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Saturday, July 4, 2020

Muhavarey aur Lokoktiyan .......continued from 60- Hindi Vyakaran class 10th

मुहावरे और लोकोक्तियाँ 

.......continued from 60.



A hindi lesson by - Chander Uday Singh


61. इधर की उधर लगाना-चुगली करना।
अनेक लोग ऐसे होते हैं, जो इधर की उधर लगाकर लोगों में विवाद कराते रहते हैं।

62. ईंट से ईंट बजाना-हिंसा का करारा जवाब देना, खुलकर लड़ाई करना।
तुम मुझको कमजोर मत समझो, समय आने पर मैं ईंट से ईंट बजाने के लिए भी तैयार हूँ।

63. ईमान बेचना-विश्वास समाप्त करना।
ईमान बेचकर धन कमाना मनुष्य को शोभा नहीं देता।

64. ईद का चाँद होना-कभी-कभी दर्शन देना।
नौकरी पर चले जाने के बाद दीपक बहुत दिनों पश्चात् अपने मित्र से मिला। इस पर मित्र ने कहा कि यहाँ से जाने के बाद तो तुम ईद के चाँद ही हो गए।

65. उँगली उठाना—दोष दिखाना।
समय आने पर ही वास्तविकता का पता चलता है। प्रदीप की सच्चाई पर किसी को सन्देह नहीं था, किन्तु अब तो लोग उस पर भी उँगली उठाने लगे हैं।

66. उँगली पकड़ते-पकड़ते पहुँचा पकड़ना-थोड़ा प्राप्त हो जाने पर अधिक पर अधिकार जमाना।
पहले सुरेश कभी-कभी पुस्तक माँगकर ले जाता था, किन्तु अब उसने उँगली पकड़ते-पकड़ते पहुँचा पकड़ लिया है। अब तो वह कोई भी पुस्तक ले जाता है और पूछने का कष्ट भी नहीं करता।

67. उँगली पर नचाना-संकेत पर कार्य कराना।
रमेश अपनी पत्नी को उँगलियों पर नचाता है।

68. उड़ती चिड़िया पहचानना-दूर से भाँप लेना।
दारोगा ने सिपाही से कहा, “ऐसा अनाड़ी नहीं हूँ, उड़ती चिड़िया पहचानता हूँ।”

69. उड़ती चिड़िया के पंख गिनना-कार्य-व्यापार को देखकर व्यक्तित्व को जान लेना।
उड़ती चिड़िया के पंख गिननेवाले गुरु विरजानन्द ने दयानन्द को निस्संकोच अपना शिष्य बना लिया।

70. ऊँची दुकान फीके पकवान-प्रसिद्ध स्थान की निकृष्ट वस्तु होना।
हम यह सोचकर बड़ी मिल का कपड़ा लाए थे कि अधिक चलेगा, किन्तु धोते ही उसका रंग निकल गया। यह तो वही हुआ कि ऊँची दुकान फीके पकवान।

71. ऊँट के मुँह में जीरा-बहुत कम मात्रा में कोई वस्तु देना।
मोहन प्रतिदिन दस रोटियाँ खाता है, उसे दो रोटियाँ देना तो ऊँट के मुँह में जीरा देने के समान है।

72. उल्टी गंगा बहाना—परम्परा के विपरीत काम करना।
सदैव उल्टी गंगा बहाकर समाज में वैचारिक क्रान्ति नहीं लाई जा सकती।

73. उल्टी माला फेरना—किसी के अमंगल की कामना करना, लोक विश्वास अथवा परम्परा के विपरीत कार्य करना।
उल्टी माला फेरकर किसी का अहित नहीं किया जा सकता।

74. उल्लू सीधा करना - किसी को बेवकूफ बनाकर काम निकालना।
फसाद करानेवाले लोग तो अपना ही उल्लू सीधा करते हैं।

75. एक आँख से देखना-सबके साथ समानता का व्यवहार करना, पक्षपातरहित होना।
सच्चा शासक वही होता है, जो सबको एक आँख से देखता है।

76. एक अनार सौ बीमार-एक वस्तु के लिए बहुत-से व्यक्तियों द्वारा प्रयत्न करना।
मेरे पास पुस्तक एक है और माँगनेवाले दस छात्र हैं। यह तो वही बात हुई कि एक अनार सौ बीमार।

77. एक और एक ग्यारह होना-एकता में शक्ति होना।
उनको कमजोर मत समझो, आवश्यकता पड़ने पर वे एक और एक ग्यारह हो जाते हैं।

78. एक हाथ से ताली नहीं बजती-झगड़ा एक ओर से नहीं होता।
मिताली सच-सच बताओ क्या बात है; क्योंकि यह बात तुम भी अच्छी तरह जानती हो कि एक हाथ से ताली नहीं बजती।

79. एड़ी-चोटी का पसीना एक करना-अत्यधिक परिश्रम करना।
अच्छी श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण करना कोई सरल कार्य नहीं है। एड़ी-चोटी का पसीना एक करने पर ही अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।

80. ऐसी-तैसी करना-अपमानित करना/काम खराब करना।
मण्डलीय समीक्षा करते समय मुख्यमन्त्री ने उन अधिकारियों की ऐसी-तैसी कर दी, जो पूरी तैयारी के साथ नहीं आए थे।

81. ओखली में सिर देना-जान-बूझकर अपने को मुसीबत में डालना।
उस नामी गुण्डे को छेड़कर क्यों ओखली में सिर दे रहे हो।

82. कंगाली में आटा गीला होना–विपत्ति में और विपत्ति आना।
श्री गुप्ता की पहले तो नौकरी छूट गई और उसके बाद उनके घर में चोरी हो गई। वास्तव में कंगाली में आटा गीला होना इसे ही कहते हैं।

83. कन्धे से कन्धा मिलाना–सहयोग देना।
देश पर विपत्ति के समय प्रत्येक नागरिक को कन्धे से कन्धा मिलाकर काम करना चाहिए, जिससे दुश्मन हमारा कुछ भी नं बिगाड़ सके।

84. कच्चा चिट्ठा खोलना—गुप्त भेद खोलना।
आपात्कालीन स्थिति ने बड़े-बड़े सफेदपोशों का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया।

85. कमर टूटना–हिम्मत पस्त होना।
पहले तो रमेश के पिताजी का स्वर्गवास हो गया और अब व्यापार में हानि होने से उसकी कमर टूट गई।

86. कलम तोड़ना –अत्यन्त अनूठा, मार्मिक या हृदयस्पर्शी वर्णन करना। स्वामीजी के भक्त पत्रकारों ने उनकी प्रशंसा में कलम तोड़कर रख दी।

87. कलेजा छलनी होना-कड़ी बात से जी दुःखना।
अपनी सौतेली माँ के व्यंग्य-बाणों से दीपक का कलेजा छलनी हो गया है।

88. कलेजा थामना-दु:ख सहने के लिए हृदय को कड़ा करना।
परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाने पर मोहन अपना कलेजा थामकर रह गया।

89. कलेजा धक-धक करना-भयभीत होना।
घने जंगल में घूमते समय हम सभी के कलेजे धक-धक कर रहे थे।

90. कलेजा निकालकर रख देना-सर्वस्व दे देना।
यदि सौतेली माँ अपना कलेजा निकालकर रख दे तो भी बहुत कम व्यक्ति उसकी प्रशंसा करेंगे।

to be continued.....


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