Friday, May 7, 2021

ling ki pribhasha class6th

लिंग की परिभाषा

लिंग की परिभाषा (Ling Ki Paribhasha)

Ling Ki Paribhasha : संज्ञा के जिस रूप में किसी व्यक्ति अथवा वस्तु में स्त्री या पुरुष जाति का बोध होता हैं उसे लिंग कहा जाता हैं ।

जैसे : माता, पिता, यमुना, शेर, शेरनी, भाई , बहन आदि |

लिंग क्या है ?

यह लिंग शब्द संस्कृत का शब्द है जिसका हिंदी में अर्थ है निशान | जिन शब्दों को पढने या सुनने से उसके जाति का बोध होता है उसे लिंग कहा जाता है |

लिंग के भेद

मुख्य रूप से लिंग के तीन भेद होते हैं जो कि इस प्रकार है :
  1.  पुल्लिंग
  2.  स्त्रीलिंग
  3. नपुंसकलिंग

1. पुल्लिंग

संज्ञा के जिन शब्दों में पुरुष जाति का बोध होता है उन शब्दों को पुल्लिंग शब्द कहा जाता हैं ।
जैसे : पिता , राजा , घोडा , कुत्ता , बन्दर , हंस , बकरा , लडकी , आदमी, सेठ , मकान , लोहा , चश्मा , दुःख , प्रेम , लगाव , खटमल , फूल , नाटक , पर्वत , पेड़ , मुर्गा , बैल , भाई , शिव , हनुमान , शेर आदि।

2. स्त्रीलिंग

संज्ञा के  जिन शब्दों में स्त्री जाति का बोध होता है उन शब्दों को स्त्रीलिंग शब्द कहा जाता हैं ।
जैसे : माता, बहन, नर्मदा, मामी, लड़की, लक्ष्मी, गाय , हंसिनी , बकरी , रानी , जूं , सुईं , गर्दन , लज्जा , बनावट , घोड़ी , कुतिया , बंदरिया , कुर्सी , पत्ती , नदी , शाखा , मुर्गी , गाय , बहन , यमुना , बुआ ,  गंगा , औरत , शेरनी , नारी , झोंपड़ी , लोमड़ी आदि ।

3. नपुसकलिंग

संज्ञा के जिन शब्दों में निर्जीव वस्तु का बोध होता है उन शब्दों को नपुसकलिंग शब्द कहा जाता है |

जैसे : कुर्सी, किताब , अलमारी , गाड़ी आदि | 


class 6th 

पुल्लिंग की पहचान

नीचे लिखी संज्ञाएँ सदा पुल्लिग होती हैं:

    1. पर्वतों के नाम: हिमालय, कैलाश, विंध्याचल, आल्पस, अरावली आदि।
    2. फलों के नाम: आम, सेब, केला, संतरा, अमरूद, अनानास, चीकू आदि।
    3. महीनों के नाम: सभी भारतीय महीनों के नाम; जैसे- चैत, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन आदि। जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, जून, अगस्त, सितम्बर, अक्तूबर, नवंबर और दिसम्बर।
    4. दिनों के नाम: सोम, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, रविवार।
    5. समय-सूचक नाम: क्षण, सेकण्ड, मिनट, घंटा, दिन, सप्ताह, पक्ष, माह, वर्ष, युग आदि।
    6. देशों के नाम: भारत, नेपाल, भूटान, थाइलेण्ड, पाकिस्तान, चीन, जापान, रूस, इंडोनेशिया, मालदीव, अमेरिका, फ्रांस आदि।
    7. ग्रहों के नाम: सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, वृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु, नेपच्यून, प्लूटो आदि (अपवाद-पृथ्वी)
    8. धातुओं के नाम: सोना, पीतल, ताम्बा, लोहा आदि (अपवाद-चाँदी)
    9. वृक्षों के नाम: नीम, बरगद, बबूल, आम, अमरूद, अशोक, ताड़ आदि।
    10. अनाजों के नाम: चावल, गेहूँ, मक्का, बाजरा, चना आदि।
    11. द्रव्य पदार्थों के नाम: तेल, घी, दूध, शर्बत, मक्खन आदि। (अपवाद-कॉफी, चाय आदि)
    12. वर्णमाला के अक्षर: सभी वर्ण पुल्लिंग हैं। (अपवाद-इ, ई ऋ)
    13. समूह के नाम: हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर, अंधमहासागर आदि।
    14. मूल्यवान: पत्थर, रत्न, हीरा, पुखराज, नीलम, गोमेध, प्रभा, मोती, माणिक्य आदि (अपवाद-मणि)
    15. जिन शब्दों के अंत में आपा, खाना, त्व, वाला, पन, ऐरा, आव, आर, दान आदि आते हैं, वे शब्द पुल्लिंग होते हैं।



जिन शब्दों के अंत में “ख”, “ज” और “त्र” आता है, वे पुल्लिग होते हैं।

    • ख-सुलेख, सुख, दुःख, लख, नख, शिख आदि।।
    • ज- पंकज, धीरज, नीरज, जलज, सरोज, सरसिज आदि।
    • त्र- चित्र, पत्र, मित्र, नेत्र, पात्र, चरित्र आदि।

    शरीर के कुछ अंग- सिर, बाल, माथा, नाक, गाल, कान, ओठ, मुँह, दाँत आदि।






स्त्रीलिंग की पहचान

नीचे लिखे संज्ञा शब्द सदा स्त्रीलिंग होते हैं:

    1. चाँदी, नदी, हँसी, बोली, गाड़ी, साड़ी, कॉपी, चिट्ठी आदि।
    2. सजावट, मिलावट, घबराहट, थकावट, बनावट आदि।
    3. इका, नायिका, सेविका, गायिका, लेखिका, पाठिका आदि।
    4. इया, गुड़िया, पुड़िया, चिड़िया, बुढ़िया, बिटिया आदि।
    5. वती बलवती, धनवती, पुत्रवती, सौभाग्यवती आदि।
    • अंत में “अ” वाले तत्सम शब्द: प्रिया, अबला, तनुजा, माला, प्रियतमा आदि।
    • इकारांत तत्सम संज्ञाएँ प्रायः स्त्रीलिंग होती हैं: जैसे- भक्ति, जाति, शक्ति, अग्नि आदि।
    • नित्य (सदा) पुल्लिंग शब्द- कुछ ऐसे शब्द हैं जिनका प्रयोग सदा पुल्लिंग में ही किया जाता है: जैसे- कौआ, उल्लू, खटमल, तोता, मच्छर आदि।
    • नित्य (सदा) स्त्रीलिंग शब्द- कुछ शब्दों का प्रयोग सदा स्त्रीलिंग में ही किया जाता है: जैसे- मैना, मछली, आदि।

लिंग बदलो

शब्दों का लिंग-परिवर्तन



पुल्लिंगस्त्रीलिंग
छात्रछात्रा
वरवधू
नरमादा
बेटाबेटी
नेतानेत्री
बूढ़ाबुढ़िया, बुड्ढी
नगरनगरी
रचयितारचयित्री
तपस्वीतपस्विनी
पाठकपाठिका
अनुजअनुजा
कविकवयित्री
प्रियतमप्रियतमा
स्वामीस्वामिनी
नौकरनौकरानी
लालाललाइन
सुधारकसुधारिका
ओझाओझाइन
हितकारीहितकारिणी
सेवकसेविका
जाटजाटनी
चौधरीचौधरानी
याचकयाचिका
दातादात्री
भीलभीलनी
ठगठगिनी
मालिकमालकिन
धनवानधनवती
शिक्षकशिक्षिका
गायकगायिका
प्रियप्रिया
सुतसुता
कर्ताकर्त्री
पंडितपंडिताइन
बाबूबबुआइन
नातीनातिन
गुरूगुरूआइन
लोटालुटिया
बुद्धिमानबुद्धिमती
मूर्खमूर्खा
मालीमालिन
नाईनाइन
चोरचोरनी
धोबीधोबिन
सुनारसुनारिन
कुंवाराकुंवारी
अध्यापकअध्यापिका
आदमीऔरत
साहबसाहिबा
ग्वालाग्वालिन
राजारानी
दूल्हादुल्हन
तेजस्वीतेजस्विनी
मर्दऔरत
शहजादाशहजादी
सोतेलासौतेली
अध्यक्षअध्यक्षा
प्रधानाध्यापकप्रधानाध्यापिका
वीरवीरांगना
विदुरविधवा
शिष्यशिष्या
सेठसेठानी
मज़दूरमज़दूरनी
देवदेवी
दर्शकदर्शिका
अहीरअहीरनी
दर्जीदर्जिन
श्रीमानश्रीमती
आयुष्मानआयुष्मती
अभिनेताअभिनेत्री
कहारकहारिन
गुड्डागुड़िया
वृद्धवृद्धा
नायकनायिका
चौबेचौबाइन
पापीपापिन
युवकयुवती
विधाताविधात्री
लड़कालड़की
डिब्बाडिबिया, डिब्बी
कालाकाली
पहाड़पहाड़ी
दासदासी
टोपटोपी
छोराछोरी
कुम्हारकुम्हारिन
धावकधाविका
मोटामोटी
भिखारीभिखारिन
अधिकारीअधिकारिणी
ठाकुरठाकुराइन
भगवानभगवती
लुहारलुहारिन
स्वामीस्वामिनी
बालकबालिका
नरनारी
श्यामश्यामा
अभिमानीअभिमानिनी
क्षत्रियक्षत्राणी
भवदीयभवदीया
राजपूतराजपूतानी
गूंगागूंगी
महाराजामहारानी
पुत्रवानपुत्रवती
मास्टरमास्टरनी
प्रचारकप्रचारिका
पंडापंडाइन
ब्राह्मणब्राह्मणी
छोटाछोटी
हलवाईहलवाइन
आचार्यआचार्या
बलवानबलवती
ज्ञानवानज्ञानवती
बादशाहबेगम
लेखकलेखिका
नालानाली
तरुणतरुणी
खाटखटिया
वनवासीवनवासिनी
साधुसाध्वी
गोरागोरी
नाटकनाटिका
इंद्रइंद्राणी
मित्रसहेली
पुरुषस्त्री
पुत्रपुत्री
बालबाला
शूद्रशुद्रा
रस्सारस्सी
चंचलचंचला

रिश्ते के लिंग बदलने वाले शब्द

पितामाता
दादादादी
नानानानी
पतिपत्नी
चाचाचाची
भतीजाभतीजी
काकाकाकी
जेठजेठानी
देवरदेवरानी
मामामामी
सालासाली
पोतापोती
फूफाबुआ
मौसामौसी

पशु-पक्षिओं के लिंग बदलने वाले शब्द

शेरशेरनी
बाघबाघिन
सिंहसिंहनी
ऊँटऊँटनी
चीतामादा चीता
घोड़ाघोड़ी
गधागधी
बंदरबंदरिया
नर लोमड़ीलोमड़ी
हंसहंसनी, हंसिनी
हाथीहथिनी
बैलगाय
हिरनहिरनी
कुत्ताकुतिया
गीदड़गीदड़ी, मादा गीदड़
गैंडामादा गैंडा
बछड़ाबछिया
भैंसाभैंस
नर भेड़भेड़
नर छिपकलीछिपकली
बकराबकरी
तोतामादा तोता
मेंढकमेंढकी
मुर्गामुर्गी
मृगमृगी
साँपसाँपिन
रीछरीछनी
मोरमोरनी
नागनागिन
नर मक्खीमक्खी
मच्छरमादा मच्छर
नर कोयलकोयल
नर मैनामैना
खटमलमादा खटमल
चिड़ाचिड़िया
नर गिलहरीगिलहरी
कौआमादा कौआ
उल्लूमादा उल्लू
खरगोशमादा खरगोश
कछुआमादा कछुआ
कबूतरकबूतरी
नर चीलचील
चूहाचुहिया
सूअरसूअरी
नेवलानेवली
नर मछलीमछली
सियारसियारी
नर तितलीतितली        
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Thursday, May 6, 2021

veh chidiya jo class 6th Hindi

कक्षा 6 कविता  

वह चिड़िया जो

वह चिड़िया जो
चोंच मार कर
दूध-भरे जुंडी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे अन्‍न से बहुत प्‍यार है।
वह चिड़िया जो-
कंठ खोल कर
बूढ़े वन-बाबा के खातिर
रस उँडेल कर गा लेती है
वह छोटी मुँह बोली चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे विजन से बहुत प्‍यार है।

वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
चढ़ी नदी का दिल टटोल कर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी गरबीली चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे नदी से बहुत प्‍यार है।



कविता का सार 




इस कविता में लेखक ने नीले पंखों वाली एक छोटी सी संतोषी चिड़िया के बारे में बताया है। उसे प्रकृति की हर वस्तु से अत्यंत लगाव है। कवि कहते हैं कि नीले रंग की छोटी चिड़िया को अन्न से बहुत प्यार है। वह बहुत ही रुचि और संतोष के साथ दूध भरे ज्वार के दाने खाती है। उसे अपने वन से भी बहुत प्यार है। वह बूढ़े वन में घूम-घूम कर अपने मीठे स्वर में वृक्षों के लिए प्यारे गीत गाती है। उसे एकांत और नदी से बहुत प्यार है। वह अत्यंत साहस के साथ उफनती नदी में से अपनी चोंच में पानी की बूंदें भर लाती है। 




वह चिड़िया जो कविता का भावर्थ

वह चिड़िया जो-

चोंच मार कर

दूध-भरे जुंडी के दाने

रुचि से, रस से खा लेती है

वह छोटी संतोषी चिड़िया

नीले पंखोंवाली मैं हूंँ

मुझे अन्न से बहुत प्यार है।



अर्थ: प्रथम पद में लेखक एक नीले पंखों वाली छोटी चिड़िया का उल्लेख करते हुए बता रहे हैं कि यह चिड़िया बहुत ही संतोषी है तथा उसे अन्न से बहुत प्यार है। वह दूध से भरे ज्वार के दानों को बहुत ही रुचि से और रस लेकर खाती है, अर्थात कवि इस पद के माध्यम से स्वयं के संतोषी होने तथा अन्न के महत्व के बारे में बता रहे हैं।


वह चिड़िया जो-

कंठ खोलकर

बूढ़े वन-बाबा की ख़ातिर

रस उंँडेल कर गा लेती है

वह छोटी मुंँह बोली चिड़िया

नीले पंखोंवाली मैं हूंँ

मुझे विजन से बहुत प्यार है।



 अर्थ: द्वितीय पद में लेखक बता रहे हैं कि इस नन्ही चिड़िया को उस वन से भी बहुत प्यार है जिसमें वह रहती है तथा अपने बूढ़े वन बाबा और उसके वृक्षों के लिए वह अपने मीठे कंठ से मधुर और सुरीला गीत गाती है। उसे एकांत में रहना पसंद है तथा वह प्रकृति के साथ इस गीत का अकेले में आनंद लेना चाहती है।


वह चिड़िया जो-

चोंच मार कर

चढ़ी नदी का दिल टटोल कर

जल का मोती ले जाती है

वह छोटी ग़रबीली चिड़िया

नीले पंखोंवाली मैं हूंँ

मुझे नदी से बहुत प्यार है।



 अर्थ: अंतिम पद में कवि कहना चाहते हैं कि यह नीले पंखों वाली छोटी सी चिड़िया अत्यंत साहसी और गर्व से भरी हुई है क्योंकि यह चिड़िया छोटी होने के बाद भी उफनती हुई नदी के ऊपर से जल रूपी मोती ले आती है अर्थात जल से अपनी प्यास बुझा लेती है और नदी से और उसके जल से भी बहुत प्यार करती है। 




वह चिड़िया जो प्रश्न-उत्तर:


प्र 1 कविता को पढ़ कर तुम्हारे मन में चिड़िया का जो चित्र उभरता है , उस चित्र को कागज़ पर बनाओ। 


प्र.2 . तुम्हें कविता का कोई और शीर्षक देना हो तो तुम क्या शीर्षक देना चाहोगे? उपयुक्त शीर्षक सोचकर लिखो।

उ.  अगर हमें इस कविता को कोई और शीर्षक देना हो, तो हम इसे ‘चहचहाती नन्ही चिड़िया’ शीर्षक देंगे।


प्र.3 . इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीजों से प्यार है?

उ. इस कविता के आधार पर नन्ही चिड़िया को खेतों में लगे जौ-बाजरे की फलियों से, वन से, एकांत से तथा जिस नदी से वह ठंडा पानी पीती है, उससे बहुत प्यार है।


प्र.4 . कवि ने चिड़िया को छोटी ,संतोषी, मुंह बोली और गरबीली चिड़िया इसलिए कहा है ?


उ. कवि ने चिड़िया को छोटी ,संतोषी, मुंह बोली और गरबीली चिड़िया इसलिए कहा है क्योंकि चिड़िया का आकार बहुत बड़ा नहीं है ,वह अनाज के दाने चाव से खाकर संतोष कर लेती है । वह मधुर स्वर में गाती है, अतः सब उससे प्यार करते हैं।



प्र.5.  आशय स्पष्ट करो:


(क ) आशय स्पष्ट करो:


उ. इस पंक्ति का आशय यह है कि चिड़िया खुश होकर गाने लगती है। उसके गाने में इतना मीठापन है कि जब वो गाती है, तो ऐसा लगता है जैसे उसने वातावरण में मीठा रस घोल दिया है।



(ख ) रस उंडेल कर गा लेती है

    जल का मोती ले जाती है।


उ. इस पंक्ति का आशय यह है कि चिड़िया साहसी है। वह यूं ही बहती नदी से जल लेकर अपनी प्यास नहीं बुझाती, बल्कि उफनती हुई नदी के बीच से जल की बून्द रूपी मोती लेती है। इसी के साथ, वह नदी की भावनाओं का भी ध्यान रखकर, उसका मन टटोलकर, उसके जल से अपनी प्यास बुझाती है।


Wednesday, May 5, 2021

Windows poem class7th

Windows 

poem class7th



Summary of the Poem


            The poem ‘Windows’ is written by Wes Magee. The poem is about a student who walks down the long corridor and sees different things. He sees colourful picture covers of books and animals of the places he had never visited. The poet ties to bring out the feelings of a student about the classroom and its surroundings. The student looks onto the worlds, through a window, he has never visited where he sees white clouds, icebergs, waterfalls and many other things. He is always willing to carry messages or registers to other classrooms or office as it gives him a chance of seeing these things repeatedly.



Windows 

poem class7th Questions and Answers

Reading is Fun |Questions and Answers

Q. 1. Where does the speaker walk?
Ans. The speaker who is a student walks down the long corridor on the way to his classroom.

Q. 2. What ‘view’ does he get from the window of the classroom? Is it dull or exciting? Pick out words in support of your answer.
Ans. From the window of the classroom, the poet sees a familiar view . It is dull because it has deserted playground, the grey November sky, rows of houses and chimneys of closed – down factories.

Q.3. Why does the family cower in the cave?
Ans. The family cowers in the cave because of fear of becoming prey to a sabre-tooth ( wild cat). The family has apprehension that the wild cat may attack them. They rescue themselves from wild beasts.

Q. 4. Why is the playground deserted?

Ans. The playground is deserted because there is no one playing or moving in the ground. Children are busy in classrooms, and it is cold outside.



Windows 

poem class7th Questions and Answers


Q. 5. Name the things, which the speaker sees in stanza 3.

Ans. The speaker sees a desolate playground, a grey November sky, row of houses and chimneys of closed-down factory.

Q. 6. Why is the speaker willing to take the register or messages to the office and the classroom?
Ans. The speaker is willing to bring registers or messages to the office and the classroom because it gives him an opportunity to see interesting stuff again and again.


Q. 7. Who is ‘I’ in this poem?

Ans. ‘I’ is the persona/speaker of the poem and the persona is a student in the poem.

Language Work

1. Fill in the blanks with the words given below:

Looks, willing, classroom, waterfalls, Africa, walks, sees, visited

The poem is about a student who walks down the long corridor and sees different things. He, looks onto the worlds, through a window, he has never visited. He also sees elephants in Africa, a jet airliner cruising far above the white clouds, waterfalls, icebergs, and many other things. He is always willing to carry messages or registers to other classrooms or offices as it gives him a chance of seeing these things again, and again.

2. Write down at least five words, which have been, repeated in the poem.

Ans. Many words have been repeated in the poem such as classroom, world, walk, window, down, see, corridor, etc.,

Let’s Talk

Did you enjoy the poem? Why? Talk to other students about the things you see in your classroom and outside your classroom.

Ans. The poem is very beautiful. I enjoyed it because is about the student who sees the various things while walking down the corridor. It relates to my experience. In my classroom, I see a large number of things. I see many students of different sorts. I see whiteboards, chairs, pictures on walls, and smiling faces in my classroom and trees of different sizes, green grass, animals, birds, and many other enjoyable things outside my classroom. All these things are enjoyable.

Let’s Write

1) a) Write a short description of your classroom.


Ans. I am a student of the seventh standard. There are 30 students in my classroom. The classroom is on the ground floor of the school building. It is spacious and beautiful. It is 20 feet long and 12 feet wide. It is ventilated. It has two doors and three windows. Its walls are all whitewashed. It has three windows and a door. It has a cemented floor. It has a big whiteboard. There are one comfortable chair and a big table for the teacher. There are two rows of desks for boys and girls. My classroom is good and airy. I love my classroom.


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