्ति आना।
श्री गुप्ता की पहले तो नौकरी छूट गई और उसके बाद उनके घर में चोरी हो गई। वास्तव में कंगाली में आटा गीला होना इसे ही कहते हैं।
83. कन्धे से कन्धा मिलाना–सहयोग देना।
देश पर विपत्ति के समय प्रत्येक नागरिक को कन्धे से कन्धा मिलाकर काम करना चाहिए, जिससे दुश्मन हमारा कुछ भी नं बिगाड़ सके।
84. कच्चा चिट्ठा खोलना—गुप्त भेद खोलना।
आपात्कालीन स्थिति ने बड़े-बड़े सफेदपोशों का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया।
85. कमर टूटना–हिम्मत पस्त होना।
पहले तो रमेश के पिताजी का स्वर्गवास हो गया और अब व्यापार में हानि होने से उसकी कमर टूट गई।
86. कलम तोड़ना –अत्यन्त अनूठा, मार्मिक या हृदयस्पर्शी वर्णन करना। स्वामीजी के भक्त पत्रकारों ने उनकी प्रशंसा में कलम तोड़कर रख दी।
87. कलेजा छलनी होना-कड़ी बात से जी दुःखना।
अपनी सौतेली माँ के व्यंग्य-बाणों से दीपक का कलेजा छलनी हो गया है।
88. कलेजा थामना-दु:ख सहने के लिए हृदय को कड़ा करना।
परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाने पर मोहन अपना कलेजा थामकर रह गया।
89. कलेजा धक-धक करना-भयभीत होना।
घने जंगल में घूमते समय हम सभी के कलेजे धक-धक कर रहे थे।
90. कलेजा निकालकर रख देना-सर्वस्व दे देना।
यदि सौतेली माँ अपना कलेजा निकालकर रख दे तो भी बहुत कम व्यक्ति उसकी प्रशंसा करेंगे।
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Muhavarey aur Lokoktiyan
Friday, July 3, 2020
Muhavarey aur Lokoktiyan .......continued from 30- Hindi Vyakaran class 10th
मुहावरे और लोकोक्तियाँ
.......continued from 30.
31. अपना घर समझना –संकोच न करना।
राम अपने मित्र के घर को अपना घर समझता है। इसलिए वहाँ वह अपनी सब परेशानियाँ कह देता है।
राम अपने मित्र के घर को अपना घर समझता है। इसलिए वहाँ वह अपनी सब परेशानियाँ कह देता है।
32. अपने पैरों पर खड़ा होना- स्वावलम्बी होना।
जब तक लड़का अपने पैरों पर खड़ा न हो जाए, तब तक उसकी शादी करना उचित नहीं है।
जब तक लड़का अपने पैरों पर खड़ा न हो जाए, तब तक उसकी शादी करना उचित नहीं है।
33. अपने पाँव में कुल्हाड़ी मारना-अपने अहित का काम स्वयं करना।
तुमने अपने मन की बात प्रकट करके अपने पाँव में स्वयं कुल्हाड़ी मारी।
तुमने अपने मन की बात प्रकट करके अपने पाँव में स्वयं कुल्हाड़ी मारी।
34. आकाश-पाताल एक करना-अत्यधिक प्रयत्न अथवा परिश्रम करना।
वानरों ने सीताजी की खोज के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया।
वानरों ने सीताजी की खोज के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया।
35. आँख चुराना-बचना- छिप जाना।
मुझसे रुपये उधार लेने के बाद मोहन निरन्तर आँख चुराता रहता है, मेरे सामने नहीं आता।
मुझसे रुपये उधार लेने के बाद मोहन निरन्तर आँख चुराता रहता है, मेरे सामने नहीं आता।
36. आँखें फेरना-उपेक्षा करना, कृपा दृष्टि न रखना।
जिससे ईश्वर भी आँखे फेर ले, भली कोई उसकी सहायता कैसे कर सकता है।
जिससे ईश्वर भी आँखे फेर ले, भली कोई उसकी सहायता कैसे कर सकता है।
37. आँखें बिछाना-आदरपूर्वक किसी का स्वागत करना।
यहाँ कोई ऐसा नहीं है, जो तुम्हारे लिए आँखें बिछाए बैठा रहेगा, व्यर्थ के भुलावे में न रहो।
यहाँ कोई ऐसा नहीं है, जो तुम्हारे लिए आँखें बिछाए बैठा रहेगा, व्यर्थ के भुलावे में न रहो।
38. आँख मिलाना-सामने आना।
अपनी कलई खुल जाने के बाद रमेश मुझसे आँख मिलाने का साहस नहीं रखता।
अपनी कलई खुल जाने के बाद रमेश मुझसे आँख मिलाने का साहस नहीं रखता।
39. आँखें खुल जाना—वास्तविकता का ज्ञान होना, सीख मिलना।
विवेक के अपहरण में उसके मित्र की संलिप्तता देखकर लोगों की आँखें खुल गईं कि अब किसी पर विश्वास करने का जमाना नहीं रह गया है।
विवेक के अपहरण में उसके मित्र की संलिप्तता देखकर लोगों की आँखें खुल गईं कि अब किसी पर विश्वास करने का जमाना नहीं रह गया है।
40. आँखें नीची होना-लज्जा से गड़ जाना, लज्जा का अनुभव करना।
छेड़खानी के आरोप में बेटे को हवालात में बन्द देखकर पिता की आँखें नीची हो गईं।
छेड़खानी के आरोप में बेटे को हवालात में बन्द देखकर पिता की आँखें नीची हो गईं।
41. आँखें चार होना/आँखें दो-चार होना-प्रेम होना।
दुष्यन्त और शकुन्तला की आँखें चार होते ही उनके हृदय में प्रेम का उद्रेक हो गया।
दुष्यन्त और शकुन्तला की आँखें चार होते ही उनके हृदय में प्रेम का उद्रेक हो गया।
42. आँख का तारा-अत्यन्त प्यारा।
प्रत्येक सुपुत्र अपने माता-पिता की आँखों का तारा होता है।
प्रत्येक सुपुत्र अपने माता-पिता की आँखों का तारा होता है।
43. आँखों पर परदा पड़ना-विपत्ति की ओर ध्यान न जाना।
कमला की आँखों पर तो परदा पड़ गया, जो उसने गुस्साई बहू को दुकान से मिट्टी का तेल लेने भेज दिया।
कमला की आँखों पर तो परदा पड़ गया, जो उसने गुस्साई बहू को दुकान से मिट्टी का तेल लेने भेज दिया।
44. आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना।
राम बहुत समझदार है तो भी किसी व्यक्ति ने उसकी आँखों में धूल झोंककर उसे नकली नोट दे दिया।
राम बहुत समझदार है तो भी किसी व्यक्ति ने उसकी आँखों में धूल झोंककर उसे नकली नोट दे दिया।
45. आँखों में सरसों का फूलना-मस्ती होना।
वह कुछ इस तरह का सिरफिरा था कि उसकी आँखों में सदा सरसों फूलती रहती थी।
वह कुछ इस तरह का सिरफिरा था कि उसकी आँखों में सदा सरसों फूलती रहती थी।
46. आँखों का पानी ढलना-निर्लज्ज हो जाना।
जिनकी आँखों का पानी ढल गया है, उन्हें नीच-से-नीच काम करने में भी संकोच नहीं होता।
जिनकी आँखों का पानी ढल गया है, उन्हें नीच-से-नीच काम करने में भी संकोच नहीं होता।
47. आँख दिखाना—क्रुद्ध होना।
उधार लेते समय प्रत्येक व्यक्ति बड़े प्रेम से बात करता है, किन्तु वापस करते समय आँख दिखाना साधारण-सी बात है।
उधार लेते समय प्रत्येक व्यक्ति बड़े प्रेम से बात करता है, किन्तु वापस करते समय आँख दिखाना साधारण-सी बात है।
48. आँचल-बाँधना-गाँठ बाँधना, याद कर लेना।
यह बात प्रत्येक कन्या को आँचल-बाँध लेनी चाहिए कि सास-ससुर को अपने माता-पिता माननेवाली बहू ही ससुराल में आदर पाती है।
यह बात प्रत्येक कन्या को आँचल-बाँध लेनी चाहिए कि सास-ससुर को अपने माता-पिता माननेवाली बहू ही ससुराल में आदर पाती है।
49. आग-बबूला होना-अत्यधिक क्रोध करना।
नौकरानी से टी-सेट टूट जाने पर मालकिन एकदम आग-बबूला हो गई।
नौकरानी से टी-सेट टूट जाने पर मालकिन एकदम आग-बबूला हो गई।
50. आग में घी डालना-क्रोध अथवा झगड़े को और अधिक भड़का देना।
बेटी के मुँह से बहू की शिकायत सुनकर सास वैसे ही भरी बैठी थी, बस बहू की टिप्पणी ने तो जैसे आग में घी डाल दिया और सास ने रौद्र रूप दिखाते हुए बहू को चोटी पकड़कर घर से बाहर कर दिया।
बेटी के मुँह से बहू की शिकायत सुनकर सास वैसे ही भरी बैठी थी, बस बहू की टिप्पणी ने तो जैसे आग में घी डाल दिया और सास ने रौद्र रूप दिखाते हुए बहू को चोटी पकड़कर घर से बाहर कर दिया।
51. आठ-आठ आँसू बहाना-बहुत अधिक रोना।
सुभाष अपने पिता के स्वर्गवास पर आठ-आठ आँसू रोया।
सुभाष अपने पिता के स्वर्गवास पर आठ-आठ आँसू रोया।
52. आड़े हाथों लेना-शर्मिन्दा करना।
मोहन बहुत बढ़-चढ़कर बातें कर रहा था, जब मैंने उसे आड़े हाथों लिया तो उसकी बोलती बन्द हो गई।
मोहन बहुत बढ़-चढ़कर बातें कर रहा था, जब मैंने उसे आड़े हाथों लिया तो उसकी बोलती बन्द हो गई।
53. आधा तीतर आधा बटेर-अधूरा ज्ञान।
या तो हिन्दी बोलिए या अंग्रेजी। यह क्या, आधा तीतर आधा बटेर।
या तो हिन्दी बोलिए या अंग्रेजी। यह क्या, आधा तीतर आधा बटेर।
54. आपे से बाहर होना-सामर्थ्य से अधिक क्रोध प्रकट करना।
अपने साथी की पिटाई का समाचार सुनते ही छात्र आपे से बाहर हो गए।
55. आसमान टूट पड़ना-अचानक घोर विपत्ति आ जाना।
यूसुफ जाई मलाला ने स्त्री शिक्षा का समर्थन क्या किया, उस पर तो मानो आसमान टूट पड़ा और उसकी जान पर बन आई।
यूसुफ जाई मलाला ने स्त्री शिक्षा का समर्थन क्या किया, उस पर तो मानो आसमान टूट पड़ा और उसकी जान पर बन आई।
56. आसमान से बातें करना-बहुत बढ़-चढ़कर बोलना।
यद्यपि दीपक एक साधारण लिपिक का पुत्र है, किन्तु अपने साथियों में बैठकर वह आसमान से बातें करता है।
यद्यपि दीपक एक साधारण लिपिक का पुत्र है, किन्तु अपने साथियों में बैठकर वह आसमान से बातें करता है।
57. आसमान पर दिमाग चढ़ना-अत्यधिक घमण्ड होना।
परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होते ही रमेश का दिमाग आसमान पर चढ़ गया।
परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होते ही रमेश का दिमाग आसमान पर चढ़ गया।
58. आसमान पर थूकना-सच्चरित्र व्यक्ति पर कलंक लगाने का प्रयास करना।
महात्मा गांधी पर विभिन्न प्रकार के आरोप लगानेवाले यह नहीं सोचते कि हम आसमान पर थूक रहे हैं।
महात्मा गांधी पर विभिन्न प्रकार के आरोप लगानेवाले यह नहीं सोचते कि हम आसमान पर थूक रहे हैं।
59. आस्तीन का साँप-कपटी मित्र।
प्रदीप से अपनी व्यक्तिगत बात मत कहना, वह आस्तीन का साँप है; क्योंकि आपकी सभी बातें वह अध्यापक महोदय को बता देता है।
प्रदीप से अपनी व्यक्तिगत बात मत कहना, वह आस्तीन का साँप है; क्योंकि आपकी सभी बातें वह अध्यापक महोदय को बता देता है।
60. इज्जत मिट्टी में मिलाना-मान-मर्यादा नष्ट करना।
अन्तर्जातीय विवाह के लिए अड़ी अपनी बेटी के सामने गिड़गिड़ाते हुए उसकी माँ ने कहा-बेटी तू हमारी इज्जत मिट्टी में मत मिला।
अन्तर्जातीय विवाह के लिए अड़ी अपनी बेटी के सामने गिड़गिड़ाते हुए उसकी माँ ने कहा-बेटी तू हमारी इज्जत मिट्टी में मत मिला।
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