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Monday, June 28, 2021

Main Sabse Chhoti Houn Hindi Kavita Class 6th

 मैं सबसे छोटी होऊं

हिंदी कविता कक्षा 6 


मैं सबसे छोटी होऊँ

तेरी गोदी में सोऊँ


तेरा आँचल पकड़-पकड़कर

फिरू सदा माँ तेरे साथ

कभी न छोड़ूँ तेरा हाथ


बड़ा बनाकर पहले हमको

तू पीछे छलती है मात

हाथ पकड़ फिर सदा हमारे

साथ नहीं फिरती दिन-रात


अपने कर से खिला, धुला मुख

धूल पोंछ, सज्जित कर गात

थमा खिलौने, नहीं सुनाती

हमें सुखद परियों की बात


ऐसी बड़ी न होऊँ मैं

तेरा स्‍नेह न खोऊँ मैं

तेरे अंचल की छाया में

छिपी रहूँ निस्‍पृह, निर्भय

कहूँ दिखा दे चंद्रोदय


मैं सबसे छोटी होऊं कविता का भावार्थ भाग 1 


मैं सबसे छोटी होऊँ

तेरी गोदी में सोऊँ


तेरा आँचल पकड़-पकड़कर

फिरू सदा माँ तेरे साथ

कभी न छोड़ूँ तेरा हाथ

मैं सबसे छोटी होऊं कविता का भावार्थ-  

मैं सबसे छोटी होऊं कविता के प्रथम पद में बच्ची कह रही है कि काश मैं अपनी मांँ की सबसे छोटी संतान बनूं ताकि मैं उनकी गोदी में प्यार से सो सकूँ। प्यार से उनका आंँचल पकड़कर, हमेशा उनके साथ घूमती रहूँ और उनका हाथ कभी ना छोड़ूं।


बड़ा बनाकर पहले हमको

तू पीछे छलती है मात

हाथ पकड़ फिर सदा हमारे

साथ नहीं फिरती दिन-रात

मैं सबसे छोटी होऊं कविता का भावार्थ- 

मैं सबसे छोटी होऊं कविता के इस पद में बालिका कह रही है कि जैसे ही हम बड़े हो जाते हैं, मांँ हमारा साथ छोड़ देती है। फिर वह दिन-रात हमारे आगे-पीछे नहीं घूमती, इसलिए हमें छोटा ही बने रहना चाहिए।



 

मैं सबसे छोटी होऊं कविता का भावार्थ भाग 2  

अपने कर से खिला, धुला मुख

धूल पोंछ, सज्जित कर गात

थमा खिलौने, नहीं सुनाती

हमें सुखद परियों की बात

मैं सबसे छोटी होऊं कविता का भावार्थ- 

मैं सबसे छोटी होऊं कविता में बच्ची आगे कहती है कि बड़े होने के बाद माँ हमें अपने हाथ से नहलाती नहीं, ना ही सजाती और संवारती है। फिर तो माँ हमें प्यार से एक जगह बिठा कर खिलौनों से नहीं खिलाती और परियों की कहानी भी नहीं सुनाती।


ऐसी बड़ी न होऊँ मैं

तेरा स्‍नेह न खोऊँ मैं

तेरे अंचल की छाया में

छिपी रहूँ निस्‍पृह, निर्भय

कहूँ दिखा दे चंद्रोदय

मैं सबसे छोटी होऊं कविता का भावार्थ- 

मैं सबसे छोटी होऊं कविता के अन्तिम पद में बच्ची कह रही है कि मुझे बड़ा नहीं बनना है क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो मैं माँ के आंँचल का साया खो दूंगी, जिसमें मैं निर्भय और सुरक्षित होकर आराम से सो जाती हूं।

तः बच्ची हमेशा छोटी ही रहना चाहती है क्योंकि बड़ा होने के बाद उसे मांँ का प्यार और दुलार नहीं मिल पाएगा।



मैं सबसे छोटी होऊं हिंदी कविता कक्षा 6 

मैं सबसे छोटी होऊं प्रश्न – उत्तर


प्र .1. कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना क्यों की गई है?

उत्तर.1:- कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना इसीलिए की गई है क्योंकि परिवार के सबसे छोटे सदस्य को सबसे अधिक प्यार और दुलार मिलता है और सबसे ज़्यादा वो मांँ का लाडला होता है। उसे मांँ का सबसे अधिक प्यार और देखभाल मिलती है।


प्र .2. कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं’ क्यों कहा गया है?

उत्तर.2:-  ऐसा इसीलिए कहा गया है ताकि उसे हमेशा अपनी मांँ का स्नेह और उनके आंँचल का दुलार मिलता रहे।


प्र .3.कविता में किसके आँचल की छाया में छिपे रहने की बात कही गई है और क्यों?

उत्तर.3:- कविता में अपनी मां के आंँचल की छाया में छिपे रहने की बात कही गई है और इसीलिए कही गई है क्योंकि बच्चों को सबसे ज़्यादा प्यार उनकी मां ही करती है तथा उसकी गोद में बच्चा अपने आप को सुरक्षित व चिंतामुक्त महसूस करता है।


प्र.4. आशय स्पष्ट करो –

“हाथ पकड़ फिर सदा हमारे

साथ नहीं फिरती दिन-रात!”

उत्तर.4:- इस पंक्ति का आशय यह है कि जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, वैसे-वैसे मांँ का साथ छूटता जाता है और वो हमारे साथ हर समय हमेशा नहीं रह पाती।

 

प्र.5. कविता से पता करके लिखो कि माँ बच्चों के लिए क्या-क्या काम करती है? तुम स्वयं सोचकर यह भी लिखो कि बच्चों को माँ के लिए क्या-क्या करना चाहिए?

उत्तर.5:-  प्रस्तुत कविता में मां बच्चे को हमेशा अपने आंचल के साए में रखती है, प्यार से गोदी में सुलाती है, खाना खिलाती है, नहलाती, सजाती और संवारती है। इसके साथ-साथ उस परियों की कहानी और लोरी भी सुनाती है।

हम बच्चों को भी यह चाहिए कि हम अपनी मां की हर बात मानें, उनको छोटी – छोटी बातों में परेशान ना करें, यथासंभव हर काम में उनकी मदद करें तथा उनके स्वास्थ्य और सेहत का ध्यान रखें। उन्हें हमेशा खुश रखें जैसे वह हमें हमेशा खुश रखती हैं।

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