Saturday, July 31, 2021

Sandhi Hindi Vyakaran For class 6th

संधि 

कक्षा 6 हिंदी व्याकरण 

संधि का अर्थ है-मेल। जब दो वर्णों मेल से उनके मूल रूप में जो परिवर्तन या विकार आ जाता है, वह संधि कहलाता है; जैसे-

नर + ईश = नरेश

विद्या + अर्थी = विद्यार्थी

उपर्युक्त उदाहरणों में पहले शब्द के अंतिम वर्ण तथा दूसरे शब्द के पहले वर्ण के मेल में परिवर्तन आ गया है। यही परिवर्तन संधि है।


संधि विच्छेद – संधि का अर्थ है-मिलना, विच्छेद का अर्थ है-अलग होना। दो वर्णों के मेल से बने नए शब्द को वापस पहले की स्थिति में लाना संधि विच्छेद कहलाता है; जैसे–

विद्यालय = विद्या + आलय

सूर्योदय = सूर्य + उदय

संधि के भेद – संधि के तीन भेद होते हैं।

(क) स्वर संधि

(ख) व्यंजन संधि

(ग) विसर्ग संधि।

(क) स्वर संधि – स्वर संधि यानी स्वरों का मेल। दो स्वरों के मेल से होने वाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं; जैसे– महा + आत्मा = महात्मा, हिम + आलय = हिमालय।

स्वर संधि के पाँच भेद होते हैं


दीर्घ संधि

गुण संधि

वृधि संधि

यण संधि

अयादि संधि

1. दीर्घ संधि – जब ह्रस्व या दीर्घ स्वर के बाद ह्रस्व या दीर्घ स्वर आएँ, तो दोनों के मेल से दीर्घ स्वर हो जाता है। इसे दीर्घ संधि कहते हैं; जैसे

परम + अर्थ = परमार्थ

सार + अंश = सारांश

न्याय + अधीश = न्यायधीश

देह + अंत = देहांत

मत + अनुसार = मतानुसार

भाव + अर्थ = भावार्थ


अ + आ = आ


हिम + आलय = हिमालय

छात्र + आवास = छात्रावास

आ + आ = आ – विद्या + आलय = विद्यालय, शिव + आलय = शिवालय।

इ + इ = ई – अभि + इष्ट = अभीष्ट, हरी + इच्छा = हरीच्छा।

इ + ई = ई – हरि + ईश = हरीश, परि + ईक्षा = परीक्षा।

ई + इ = ई – शची + इंद्र = शचींद्र, मही + इंद्र = महेंद्र।

ई + ई = ई – रजनी + ईश = रजनीश, नारी + ईश्वर = नारीश्वर

उ + उ = ऊ – भानु + उदय = भानूदय, लघु + ऊर्मि = लघूर्मि

उ + ऊ = ऊ – लघु + ऊर्मि = लघूर्मि,

ऊ + ऊ = ऊ – भू+ उर्जा = भूर्जा, भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व


2. गुण संधि – अ/आ का मेल इ/ई से होने पर ए, उ + ऊ से होने पर ओ तथा ऋ से होने पर अर् हो जाता है। इसे गुण संधि कहते हैं; जैसे

अ/आ + इ + ई = ए – नर + इंद्र = नरेंद्र, नर + ईश = नरेश।

अ/आ + उ + ऊ = ओ – पर + उपकार = परोपकार, महा + उत्सव = महोत्सव।

अ/आ + ऋ + ऋ = अर – देव + ऋषि = देवर्षि, महा + ऋषि = महर्षि। 

3. वृधि संधि – वृधि संधि में अ या आ के बाद यदि ए या ऐ हो तो दोनों का ‘ऐ’ होगा। यदि अ या आ के बाद ओ या आ

आए तो दोनों का ‘ओ’ होगा; जैसे

अ + आ + ए/ऐ = ऐ

एक + एक = एकैक, सदा + एव = सदैव

अ/आ + ओ + औ = औ = वन + औषधि = वनौषधि, जल + ओध = जलौध। 

4. यण संधि – इ अथवा ई के बाद इ और ई को छोड़कर यदि कोई अन्य स्वर हो तो ‘इ’ अथवा ई के स्थान पर य् उ अथवा ऊ को छोड़कर कोई अन्य स्वर हो तो उनके स्थान पर ‘व’ और ‘ऋ’ को छोड़कर कोई अन्य स्वर हो तो उसके स्थान पर ‘र’ हो जाता है। इसे यणसंधि कहते हैं; जैसे

अति + अधिक = अत्यधिक, यदि + अपि = यद्यपि

5. अयादि संधि – यदि पहले शब्द के अंत में ए/ऐ, ओ/औ एक दूसरे के शब्द के आरंभ में भिन्न स्वर आए तो क्रमशः ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, तथा औ का आव हो जाता है। इसे अयादि संधि कहते हैं; जैसे

ने + अक = नायक, भो + अन = भवन

पौ + अक = पावक, भौ + अक = भावुक 

(ख) व्यंजन संधि – व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, वह व्यंजन संधि कहलाता . है; जैसे

सम + कल्प = संकल्प, जगत+ ईश = जगदीश।

व्यंजन संधि के प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं-

(क) कवर्ग का तृतीय वर्ण-वर्गों के प्रथम वर्ण से परे वर्गों का तृतीय, चतुर्थ वर्ण कोई स्वर अथवा य, र, ल, वे, ह आदि वर्गों में से कोई वर्ण हो तो पहले वर्ण को अपने वर्ग का तृतीय वर्ण हो जाता है; जैसे।

दिक् + अंबर = दिगंबर, सत् + धर्म = सद्धर्म ।

(ख) खवर्ग का पंचम वर्ग-वर्ग के प्रथम या तृतीय वर्ण से परे पाँचवा वर्ण हो, तो उसके स्थान पर उसी वर्ग का पाँचवा वर्ण हो जाता है; जैसे

वाक् + मय = वाङ्मय, सत् + मार्ग = सन्मार्ग

जगत् + नाथ = जगन्नाथ, चित् + मय = चिन्मय।

(ग) त के बाद ज या झ हो तो ‘त’ के स्थान पर ‘न’ हो जाता है; जैसे

सत् + जन = सज्जान, विपत् + जाल = विपज्जाल, जगत् + जननी = जगज्जननी

(घ) त् के बाद ङ या ढ़ हो तो ‘त्’ के स्थान पर ‘ड’ हो जाता है; जैसे

उत् + डयन = उड्डयन, वृहत + टीका = वृहट्टीका। 

(ङ) त् के बाद ल हो तो ‘त’ के स्थान पर ‘ल’ हो जाता है; जैसै

तत् + लीन = तल्लीन, उत् + लेख = उल्लेख

(च) त् के बाद श हो तो ‘त्’ के स्थान पर ‘च्’ और ‘श’ के स्थान पर ‘छ’ हो जाता है; जैसे

उत् + श्वास = उच्छवास, तत् + शिव = तच्छिव


(छ) यदि त्’ के बाद च्, छ हो तो ‘त्’ का ‘च’ हो जाता है; जैसे

उत् + चारण = उच्चारण, सत् + चरित्र = सच्चरित्र


(ज) त् के बाद ह हो तो ‘त्’ का ‘द्’ और ह का ‘ध’ हो जाता है; जैसे

उत् + हार = उद्धार, तत् + हित = तधित

 

(झ) ‘म’ के बाद कोई स्पर्श व्यंजन हो तो ‘म्’ का अनुस्वार या बाद वाले वर्ण के पंचम हो जाता है; जैसे

अहम् + कार = अहंकार, सम् + तोष = संतोष


(ज) “म्’ के बाद य, र, ल, व, स, श, ह हो, तो म् अनुस्वार हो जाता है; जैसे

सम् + योग = संयोग, सम् + वाद = संवाद, सम् + हार = संहार

अपवाद-यदि सम् के बाद ‘राट्’ हो तो म् का म् ही रहता है। जैसे

सम् + राट = सम्राट


(ट) “छ’ से पूर्व स्वर हो तो ‘छ’ से पूर्व ‘च’ आ जाता है।

परि + छेद = परिच्छेद, आ + छादन् = अच्छादन।


(ठ) ह्रस्व स्वर ‘इ’ उ के बाद यदि ‘र’ के बाद फिर ‘र’ हो तो ह्रस्व स्वर दीर्घ हो जाता है। ‘र’ का लोप हो जाता है; जैसे

निर + रस = नीरस, निर + रोग = नीरोग


(ड) न् का ‘ण’ होना–यदि ऋ र, ष के बाद ‘न’ व्यंजन आता है तो ‘न’ का ‘ण’ हो जाता है; जैसे

राम + अयन = रामायण, परि + नाम = परिणाम


(ढ) ह्रस्व के बाद ‘छ’ हो तो उसके पहले ‘च’ जुड़ जाता है। दीर्घ स्वर में विकल्प होता है।

परि + छेद = परिच्छेद, शाला + छादन = शालाच्छादन


कुछ अन्य उदाहरण


क् + ग् – वाक् + ईश = वागीश, दिक + अंत = दिगंत।

त् + ६ – तत् + भव = तद्भव, भगवत् + गीता = भगवदगीता ।

छ संबंधी नियम – स्व + छेद = स्वच्छेद, परि + छेद = परिच्छेद।

म संबंधी नियम – सम् + गति = संगति, सम् + तोष = संतोष।


(ग) विसर्ग संधि – विसर्ग का किसी स्वर या व्यंजन से मेल होने पर जो विकार (परिवर्तन) होता है वह विसर्ग संधि कहलाता है; जैसे 

(क) विसर्ग के पहले ‘अ’ हो और बाद में कोई घोष व्यंजन, वर्ग का तीसरा, चौथा, पाँचवा वर्ण (य, र, ल, व, ह) हो तो ।

विसर्ग का ‘ओ’ हो जाता है। जैसे–

मनः + बल = मनोबल, मनः + रंजन = मनोरंजन, मनः + हर = मनोहर।


(ख) विसर्ग के बाद यदि च, छ हो, तो विसर्ग का ‘श’ हो जाता है; जैसे

निः + चिंत = निश्चित, निः + छल = निश्छल, दु: + चरित्र = दुश्चरित्र।


(ग) विसर्ग के बाद यदि ट, ठ हो तो विसर्ग का.ष हो जाता है; जैसे

धनुः + टंकार = धनुष्टंकार


(घ) विसर्ग के बाद यदि त, थ हो तो विसर्ग का ‘स’ हो जाता है; जैसे

दुः + तर = दुस्तर, नमः + ते = नमस्ते ।

(ङ) यदि विसर्ग के पहले ‘अ’ और ‘आ’ को छोड़कर कोई दूसरा स्वर आए और विसर्ग के बाद कोई स्वर हो या किसी वर्ग का तीसरा, चौथा या पाँचवा वर्ण हो या य, र, ल, व, ह हो तो विसर्ग के बाद कोई स्वर हो या किसी वर्ग का तीसरा, चौथा या पाँचवा वर्ण हो या य, र, ले,व, ह हो, तो विसर्ग के स्थान पर ‘र’ हो जाता है; जैसे

निः + बल = निर्बल, निः + लोभ = निर्लोभ, निः + विकार = निर्विकार।

 

(च) विसर्ग से परे श, ष, स हो तो विसर्ग के विकल्प से परे वाले वर्ण हो जाता है।

निः + संदेह = निस्संदेह, दु: + शासन = दुश्शासन

(छ) यदि विसर्ग के पहले इकार या उकार आए और विसर्ग के बाद का वर्ण क, ख, प, फ, हो तो विसर्ग का ष हो जाता है; जैसे

निः + कपट = निष्कपट, दुः + कर = दुष्कर।


(ज) यदि विसर्ग के बाद ‘अ’ न हो तो विसर्ग का लोप हो जाएगा; जैसे

अतः + एव = अतएव


Friday, July 30, 2021

Colours of Rainbow Story, Class 8th Tulip Series

Colours of Rainbow 

Story, Class 8th Tulip Series

(Chanchal Sharma)

Translated by Shivnath





Colours of Rainbow 

Story, Class 8th Tulip Series

 Summary

The author is looking out of the window. He was watching the beauties of nature. The rain had just stopped and drops of water dripping from plants. The kids were playing and making a lot of noise. Just then his daughter Munni came running up to him and asked him to come and see the swing of gudda – guddi. She pointed towards the rainbow in the sky. She told her father that she wants a swing of her own. The author told her to take the one in the sky which she refused. The author was lost in his own thoughts. He remembered how his grandmother had told her about the gudda – guddi. She had told him that he was a gudda and a guddi would come into his life. The guddi came in the form of his wife. She too had the same dreams as him. But life proved to be very tough for both of them. They with their four children found it difficult to cope up with his limited salary. The author often quarreled with his wife. This time round they also quarreled. The wife hurled choicest abuses at him and he left his home in anger.

The author returned home late at night. He took his meal outside and spent the afternoon in a cinema hall. The children had slept and his wife was waiting for him. She brought a Thali for him. She seemed to be normal. But the author insisted that he would not eat. But his wife insisted that he should eat or else she too will go hungry. She held his arm and the author had to oblige. He forced a morsel into her mouth. They laughed together. The next day the children told each other that their parents had reconciled and the swing of guddh and guddi was brighter that day.


Glossary

awning:                 a canvas supported by a frame to give protection against the weather

barely:                   almost not

oblivious:              not aware of something

splendiferous:       splendid; grand in appearance

musing(n):            thoughts

convolutions:        twists; (here) troubles, difficulties

hues:                     colours

tiff:                       a slight argument

brewing:               about to happen

cherish:          to love, care and protect good riddance: used to express happiness that someone or something unwanted has gone.

hauteur:                 excessive pride

awry:                     not right

well-to-do:             rich, prosperous

remonstrate:           to argue in protest

fortification:          defence

breach:                  to break through

incarnation:           human form


Working with the Text

(A) Answer the following questions.


Question 1. What did the narrator observe when he looked out?

Ans. He observed the beauties of nature. He observed how the drops of water were dripping and sliding down the plants. He paid great attention to the raindrops.


Question 2. Why was the narrator unable to pay attention to what his daughter was saying?

Ans. The narrator was lost in his own thoughts and thus was unable to pay attention to what his daughter was saying.


Question 3. Why did the narrator have a tiff with his wife?

Ans. The family was hard up. The expenses had increased and the limited salary was insufficient for them to live a good life. The wife kept reminding the narrator of their poverty. This irritated him and he had a tiff with her.


Question 4. What did the narrator find when he returned home late at night?

Ans. When the narrator returned the kids had gone to sleep. The wife was sitting all by herself. She had not eaten since morning and was waiting for her husband.

Question 5. Why did the narrator not have an appetite?

Ans. The narrator had taken his lunch with his friends and thus had no appetite for more.

B) The following phrases, phrasal verbs, and idioms occur in the text. Find the sentences in which they occur.

burst into laughter, close by, looked at, cope with, wan and weak, all by herself, feel homesick, grown-up, in a huff, lost sight of, get up, got fed up with, picked up, hard up


(C) There are many Hindi words used in the story. List those Hindi words and write them in the space provided.


  1. Papaji
  2. Gudda –guddi
  3. Buddtic Prakash
  4. Thali
  5. Chapati


Language Work


Binomials

Binomials are expressions (often idiomatic) where two words are joined by a conjunction (usually ‘and’). The order of the words is usually fixed. It is best to use them only in informal situations, with one or two exceptions.


Odds and Ends: Small, unimportant things, e.g.: Let’s get the main things packed; we can do the odds and ends later.



Give and take: a spirit of compromise, e.g.: Every relationship needs a bit of give and take to be successful.


• Here are some jumbled binomials. Using similarities in sound, join them with ‘and’. Then check a dictionary that you have the right word order.


prim all high safe rough bread butter dry tough sundry proper sound


Ans. Prim and proper; all and sundry; high and dry; safe and sound; rough and tough; bread and butter.


Ans. Law and order; now and then; hit and trial; clean and tidy; pick and choose.


The following binomials do not have and in the middle. What do they have? Check-in a dictionary if you are not sure.


1. Sooner …………………later

2. All ………………… nothing

3. Back …………………. Front

4. Sink ………………….. swim

5. Slowly ……………….. surely

6. Make ………………… break

Ans.

(1) Or 

(2) For

(3) to

(4) or

(5) but 

(6) or

Use the following binomials in your own sentences:

i) part and parcel
Ans. joys and sorrows are part and parcel of life
ii) pick and choose
Ans. We must not follow pick and choose approach in life
iii) leaps and bounds
Ans. Cities are growing in leaps and bounds
Now Do it yourself
iv) peace and tide
v)first and foremost
vi)here and there
vii)on and off
viii)to and fro
ix)ladies and gentlemen
x)black and white
xi)sooner or later
xii)hot and cold

Grammar Work


Question tags (Do you? Isn’t it? etc.)

Put a question tag at the end of the following sentences. The first two have been done for you.

1. Tom won’t be late, will he?

2. You’re tired, aren’t you?

3. You’ve got a camera, haven’t you?

4. You weren’t listening, were you?

5. She doesn’t know Aneeka, does she?

6. Mubashir is on holiday, isn’t he?

7. Ram’s applied for a job, hasn’t he?

8. You can speak Dogri, can’t you?

9. He won’t mind if I use his phone, would he?

10. There are a lot of people here, aren’t here?

11. Let’s go out tonight, should we?

12. This isn’t very interesting, is it?

13. I’m too impatient, aren’t I?

14. You wouldn’t tell anyone, would you?

15. You wouldn’t listen, would you?

16. I shouldn’t have lost my temper, should I?

17. Don’t drop that vase, will you?

18. You’d never met me before, had you?

Saturday, July 24, 2021

Desh Gaan, class6th hindi kavita

पाठ 11 . देश-गान  

कक्षा 6 हिंदी कविता                                 


देश-गान कक्षा 6 हिंदी कविता  

बोद्ध और सराहना

प्रशन 1 हमें अपने देश पर अभिमान है क्योंकि 

(क) भारत एक विशाल देश है। 
(ख )भारत को उपमहाद्वीप कहा जाता है। 
(ग )भारत एक धनवान देश है। 
(घ )भारत की प्रकृति और संस्कृति निराली है। 

 उत्तर. (घ )भारत की प्रकृति और संस्कृति निराली है।

प्रशन 2. भारत को महान बनाने में सागर, गंगा और हिमालय का क्या योगदान है?
उत्तर. भारत को महान बनाने के लिए सागर सदा ही भारत के चरण स्पर्श करता रहता है, गंगा का निर्मल जल करोड़ों लोगो की प्यास भुझाता है और किसानो की लहलहाती फसलों की सिंचाई के काम आता  है. हिमालय पर्वत सिपाही सा सदैव खड़ा रहता है और एक मुकुट के रूप में भारत देश की शान बढ़ाता है।  

प्रशन 3. कविता की किन पंक्तियों का आशय है 
भारत भूमि का कण-कण वर्षा और धूप से खिल उठता है?
उत्तर. कली कली के प्राण खोलता।  

प्रशन 4. देश का कोई एक उधारण देकर समझाएं की हमारे देश के लोग आदिकाल से ही ज्ञान के क्षेत्र में आगे रहे हैं
उत्तर. भारत देश प्राचीन काल से ही ज्ञान के क्षेत्र में आगे रहा है। विश्व का प्राचीनतम विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय भारत में ही था। भारत के ही विद्वानों ने 0 और दशमलव का दान विश्व को दिया।

प्रशन5. देश को छोटी बहू ओर कोटि प्रणाम क्यों कहा गया है 
6. भाऊ स्पष्ट कीजिए
जान किरण का बांध देश का
झुक झुक नव करता पद वंदन
उत्तर.
उत्तर.

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