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Wednesday, June 2, 2021

Future Tense Explained (with hindi)

 Future Tense Explained (with hindi)


JKBOSE Solutions For Class 5th to 12th


Simple Future Tense Formula for First Person Singular/ Plural

The formula for Simple Future Tense when the First Person is Singular or Plural is that the sentence starts with the subject i.e I/ We, then a verb in its 1st form, followed by an object which is optional.

So, we can say that the formula for Simple Future Tense for First Person Singular is as follows -

I/ We + shall + verb (1st form)+ object (optional)

Let us see some example sentences with formula for Simple Future Tense when the First Person is Singular/ Plural:

1) I  shall study hard for exams.

मैं परीक्षा के लिए कठिन अध्ययन करूँगा।

2) I shall go to work every day.

 मैं हर दिन काम पर जाऊँगा।

3) We shall sleep late on Saturdays.

 हम शनिवार को देर से सोएंगे।

4) I shall see a movie every week.

 मैं हर हफ्ते एक फिल्म देखूँगा।

5) We shall swim on Sundays.          

हम रविवार को तैरेंगे।


For converting these sentences into negative sentences the formula is that you add ‘shall not’ before the root form of the verb and the rest of the rule remains the same.

I/ We + shall not + verb (1st form)+ object (optional)

Let us see some examples of negative sentences with the formula for Simple Future Tense when the First Person is Singular /Plural:

1) I shall not study hard for exams.

 मैं परीक्षा के लिए कठिन अध्ययन नहीं करूँगा।

2) I shall not go to work everyday.

मैं रोज काम पर नहीं जाऊँगा।

3) We shall not sleep late on Saturdays.

हम शनिवार को देर से नहीं सोएंगे।

4) I shall not watch a movie every week.

मैं हर हफ्ते एक फिल्म नहीं देखूंगा।

5) We shall not swim on Sundays.

हम रविवार को नहीं तैरेंगे।

JKBOSE Solutions For Class 5th to 12th

For converting these sentences into interrogative sentences the formula is that you add Shall at the start of the sentence followed by Subject and the rest of the rule remains the same.


Shall + I/ We + verb (1st form)+ object (optional)?


Let us see some examples of interrogative sentences with the formula for Simple Future Tense when the Person is Singular/ Plural:

1) Shall I study hard for exams?

क्या मैं परीक्षा के लिए कठिन अध्ययन करूंगा?

2) Shall I go to work everyday?

क्या मैं रोज़ काम पर जाऊंगा?

3) Shall we sleep late on Saturdays?

क्या हम शनिवार को देर से सोएंगे ?

4) Shall I watch a movie every week?

 क्या मैं हर हफ्ते एक फिल्म देखूंगा?

5) Shall we swim on Sundays?

क्या हम रविवार को तैरेंगे?


For converting these sentences into negative interrogative sentences the formula is that you add ‘Shall’ at the start of the sentence, then the subject and then ‘not’ and the rest of the rule remains the same.


Shall + I/ We + not + verb (1st form)+ object (optional)?


Let us see some examples of interrogative sentences with the formula for Simple Future Tense when the Person is Singular/ Plural:


1) Shall I not study hard for exams?

क्या मैं परीक्षा के लिए कठिन अध्ययन नहीं करूंगा?

2) Shall I not go to work everyday?

 क्या मैं रोज़ काम पर नहीं जाऊंगा?

3) Shall we not sleep late on Saturdays?

क्या हम शनिवार को देर से नहीं सोएंगे?

4) Shall I not watch a movie every week?

क्या मैं हर हफ्ते एक फिल्म नहीं देखूंगा?

5) Shall we not swim on Sundays?

क्या हम रविवार को नहीं तैरेंगे?

JKBOSE Solutions For Class 5th to 12th

 

Simple Future Tense Formula for Second Person, Third Person Singular/ Plural

The formula for Simple Future Tense when the Second Person, Third Person Singular/ Plural are involved is that the sentence starts with You/ He/ She/ Common or proper nouns/ They, with will and  then a verb in its 1st form followed by an object which is optional.

So, we can say that the formula for Simple Future Tense for Second Person, Third Person Singular/ Plural is as follows -


You/ He/ She/ Common or proper nouns/ They + will + verb (1st form)+ object (optional)


Let us see some example sentences with formula for Simple Future Tense when the Second Person, Third Person Singular/ Plural are involved:


1) You will study hard for exams.

आप परीक्षा के लिए कठिन अध्ययन करेंगे।

2) He will go to work every day.

वह प्रतिदिन काम पर जाएगा।

3) He will sleep late on Saturdays.

वह शनिवार को देर से सोएगा।

4) Girls will see a movie every week.

 लड़कियां हर हफ्ते एक फिल्म देखेंगी।

5) They will swim on Sundays.

 वे रविवार को तैरेंगे।


For converting these sentences into negative sentences the formula is that you add ‘not’ before the verb and the rest of the rule remains the same.


You/ He/ She/ Common or proper nouns/ They + will + not + verb (1st form)+ object (optional)


 


Let us see some examples of negative sentences with the formula for Simple Future Tense when the Second Person, Third Person Singular/ Plural are involved:


1) You will not study hard for exams.

आप परीक्षा के लिए कठिन अध्ययन नहीं करेंगे।

2) He will not go to work everyday.

 वह रोज काम पर नहीं जाएगा।

3) She will not sleep late on Saturdays.

वह शनिवार को देर से नहीं सोएगा।

4) Girls will not watch a movie every week.

 लड़कियाँ हर हफ्ते एक फिल्म नहीं देखेगी।

5) They will not swim on Sundays.

वे रविवार को नहीं तैरेंगे।


For converting these sentences into interrogative sentences the formula is that you add ‘Will’  at the start of the sentence followed by the subject and the rest of the rule remains the same.


Will + [subject] + verb (root form) + object(optional)?


Let us see some examples of interrogative sentences with the formula for Simple Future Tense when the Second Person, Third Person Singular/ Plural are involved :


1) Will you study hard for exams?

 क्या आप परीक्षा के लिए कठिन अध्ययन करेंगे?

2) Will he go to work everyday?

क्या वह रोज़ काम पर जाएगा?

3) Will she sleep late on Saturdays?

क्या वह शनिवार को देर से सोएगा?

4) Will girls watch a movie every week?

क्या लड़कियाँ हर हफ्ते एक फिल्म देखेगी?

5) Will they swim on Sundays?

 क्या वे रविवार को तैरेंगे?


For converting these sentences into negative interrogative sentences the formula is that you add ’Will’ at the start of the sentence, then the subject and then ‘not’ and the rest of the rule remains the same.


Will + [subject] + not + verb (root form) + object (optional)?


Let us see some examples of interrogative sentences with the formula for Simple Future Tense when Second Person, Third Person Singular/ Plural are involved:


1) Will you not study hard for exams?

क्या आप परीक्षा के लिए कठिन अध्ययन नहीं करेंगे?

2) Will he not go to work everyday?

 क्या वह रोज़ काम पर नहीं जाएगा?

3) Will she not sleep late on Saturdays?

 क्या वह शनिवार को देर से नहीं सोएगा?

4) Will girls not watch a movie every week?

क्या लड़कियां हर हफ्ते एक फिल्म नहीं देखेंगी?

5) Will they not swim on Sundays.

 क्या वे रविवार को नहीं तैरेंगे?

Monday, May 24, 2021

Aise-Aise class6th Hindi path

पाठ 7

ऐसे-ऐसे

 विष्णु प्रभाकर

 पाठ-परिचय –

प्रस्तुत एकांकी विष्णु प्रभाकर जी की रचना है। इस एकांकी के माध्यम से उन्होंने बताया है कि जब बच्चों का विद्यालय का कार्य पूरा नहीं होता तो वह कैसे-कैसे बहाने करते हैं। इस एकांकी में एक बच्चा काम पूरा न होने पर पेट दर्द का बहाना करता है। डॉक्टर, वैद्य सभी उसको देखने आते हैं। अपनी-अपनी राय बता कर चले जाते हैं। अंत में अध्यापक आकर उसकी बीमारी को पकड़ता है।

एकांकी के प्रमुख पात्र –

 ‘ऐसे-ऐसे’ एक एकांकी है। इस एकांकी के प्रमुख पात्र हैं - मोहन एक विद्यार्थी, दीनानाथ एक पड़ोसी. मोहन की माँ, मोहन के पिता, मास्टर जी, वैद्य जी, डॉक्टर और एक पडोसिन।

पाठ का सारांश

इस एकांकी में मोहन एक विद्यार्थी हैं जो तीसरी कक्षा में पढ़ता है। उसकी उम्र लगभग 9 साल है। उसके पेट में दर्द है। माता-पिता के पूछने पर वह बस यही कहता है कि ऐसे-ऐसे हो रहा है। उसके पेट में ऐसे-ऐसे क्यों हो रहा है यह किसी को भी समझ में नहीं आता। उसकी माँ उसे सेंक लेने को कहती है तथा डॉक्टर को बुलाती है।

 पड़ोस के दीनानाथ जी उसे देखने आते हैं और मोहन के पेट की जाँच कर बताते हैं कि वात का प्रकोप है, इसलिए पेट में दर्द है। एक पुड़िया देते है और आधे-आधे घंटे बाद गर्म पानी से देने को कहते हैं। वैद्य जी ने बताया कि दो-तीन दस्त होंगे और सब ठीक हो जाएगा।

 कुछ देर में डॉक्टर भी मोहन के इलाज के लिए आ जाता है। वह उसके चेहरे को देखकर कहते हैं कि इसे काफ़ी दर्द हो रहा है। डॉक्टर साहब जी मोहन के पेट में कब्ज ही बताते हैं। वह कहते हैं कि मैं अभी दवाई भिजवाता हूँ, एक खुराक पीने के बाद तबीयत सुधर जाएगी। वह कहते हैं कि कभी-कभी पेट में हवा रुक जाती है, वहाँ फंदा डाल लेती है। इसलिए दर्द होता है। मोहन के पिता डॉक्टर साहब को 10 देते हैं। तभी पड़ोसन भी मोहन को देखने आती है। वह भी चिंतित है। पड़ोसिन कहती है कि लगता है कोई नई बीमारी है।माँ कहती है कि इसने तो कुछ भी नहीं खाया।

मास्टर जी को भी पता चलता है कि मोहन के पेट में ऐसे-ऐसे हो रहा है। वह भी मोहन के घर आ पहुँचते हैं। मोहन के पास आकर उससे कहते हैं- चेहरा उतरा हुआ है। वह कहते हैं – दादा, कल तो स्कूल जाना है। तुम्हारे बिना कक्षा में रौनक नहीं रहेगी। वे बताते हैं कि मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है। वह मोहन से कहते हैं कि बेशक कल विद्यालय मत आना पर विद्यालय का काम पूरा कर लिया है न ? मोहन बताता है कि उसके कुछ सवाल रह गए हैं। मास्टर जी समझ गए कि दर्द का बहाना यही बात है। यह ऐसे-ऐसे काम न करने का डर है।

 मोहन मुँह छिपा लेता है। मास्टर हँसकर बताते हैं कि मोहन ने महीना भर मौज-मस्ती की। स्कूल का काम बिछड़ गया, डर के मारे इसके पेट में ऐसे-ऐसे होने लगा। मास्टर जी उसे कहते हैं तुम्हें 2 दिन की छुट्टी मिलेगी। उसमें काम पूरा कर लो और तुम्हारा ऐसे-ऐसे दूर हो जाएगा। उसी समय पिताजी दवा लेकर आते हैं। मां मोहन को डांट रही है कि तेरे चक्कर में 15-20 खर्च हो गए। वह पिताजी को सच्चाई बताती है। पिताजी चौक पड़ते हैं। दवा की शीशी हाथ से छूट कर गिर जाती है। उसी क्षण मोहन उठ खड़ा होता है। एक क्षण तक सभी मोहन को देखते रहते हैं। फिर हंस पड़ते हैं। माँ उसे ठगी सी देखती है।


पाठ  7 – ऐसे-ऐसे

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास


एकांकी से

प्रश्न 1. ‘सड़क के किनारे एक सुंदर फ्लैट में बैठक का दृश्य। उसका एक दरवाज़ा सड़क वाले बरामदे में खुलता है ……. उस पर एक फोन रखा है। इस बैठक की पूरी तस्वीर बनाओ।

उत्तर: बैठक में फ़र्श पर कालीन बिछा है। इसके ऊपर सोफा सेट रखा है। कोने में तिपाही पर फूलदान सज़ा है। दूसरे कोने में टेबल लैंप रखा है। कमरे के बीच में शीशे की मेज़ रखी है। मेज़ पर अखबार और पत्रिकाएँ रखी हैं। दीवार पर दो सुंदर पेंटिंग टॅगी हुई है।

छात्र दिए गए विवरण के आधार पर चित्र बनाएँ।छात्र स्वयं चित्र बनाये। 


प्रश्न 2. माँ मोहन के ऐसे-ऐसे कहने पर क्यों घबरा रही थी ?

उत्तर: माँ का घबराना स्वाभाविक था क्योंकि मोहन कुछ बताता ही नहीं था बस ऐसे-ऐसे किए जा रहा था। माँ ने सोचा पता नहीं यह कौन-सी बीमारी है और कितनी भयंकर है। इसलिए मोहन की माँ घबरा गई थी।


प्रश्न 3. ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं ? ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो।

उत्तर: ऐसे अनेक बहाने होते हैं जैसे आज स्कूल में कुछ नहीं होगा बस सफाई कराई जाएगी। कुछ छात्र कहते हैं कि मैं रात में पढ़ाई कर रहा था मेरी किताब और कापी वहीं छूट गई। कभी-कभी छात्र किसी दूर के रिश्तेदार की बीमारी का बहाना बना लेते हैं।


पाठ  7 – ऐसे-ऐसे

कक्षा 6

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. जब तुम्हारी तबीयत खराब होती है तो तुम्हारे घरवालों का व्यवहार तुम्हारे प्रति कैसा रहता है ? इसे शिक्षक को बताओ।

उत्तर: जब हमारी तबीयत खराब होती है तो हमारे घरवाले बेहद परेशान हो जाते हैं पहले तो वे घर में रखी कोई चीज देते हैं जिससे तबीयत ठीक हो जाए। वे तुरंत डॉक्टर को बुलाते हैं। वे कभी कुछ पूछते हैं कभी कुछ। जब तक आराम नहीं आ जाता वेखाना-पीना तक भूल जाते हैं।

प्रश्न 2. मान लो कि तुम मोहन की तबीयत पूछने जाते हो। तुम अपने और मोहन के बीच की बातचीत को संवाद के रूप में लिखो।

उत्तर: मैं : अरे मोहन! तुम्हारी कैसी तबीयत है ?

मोहन : मेरे पेट में बहुत दर्द है।

मैं : तुमने कल क्या खाया था ?

मोहन : कल तो मैंने कुछ भी नहीं खाया। 

मैं : जब कुछ भी नहीं खाया तो दर्द कैसे हो गया।

मोहन : पता नहीं कैसे हो गया यार। 

मैं : किसी डॉक्टर को दिखाया या नहीं ?

मोहन : हाँ डॉक्टर को दिखाया है वे दवाई दे गए हैं। 

मैं : चलो अच्छा है जल्दी ही ठीक हो जाओगे।

प्रश्न 3. ‘नाटक’ शब्द का आम जिंदगी में कब-कब इस्तेमाल किया जाता है ? सोचकर लिखो।

उत्तर: नाटक शब्द का आम जिंदगी में तब इस्तेमाल किया जाता है जब हमें कोई बहाना बनाना होता है।


प्रश्न 4. संकट के समय के लिए कौन-कौन से नंबर याद रखे जाने चाहिए। पुलिस, फायर ब्रिगेड और डॉक्टर से तुम कैसे बात करोगे?

उत्तर: संकट के समय पुलिस, फायर बिग्रेड़ और हॉस्पिटल एवं चिकित्सक के नंबर याद रखे जाने चाहिए। यदि कोई वारदात होती है तो पुलिस को जानकारी देंगे। यदि कहीं आग लगती है तो फायर बिग्रेड को खबर देंगे। यदि कोई बीमार है तो डॉक्टर को फोन करेंगे। हम पुलिस को कहेंगे कि अमुक स्थान पर कोई दुर्घटना हो गई है जल्दी पहुँचिए, फायर बिग्रेड को फोन करके घटना की जानकारी देंगे कि अमुक स्थान पर आग लगी है। रास्ता इधर-उधर से है जल्दी आ जाइए। डॉक्टर को कहेंगे कि मेरे अमुक रिश्तेदार की तबियत खराब है। आप जल्दी से जल्दी आकर उनकी हालत का जायजा लीजिए।


पाठ 7

ऐसे-ऐसे

भाषा की बात

(क) मोहन ने केला और संतरा खाया।

(ख) मोहन ने केला और संतरा नहीं खाया।

(ग) मोहन ने क्या खाया ?

(घ) मोहन केला और संतरा खाओ।

उपर्युक्त वाक्यों में से पहला वाक्य एकांकी से लिया गया है। बाकी तीन वाक्य देखने में पहले वाक्य से मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ अलग-अलग हैं। पहला वाक्य किसी कार्य या बात के होने के बारे में बताता है। इसे विधिवाचक वाक्य कहते हैं। दूसरे वाक्य का संबंध उस कार्य के न होने से है, इसलिए उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। (निषेध का अर्थ नहीं या मनाही होता है।) तीसरे वाक्य में इसी बात को प्रश्न के रूप में पूछा जा रहा है, ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक कहलाते हैं। चौथे वाक्य में मोहन से उसी कार्य को करने के लिए कहा जा रहा है। इसलिए उसे आदेशवाचक वाक्य कहते हैं। अगले पृष्ठ पर एक वाक्य दिया गया है। इसके बाकी तीन रूप तुम सोचकर लिखो –

बताना :         रुथ ने कपड़े अलमारी में रखे।

नहीं/मना करना :     रुथ ने कपड़े अलमारी में नहीं रखे।

पूछना :     क्या रुथ ने कपड़े अलमारी में रखे।

आदेश देना :     रुथ कपड़े अलमारी में रखो।

Tuesday, May 18, 2021

Kriya ki Paribhasha aur Bhed

 Kriya ki Paribhasha, Prakar, Bhed aur Udaharan (Examples)  

– Hindi Grammar

Kriya aur Uske Bhedhon ki paribhasha



क्रिया किसे कहते हैं और उसके कितने भेद हैं ? क्रिया के भेदों की परिभाषा लिखो। 



वाक्य में किसी काम के करने या होने का भाव क्रिया ही बताती है। अतएव, ‘जिससे काम का होना या करना समझा जाय, उसे ही ‘क्रिया’ कहते हैं।’ जैसे-


लड़का मन से पढ़ता है और परीक्षा पास करता है।


उक्त वाक्य में ‘पढ़ता है’ और ‘पास करता है’ क्रियापद हैं।


1. क्रिया का सामान्य रूप ‘ना’ अन्तवाला होता है। यानी क्रिया के सामान्य रूप में ‘ना’ लगा रहता है।


जैसे-

खाना : खा

पढ़ना : पढ़

सुनना : सुन

लिखना : लिख आदि।


नोट : यदि किसी काम या व्यापार का बोध न हो तो ‘ना’ अन्तवाले शब्द क्रिया नहीं कहला सकते।

जैसे-

सोना महँगा है। (एक धातु है)

वह व्यक्ति एक आँख से काना है। (विशेषण)

उसका दाना बड़ा ही पुष्ट है। (संज्ञा)


2. क्रिया का साधारण रूप क्रियार्थक संज्ञा का काम भी करता है।

जैसे-

सुबह का टहलना बड़ा ही अच्छा होता है।

इस वाक्य में ‘टहलना’ क्रिया नहीं है।

निम्नलिखित क्रियाओं के सामान्य रूपों का प्रयोग क्रियार्थक संज्ञा के रूप में करें :


नहाना

कहना

गलना

रगड़ना

सोचना

हँसना

देखना

बचना

धकेलना

रोना

निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त क्रियार्थक संज्ञाओं को रेखांकित करें :

1. माता से बच्चों का रोना देखा नहीं जाता।

2. अपने माता-पिता का कहना मानो।

3. कौन देखता है मेरा तिल-तिल करके जीना।

4. हँसना जीवन के लिए बहुत जरूरी है।

5. यहाँ का रहना मुझे पसंद नहीं।।

6. घर जमाई बनकर रहना अपमान का घूट पीना है।

7. मजदूरों का जीना भी कोई जीना है?

8. सर्वशिक्षा अभियान का चलना बकवास नहीं तो और क्या है?

9. बड़ों से उनका अनुभव जानना जीने का आधार बनता है।

10. गाँधी को भला-बुरा कहना देश का अपमान करना है।


मुख्यतः क्रिया के दो प्रकार होते हैं

1. सकर्मक क्रिया

“जिस क्रिया का फल कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़े, उसे ‘सकर्मक क्रिया’  कहते हैं।”


अतएव, यह आवश्यक है कि वाक्य की क्रिया अपने साथ कर्म लाये। यदि क्रिया अपने साथ कर्म नहीं लाती है तो वह अकर्मक ही कहलाएगी। नीचे लिखे वाक्यों को देखें :

(i) प्रवर अनू पढ़ता है। (कर्म-विहीन क्रिया)

(ii) प्रवर अनू पुस्तक पढ़ता है। (कर्मयुक्त क्रिया)


प्रथम और द्वितीय दोनों वाक्यों में ‘पढ़ना’ क्रिया का प्रयोग हुआ है; परन्तु प्रथम वाक्य की क्रिया अपने साथ कर्म न लाने के कारण अकर्मक हुई, जबकि द्वितीय वाक्य की वही क्रिया अपने साथ कर्म लाने के कारण सकर्मक हुई।


2. अकर्मक क्रिया

“वह क्रिया, जो अपने साथ कर्म नहीं लाये अर्थात् जिस क्रिया का फल या व्यापार कर्ता पर ही पड़े, वह अकर्मक क्रिया कहलाती है।”

जैसे-

उल्लू दिनभर सोता है। 

इस वाक्य में ‘सोना’ क्रिया का व्यापार उल्लू (जो कर्ता है) ही करता है और वही सोता भी है। इसलिए ‘सोना’ क्रिया अकर्मक हुई।

कुछ क्रियाएँ अकर्मक सकर्मक दोनों होती हैं। नीचे लिखे उदाहरणों को देखें-

1. उसका सिर खुजलाता है। (अकर्मक)

2. वह अपना सिर खुजलाता है। (सकर्मक)

3. जी घबराता है। (अकर्मक)

4. विपत्ति मुझे घबराती है। (सकर्मक)

5. बूंद-बूंद से तालाब भरता है। (अकर्मक)

6. उसने आँखें भर के कहा (सकर्मक)

7. गिलास भरा है। (अकर्मक)

8. हमने गिलास भरा है। (सकर्मक)


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Bachpan class 6th lesson 2 Text and Solutions

 JKBOSE Class 6 


Hindi 

Bachapan







































JKBOSE Solutions for Class 6 

Hindi 

Bachapan

प्रश्न अभ्यास 
संस्मरण से 


प्रश्न 1. उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका में क्या-क्या बदलाव हुए हैं? पाठ से मालूम करके लिखो।
उत्तर:- उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका के पहनावे में भी काफी बदलाव आए। पहले वे रंग-बिरंगे कपडे पहनती रही नीला-जामुनी-ग्रे-काला-चॉकलेटी। अब गहरे नहीं, हलके रंग पहनने लगी। पहले वे फॉक, फिर निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे परंतु अब चूडीदार और घेरदार कुर्ते पहनने लगी। उम्र बढ़ने के साथ खाने में भी काफ़ी बदलाव आए।

प्रश्न 2. लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं?
उत्तर:- लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोजे धोती थी। उसके बाद अपने जूते पॉलिश करके चमकाती थी। इतवार की सुबह इसी काम में लगाती थी।


प्रश्न 3. ‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’ – यह कहकर लेखिका क्या-क्या बताती हैं?
उत्तर:- ‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’ – यह कहकर लेखिका बताती है कि उन दिनों मनोरंजन के लिए कुछ घरों में ग्रामोफोन थे परंतु उसके स्थान पर आज हर घर में रेडियो और टेलीविजन देखने मिलता है। कुलफ़ी की जगह आइसक्रीम ने ले ली है। कचौड़ी-समोसा पैटीज में बदल गया है। शहतूत और फ़ाल्से और खसखस के शरबत का स्थान कोक-पेप्सी ने ले लिया है।

JKBOSE Solutions for Class 6 Hindi Bachapan

प्रश्न 4. पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका के चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्यों छेड़ते थे।
उत्तर:- लेखिका के चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें छेड़ते थे क्योंकि पहली बार चश्मा लगाने के कारण वह कुछ अजीब सी लग रही थीं।
उनके चचेरे भाई उन्हें छेडते थे कि –
आँख पर चश्मा लगाया
ताकि सूझे दूर की
यह नहीं लड़की को मालूम
सूरत बनी लंगूर की।


प्रश्न 5. लेखिका बचपन में कौन-कौन सी चीज़े मज़ा ले-लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो।
उत्तर:- लेखिका बचपन में चाकलेट और चने जोर गरम और अनारदाने का चूर्ण मज़ा ले-लेकर खाती थीं। रसभरी, कसमल और काफ़ल उनके प्रिय फल थे।

प्रश्न 6. लेखिका की तरह तुम्हारी उम्र बढ़ने से तुम्हारे पहनने-ओढ़ने में क्या-क्या बदलाव आए हैं? उन्हें याद कर लिखो।
उत्तर:- लेखिका की तरह में भी में पहले फ्रॉक पहनती थी परंतु अब चूडीदार और कुर्ते पहनती हूँ।


JKBOSE Solutions for Class 6 Hindi Bachapan

प्रश्न 7. लेखिका के बचपन में ग्रामोफ़ोन, घुड़सवारी, शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल और हवाई जहाज़ की आवाज़ें ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीज़ें तुम्हें आश्चर्यजनक आधुनिक चीज़े तुम्हें आकर्षित करती हैं? उनके नाम लिखो।
उत्तर:- आज मोबाइल, किन्डल, मेट्रो ट्रेन जैसी आधुनिक चीज़े मुझे आकर्षित करती हैं।

• भाषा की बात
8. क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़पआदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँट कर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ।
उत्तर:-
क्रिया भाववाचक संज्ञा
चमकना चमक
भागना भाग
बदलना बदल
खरीदना खरीद
ओढ़ना ओढ़

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9. संस्मरण में आए अंग्रेज़ी के शब्दों को छाँटकर लिखो और उनके हिंदी अर्थ जानो।
उत्तर:-
अंग्रेजी शब्द                                                 हिन्दी अर्थ

फ्रॉक       -----------------------------            लड़कियों के पहनने का घेरदार झबला
लेमन कलर     -----------------------------            नींबू जैसा रंग
आलिव आयल -----------------------------     जैतून का तेल
ग्रामोफ़ोन       -----------------------------            गाने सुनने का यंत्र
स्पीड      -----------------------------            गति

10. चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से निश्चित सख्या संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो –

(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।
(ख) दो किलो अनाज दे दो।
(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।
(घ) तुम्हारा सारा प्रयत्न बेकार रहा।
(ड) सभी लोग हँस रहे थे।
(च) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।

उत्तर:- (क) दो दर्जन – निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ख) दो किलो – निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(ग) कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(घ) तुम्हारा – सार्वनामिक विशेषण
(ड) सभी – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(च) बहुत – गुणवाचक विशेषण

JKBOSE Solutions for Class 6 Hindi Bachapan

11. कपडों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं।
इस वाक्य में रेखांकित शब्द ‘दिलचस्पियाँ’ और ‘मौसी’ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।

उत्तर:- 1. मैं तुमसे कुछ इतनी बडी हूँ कि तुम्हारी दादी भी हो सकती हूँ नानी भी।
2. बचपन में हमें अपने मोजे खुद धोने पड़ते थे।
3. हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगाते।
4. कुछ एकदम लाल, कुछ गुलाबी, रसभरी कसमल।
5. मैंने अपने छोटे भाई  का टोपा उठाकर सिर पर रखा।

Saturday, May 15, 2021

Jurmana maafi ke liye prathna patar class 6th


प्रधानाध्यापक को जुर्माना माफ़ी हेतु  प्रार्थना  पत्र-


सेवा में ,


श्रीमान प्रधानाचार्य महोदय

गवर्नमेंट मिडिल स्कूल,

चिनोर ।


विषय- जुर्माना माफ़ी हेतु प्रार्थना पत्र


महोदया,


आपसे विनम्र  अनुरोध है कि मैं मनीष  सिंह आपके विधालय कि कक्षा 6  का छात्र हूँ। कल आधी छुट्टी मैं खेलते समय मेरा पैर लगने से एक गमला टूट गया। आपने मुझे 100 रुपए का जुर्माना देने के लिए कहा हैं। मैं यह रुपए देने में असमर्थ हूँ क्योंकि मेरे पिताजी को पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिला। मैं इस गलती हेतु आपसे क्षमा-याचना चाहता हूँ, भविष्य में ऐसा नहीं होने दूंगा। कृपया मेरा जुर्माना माफ कर दीजिए। आपकी अति कृपा होगी।


धन्यवाद


आपका विनीत शिष्य,

मनीष  सिंह 

कक्षा 6 

रोल नम्बर 38

तिथि: 15 मई 2021 






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Tuesday, May 11, 2021

Vachan badlo class 6th

 एक वचन बहु वचन

कक्षा 6 


वचन किसे कहते हैं?


संज्ञा या सर्वनाम शब्द के जिस रूप से उसकी संख्या का पता चले, वह वचन कहलाता है।

वचन के भेद – वचन दो प्रकार के होते हैं।
CBSE Class 6 Hindi Grammar वचन

 

  1. एकवचन – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के एक होने का बोध होता है, उसे एक वचन कहते हैं; जैसे-कपड़ा, स्त्री, बकरी, पुस्तक, कीड़ा, पत्ता, पंखा आदि।
  2. बहुवचन – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के एक से अधिक होने का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं; जैसे-लड़के, घोड़े, साड़ियाँ, नदियाँ, सड़कें आदि।

वचन बदलने के कुछ नियम

1. आकारांत पुल्लिंग शब्दों के अंतिम ‘आ’ को ‘ए’ और ‘एँ’ में बदलने से बहुवचन बनता है; जैसे

पंखा
लोटा
केले
माता
सूचना
कथा
पंखे
लोटे
केले
माताएँ
सूचनाएँ
कथाएँ
पुस्तक
हरा
किताब
कक्षा
लता
बालिका
पुस्तकें
हरे
किताबें
कक्षाएँ
लताएँ
बालिकाएँ
घोड़ा
छोटा
बहन
कामना
पुस्तक
कन्या
घोडे
छोटे
बहनें
कामनाएँ
पुस्तिकाएँ
कन्याएँ

2. इकारांत तथा ईकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में याँ जोड़ने तथा अंत के दीर्घ स्वर को ह्रस्व करने से बहुवचन हो जाता है; जैसे

स्त्री
पूरी
देवी
मछली
पत्ती
रोटी
स्त्रियाँ
पूरियाँ
देवियाँ
मछलियाँ
पत्तियाँ
रोटियाँ
मकड़ी
कमी
छुट्टी
गली
साड़ी
नदी
मकड़ियाँ
कमियाँ
छुट्टियाँ
गलियाँ
साड़ियाँ
नदियाँ
नारी
रानी
रीति
कुरसी
टोपी
लिपि
नारियाँ
रानियाँ
रीतियाँ
कुरसियाँ
टोपियाँ
लिपियाँ

3. उकारांत तथा ऊकारांत शब्दों के अंत में भी ‘एँ’ जोड़ने तथा शब्द के अंत के दीर्घ स्वर ‘ऊ’ को ‘उ’ करने से; जैसे

वस्तुवस्तुएँबहुबहुएँधेनुधेनुएँ

4. उकारांत, ऊकारांत तथा औकारांत शब्दों के अंत में ‘एँ’ जोड़कर भी बहुवचन बनाए जाते हैं।

वस्तु
गौ
वस्तुएँ
गौएँ
वधू
बहू
वधुएँ
बहुएँ
 धेनु
ऋतु
धेनुएँ
ऋतुएँ

5. ‘या’ शब्दांत वचन परिवर्तन के समय याँ हो जाता है। जैसे

गुड़िया
चुहिया
बछिया
गुड़ियाँ
चुहियाँ
बछियाँ
चिड़िया
बंदरिया
चिड़ियाँ
बंदरियाँ
बुढ़िया
खटिया
बुढ़ियाँ
खटियाँ

6. हिंदी भाषा में बहुत से बहुवचन, एकवचन के अंत में गण, वृंद, जन, वर्ग, दल, लोग आदि शब्द लगाकर भी बनाए जाते हैं। जैसे

कवि
विद्यार्थी
पक्षी
प्रिये
नर्तक
हम
कर्मचारी
कविगण
विद्यार्थीगण
पक्षीवृंद
प्रियजन
नर्तकदल
हमलोग
कर्मचारीगण
मुनि
पाठक
खग
मंत्री
अमीर
आप
मुनिगण
पाठकगण
खगवृंद
मंत्रीगण
अमीर लोग
आपलोग
शिक्षक
छात्र
गुरु
सैनिक
गरीब
मित्र
शिक्षकगण
छात्रगण
गुरुजन
सैनिक दल
गरीब लोग
मित्रगण

आदर प्रकट करने के लिए एकवचन संज्ञा के साथ बहुवचन क्रिया लगाई जाती है; जैसे-श्री राम पिता की आज्ञा से वन चले गए। बापू एक महान व्यक्ति थे। कुछ शब्द सदैव बहुवचन में प्रयुक्त होते हैं।
जैसे दर्शन–तुम्हारे दर्शन कब होंगे? लोग-लोग चले गए। कुछ शब्द सदैव एकवचन में प्रयुक्त होते हैं।
जैसे-जनता मैदान में खड़ी है। पानी-पानी बह रहा है।

विशेष – कुछ शब्द ऐसे भी हैं, जो एकवचन तथा बहुवचन में सदैव एक समान रहते हैं; जैसे—हाथी, घर, आज, कल, दूध, पानी, घी, तेल, चाय आदि।
अगर शब्द-युग्म (जोड़े) दिए गए हों तो उनके बहुवचन बनाते समय यह ध्यान देना जरूरी है कि दोनों शब्दों के वचन न बदलकर केवल अंतिम शब्द का ही वचन-परिवर्तन होगा। जैसे-भाई, बहन (भाई-बहनों) भेड़-बकरी (भेड़-बकरियाँ)।
इसी प्रकार अकारांत, तत्सम, आकारांत, इकारांत, उकारांत और ऊकारांत शब्द एकवचन और बहुवचन में समान रहते हैं;
जैसे-पर्वत, घर, कवि, मुनि, हाथी, साथी, भाई, साधु, चाँद, सूर्य, चंद्रमा, महात्मा, प्रभु, हार, डाकू आदि।
संबोधन कारक में जब किसी संज्ञा के साथ ने, को, से आदि परसर्ग लगे तो उनमें ‘ओ’ लगाकर बहुवचन बनाया जाता है। जैसे

बहनो एवं भाइयो, लड़के ने – लड़कों ने
देवियो एवं सज्जनो, नदी को – नदियों को वचन से – वचनों से।

Thursday, May 6, 2021

veh chidiya jo class 6th Hindi

कक्षा 6 कविता  

वह चिड़िया जो

वह चिड़िया जो
चोंच मार कर
दूध-भरे जुंडी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे अन्‍न से बहुत प्‍यार है।
वह चिड़िया जो-
कंठ खोल कर
बूढ़े वन-बाबा के खातिर
रस उँडेल कर गा लेती है
वह छोटी मुँह बोली चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे विजन से बहुत प्‍यार है।

वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
चढ़ी नदी का दिल टटोल कर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी गरबीली चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे नदी से बहुत प्‍यार है।



कविता का सार 




इस कविता में लेखक ने नीले पंखों वाली एक छोटी सी संतोषी चिड़िया के बारे में बताया है। उसे प्रकृति की हर वस्तु से अत्यंत लगाव है। कवि कहते हैं कि नीले रंग की छोटी चिड़िया को अन्न से बहुत प्यार है। वह बहुत ही रुचि और संतोष के साथ दूध भरे ज्वार के दाने खाती है। उसे अपने वन से भी बहुत प्यार है। वह बूढ़े वन में घूम-घूम कर अपने मीठे स्वर में वृक्षों के लिए प्यारे गीत गाती है। उसे एकांत और नदी से बहुत प्यार है। वह अत्यंत साहस के साथ उफनती नदी में से अपनी चोंच में पानी की बूंदें भर लाती है। 




वह चिड़िया जो कविता का भावर्थ

वह चिड़िया जो-

चोंच मार कर

दूध-भरे जुंडी के दाने

रुचि से, रस से खा लेती है

वह छोटी संतोषी चिड़िया

नीले पंखोंवाली मैं हूंँ

मुझे अन्न से बहुत प्यार है।



अर्थ: प्रथम पद में लेखक एक नीले पंखों वाली छोटी चिड़िया का उल्लेख करते हुए बता रहे हैं कि यह चिड़िया बहुत ही संतोषी है तथा उसे अन्न से बहुत प्यार है। वह दूध से भरे ज्वार के दानों को बहुत ही रुचि से और रस लेकर खाती है, अर्थात कवि इस पद के माध्यम से स्वयं के संतोषी होने तथा अन्न के महत्व के बारे में बता रहे हैं।


वह चिड़िया जो-

कंठ खोलकर

बूढ़े वन-बाबा की ख़ातिर

रस उंँडेल कर गा लेती है

वह छोटी मुंँह बोली चिड़िया

नीले पंखोंवाली मैं हूंँ

मुझे विजन से बहुत प्यार है।



 अर्थ: द्वितीय पद में लेखक बता रहे हैं कि इस नन्ही चिड़िया को उस वन से भी बहुत प्यार है जिसमें वह रहती है तथा अपने बूढ़े वन बाबा और उसके वृक्षों के लिए वह अपने मीठे कंठ से मधुर और सुरीला गीत गाती है। उसे एकांत में रहना पसंद है तथा वह प्रकृति के साथ इस गीत का अकेले में आनंद लेना चाहती है।


वह चिड़िया जो-

चोंच मार कर

चढ़ी नदी का दिल टटोल कर

जल का मोती ले जाती है

वह छोटी ग़रबीली चिड़िया

नीले पंखोंवाली मैं हूंँ

मुझे नदी से बहुत प्यार है।



 अर्थ: अंतिम पद में कवि कहना चाहते हैं कि यह नीले पंखों वाली छोटी सी चिड़िया अत्यंत साहसी और गर्व से भरी हुई है क्योंकि यह चिड़िया छोटी होने के बाद भी उफनती हुई नदी के ऊपर से जल रूपी मोती ले आती है अर्थात जल से अपनी प्यास बुझा लेती है और नदी से और उसके जल से भी बहुत प्यार करती है। 




वह चिड़िया जो प्रश्न-उत्तर:


प्र 1 कविता को पढ़ कर तुम्हारे मन में चिड़िया का जो चित्र उभरता है , उस चित्र को कागज़ पर बनाओ। 


प्र.2 . तुम्हें कविता का कोई और शीर्षक देना हो तो तुम क्या शीर्षक देना चाहोगे? उपयुक्त शीर्षक सोचकर लिखो।

उ.  अगर हमें इस कविता को कोई और शीर्षक देना हो, तो हम इसे ‘चहचहाती नन्ही चिड़िया’ शीर्षक देंगे।


प्र.3 . इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीजों से प्यार है?

उ. इस कविता के आधार पर नन्ही चिड़िया को खेतों में लगे जौ-बाजरे की फलियों से, वन से, एकांत से तथा जिस नदी से वह ठंडा पानी पीती है, उससे बहुत प्यार है।


प्र.4 . कवि ने चिड़िया को छोटी ,संतोषी, मुंह बोली और गरबीली चिड़िया इसलिए कहा है ?


उ. कवि ने चिड़िया को छोटी ,संतोषी, मुंह बोली और गरबीली चिड़िया इसलिए कहा है क्योंकि चिड़िया का आकार बहुत बड़ा नहीं है ,वह अनाज के दाने चाव से खाकर संतोष कर लेती है । वह मधुर स्वर में गाती है, अतः सब उससे प्यार करते हैं।



प्र.5.  आशय स्पष्ट करो:


(क ) आशय स्पष्ट करो:


उ. इस पंक्ति का आशय यह है कि चिड़िया खुश होकर गाने लगती है। उसके गाने में इतना मीठापन है कि जब वो गाती है, तो ऐसा लगता है जैसे उसने वातावरण में मीठा रस घोल दिया है।



(ख ) रस उंडेल कर गा लेती है

    जल का मोती ले जाती है।


उ. इस पंक्ति का आशय यह है कि चिड़िया साहसी है। वह यूं ही बहती नदी से जल लेकर अपनी प्यास नहीं बुझाती, बल्कि उफनती हुई नदी के बीच से जल की बून्द रूपी मोती लेती है। इसी के साथ, वह नदी की भावनाओं का भी ध्यान रखकर, उसका मन टटोलकर, उसके जल से अपनी प्यास बुझाती है।


Tuesday, April 27, 2021

Class 6 Hindi Chand Se Thodi Si Gappe Poem Summary

Class 6 Hindi 

Chand Se Thodi Si Gappe Poem Summary

गोल हैं खूब मगर
आप तिरछे नज़र आते हैं ज़रा।
आप पहने हुए हैं कुल आकाश
तारों-जड़ा;
सिर्फ मुँह खोले हुए हैं अपना
गोरा-चिट्टा
गोल-मटोल,
अपनी पोशाक को फैलाए हुए चारों सिम्त।


चाँद से थोड़ी सी गप्पें सारांश प्रथम पद: चाँद से थोड़ी सी गप्पें कविता के प्रथम पद में बालिका चाँद से कह रही है कि यूं तो आप गोल हैं, पर फिर भी थोड़े-से तिरछे दिखाई देते हैं। ये आकाश मुझे आपके वस्त्र की तरह नज़र आता है, जिसमें अनगिनत तारे जड़े हुए हैं तथा इस पूरे विशाल पोशाक-रूपी आसमान में आप अकेले ही गोल-मटोल और गोरे-चिट्टे-से अपनी आभा फैलाए हुए दिखाई पड़ते हैं।

आप कुछ तिरछे नज़र आते हैं जाने कैसे
– खूब हैं गोकि!
वाह जी, वाह!
हमको बुद्द्धू ही निरा समझा है!
हम समझते ही नहीं जैसे कि
आपको बीमारी है:
चाँद से थोड़ी सी गप्पें सारांश द्वितीय पद: चाँद से थोड़ी सी गप्पें कविता के इस पद में लड़की चाँद से कहती है कि ये जो आप थोड़े-से तिरछे से नज़र आते हो, अच्छे तो लगते हो, पर हमको आप बेवकूफ़ ना समझना, हम सब जानते हैं कि आपका ये तिरछापन आपकी किसी बीमारी की वजह से है।


आप घटते हैं तो घटते ही चले जाते हैं,
और बढ़ते हैं तो बस यानी कि
बढ़ते ही चले जाते हैं
दम नहीं लेते हैं जब तक बिल्कुल ही
गोल ना हो जाएंँ,
बिल्कुल गोल ।

यह मरज़ आपका अच्छा ही नहीं होने में….
आता है।
चाँद से थोड़ी सी गप्पें सारांश तृतीय पद: चाँद से थोड़ी सी गप्पें कविता के इस अंतिम पद में बालिका चाँद से कहती है कि आप घटते हैं तो घटते ही चले जाते हैं और बढ़ते हैं तो बढ़ते ही चले जाते हैं। पता नहीं क्यों, आपकी ये बीमारी ठीक ही नहीं हो रही है। अतः छोटी बालिका चाँद के घटते और बढ़ते रूप को एक बीमारी समझ रही है।


पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास


कविता से


प्रश्न 1. ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ के माध्यम से लड़की कहना चाहती है कि-

(क) चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।

(ख) चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है।

आप किसे सही मानते हो ?

उत्तर- लड़की यह बताना चाहती है कि संपूर्ण आकाश तुम्हारे चारों ओर है ऐसा लगता है जैसे यह संपूर्ण आकाश ही तुम्हारा वस्त्र है, जिस पर सितारे जड़े हैं।


प्रश्न 2. कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और उसका कारण भी बताओ।

दिन – कारण

पूर्णिमा – ………

अष्टमी से पूर्णिमा के बीच – ………..

प्रथमा से अष्टमी के बीच – ……….

उत्तर- दिन              ……….                           कारण

पूर्णिमा                           ……….    चाँद पूरी तरह गोल नजर आता है।

अष्टमी से पूर्णिमा के बीच    ……….    चाँद तिरछा नजर आता है।

प्रथमा से अष्टमी के बीच     ……….   चाँद बहुत पतला नजर आता है।


मेरे विचार से कवि ने चाँद से अष्टमी से पूर्णिमा के बीच गप्पें लगाई होगी।



 

प्रश्न 3. नई कविता में तुक या छंद के बदले बिंब का प्रयोग अधिक होता है। बिंब वह तसवीर होती है जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है। कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तसवीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उनसे कई चित्र हमारे मन में बनें। इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने बि ल कु ल शब्द के अक्षरों को अलग-अलग करके लिखा है। तुम इस कविता के और किन शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिखकर दिखाओ।

उत्तर- चाँद, गोल-मटोल, तिरछे।


अनुमान और कल्पना


प्रश्न 1. कुछ लोग बड़ी जल्दी चिढ़ जाते हैं। यदि चाँद का स्वभाव भी आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह किन बातों से सबसे ज्यादा चिढ़ेगा? चिढ़कर वह उन बातों का क्या जवाब देगा? अपनी कल्पना से चाँद की ओर से दिए गए जवाब लिखो।

उत्तर- यदि चाँद का स्वभाव आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह तिरछे कहे जाने पर जरूर चिढ़ेगा। घटने-बढ़ने की बीमारी की बात सुनकर भी उसे बहुत गुस्सा आएगा। वह चिढ़कर यही जवाब देगा कि वह तिरछा नहीं है और ना ही उसे घटने-बढ़ने की बीमारी है, यह हमारी नजर का फेर है कि वह हमें तिरछा नजर आता है। शायद वह हमें यह भी कहेगा कि अपनी नजर ठीक करवाने के लिए डॉक्टर के पास जाकर चश्मा लगवा लो।


प्रश्न 2. यदि कोई सूरज से गप्पें लगाए तो वह क्या लिखेगा? अपनी कल्पना से गद्य या पद्य में लिखो। इसी तरह की कुछ और गप्पें निम्नलिखित में से किसी एक या दो से करके लिखो-

पेड़ बिजली का खंभा सड़क पेट्रोल पंप

उत्तर- (क) सूरज से गप्पें-

अरे सूरज भाई,

इतने क्यों नाराज हो,

पता नहीं तुम

सभी को जलाए जाते हो

तपाते हो दुनिया को जी भर,

झुलसा देते हो, पेड़ से गप्पेंऐ!


कभी लाल तो कभी सफ़ेद चाँदी से

नज़र आते हो।

तुम सदा ऊपर जाने देते हो

बड़े-बड़े वाहने

क्या तुम कैसे इतना

पीड़ा सहते हो?

 

(ख) पेड़ से गप्पो-

ए! पेड़ तुम हो

कितने कल्याणकारी! छाया देते हो,

भोजन देते हो, वर्षा का हो आधार।


(ग) सड़क-

हे सड़क!

तुम कितनी शक्तिशाली हो? तुममें इतनी सहनशीलता

कहाँ से आई है।


 

(घ) पेट्रोल पंप

हे पेट्रोल पंप! तुम्हारे अंदर कितना तेल समाया है?

यह कभी खत्म होने का नाम नहीं लेता।

तेरे कारण सारी दुनिया सड़कों पर दौड़ रही है।

तुममें यह शक्ति कहाँ से आई है?


(ङ) बिजली का खंभा-

हे बिजली के खंभे।

सिर पर तारों का जाले

तुम क्यों लंबे खड़े हो

करंट मारते खूब हो।



भाषा की बात


प्रश्न 1.

चाँद संज्ञा है। चाँदनी रात में चाँदनी विशेषण है।

नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि-

(क) कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं।

(ख) इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो-

गुलाबी पगड़ी

मखमली घास

कीमती गहने

ठंडी रात

जंगली फुल

कश्मीरी भाषा

उत्तर-

ये सभी विशेषण ‘ई’ प्रत्यय जुड़ने से बने हैं। गुलाबी पगड़ी, मखमली घास, कीमती गहने, ठंडी खीर, जंगली जानवर, कश्मीरी कन्या।


प्रश्न 2.

गोल-मटोल,

गोरा – चिट्टा

कविता में आए शब्दों के इन जोड़ों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ सफ़ेद है और गोरा से मिलता-जुलता है, जबकि मटोल अपने-आप में कोई शब्द नहीं है। यह शब्द ‘मोटा’ से बना है। ऐसे चार-चार शब्द-युग्म सोचकर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।


खाना-वाना

चाय-वाय

पानी-वानी

मोल-तोल

उत्तर-


खाना-वाना ……….  खाना-वाना तो अच्छा ही बना है।

चाय-वाय ………. यहाँ चाय-वाय का प्रबंध नहीं है।

पानी-वानी ………. उसने मुझे पानी-वानी भी नहीं पिलाया।

मोल-तोल ………. दुकानदार से मोल-तोल करके ही सौदा लेना।

प्रश्न 3.

‘बिलकुल गोल’–कविता में इसके दो अर्थ हैं-

(क) गोल-आकार का,

(ख) गायब होना!

ऐसे तीन और शब्द सोचकर, उनसे ऐसे वाक्य बनाओ जिनके दो-दो अर्थ निकलते हों।

उत्तर-

(क) पत्र – (i) (पत्ता) वसंत में वृक्षों से पत्र झरने लगते हैं।

(ii) (चिठ्ठी) आज दादी जी का पत्र आया था।

(ख) अंबर – (i) (वस्त्र) विष्णु भगवान पीतांबर धारण करते हैं।

(ii) (आकाश) चाँदनी रात में अंबर की शोभा निराली होती है।

(ग) कनक – (i) (सोना) यह हार कनक से बना है।

(ii) (धतूरा) कनक खाने से आदमी पागल हो जाता है।


प्रश्न 4.

तांकि, जबकि, चूँकि, हालाँकि-कविता की जिन पंक्तियों में ये शब्द आए हैं, उन्हें ध्यान से पढ़ो। ये शब्द दो वाक यों को जोड़ने का काम करते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ।

उत्तर-

(क) ताकि – (i) आयुष मेहनत कर रहा है ताकि परीक्षा में प्रथम आ सके।

(ii) तुम दवाई खा लो ताकि सुबह स्कूल जा सको।


(ख) जबकि – (i) मदन ने राजेश की मदद की जबकि दोनों में शत्रुता थी।

(ii) राजा भागा हुआ आया जबकि काफ़ी धूप हो रही थी।


(ग) चूँकि – (i) चूंकि मैं बीमार हूँ इसलिए काम पर नहीं आ सकता।

(ii) चूँकि उसे विद्यालय जाना था इसलिए वह जल्दी घर चला गया।


(घ) हालाँकि – (i) हालाँकि इस साल वर्षा कम हुई परंतु फ़सल फिर भी अच्छी हुई।

(ii) हालाँकि तुम ठीक कहते हो परंतु लोग नहीं मानते।


प्रश्न 5.

गप्प, गप-शप, गप्पबाजी-क्या इन शब्दों के अर्थों में अंतर है? तुम्हें क्या लगता है? लिखो।

उत्तर-

छात्र स्वयं करें।


कुछ करने को


प्रश्न 1.

क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर में कई प्रकार के कलेंडरों का इस्तेमाल होता है। नीचे दो प्रकार के कलेंडर दिए गए हैं। इन्हें देखकर प्रश्नों के उत्तर दीजिएसंवत् 2063 सन 2006


इन कलेंडरों में से कौन-सा कलेंडर चंद्रमा के अनुसार है?

क्या आपके आसपास इन दोनों कलेंडरों का इस्तेमाल होता है? यदि हाँ तो किन-किन मौकों पर।

कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष का क्या अर्थ होता है?

उत्तर-

इन कलेंडरों में संवत् 2063 वाला कलेंडर चंद्रमा के अनुसार है।

हाँ, हमारे आसपास दोनों कलेंडरों का इस्तेमाल अंग्रेज़ी महीने की तारीख देखने के लिए होता है।

कृष्ण पक्ष को अर्थ है महीने का वह पक्ष (पंद्रह दिन) जो पूर्णिमा के अगले दिन से लेकर अमावस्या तक होता है तथा शुक्ल पक्ष अमावस्या के अगले दिन यानी प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक होता है।

प्रश्न 2.

चाँद और सूरज से संबंधित कुछ कविताओं के बारे में जानकारी संग्रह करके कक्षा में शिक्षक को सुनाइए।

उत्तर-

छात्र स्वयं करें।

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