A Blog by CHANDER UDAY SINGH FOR JKBOARD/ CBSE HINDI, English STUDY MATERIAL
Friday, May 1, 2020
Hindi essay for class 10th examination (Mahila sashaktikaran)
Thursday, April 30, 2020
SAPNO KE SE DIN - Gurdayal Singh, part 3
सपनों के – से दिन
-गुरदयाल सिंह
A hindi lesson by- Chander Uday Singh
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 9. विद्यार्थियों को अनुशासन में रखने के लिए पाठ में अपनाई गई युक्तियों और वर्तमान में स्वीकृत मान्यताओं के संबंध में अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर: विद्यार्थियों को अनुशासन में रखने के लिए पाठ में अपनाई गई युक्तियाँ बड़ी ही क्रूर लगती हैं। आज हर विशेषज्ञ का मानना है कि शारीरिक यातना देकर बच्चों को नहीं सुधारा जा सकता है। आज के शिक्षाविदों का मानना है कि बच्चों को प्यार और स्नेह से ही सही तरीके से सिखाया जा सकता है। गुजरे जमाने के स्कूली जीवन के बारे में तो सोचकर ही रूह काँप जाती है।
प्रश्न 10.बचपन की यादें मन को गुदगुदाने वाली होती हैं विशेषकर स्कूली दिनों की। अपने अब तक के स्कूली जीवन की खट्टी मीठी यादों को लिखिए।
उत्तर: मेरे स्कूली जीवन की कई यादें मेरे साथ हैं। जब मैं प्राइमरी क्लास में था तो लंच ब्रेक के दौरान टीचर सभी बच्चों को अपने सिर नीचे रखने की हिदायत देती थीं। हम सभी बच्चे अपना सिर नीचे किये भी एक दूसरे से आँखों ही आँखों में बातें करते थे और फिर फिस्स से हँस देते थे। एक बच्चा तो बिन बात जोर जोर से हँसने लगता था। जब टीचर इस बात के लिए मना करती थी, तो वह कभी कभी क्लास से बाहर जाकर जोर-जोर से हँसने लगता था।
प्रश्न 11.प्राय: अभिभावक बच्चों को खेल-कूद में ज्यादा रुचि लेने पर रोकते हैं और समय बरबाद न करने की नसीहत देते हैं। बताइए:
(क) खेल आपके लिए क्यों जरूरी है?
उत्तर: खेलना हमारे शारिरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। खेलने से मन में टीम भावना और अनुशासन का भी विकास होता है।
(ख) आप कौन से ऐसे नियम कायदों को अपनाएँगे जिससे अभिभावकों को आपके खेल पर आपत्ति न हो?उत्तर: मैं यदि नियमित रूप से अपनी पढ़ाई करूँगा तो इससे मेरा रिपोर्ट कार्ड हमेशा ठीक रहेगा। इसके बाद यदि मैं रोज एक दो घंटे खेलने जाऊँ तो इससे मेरे अभिभावक को कोई परेशानी नहीं होगी।
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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
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Wednesday, April 29, 2020
SAPNO KE SE DIN - Gurdayal Singh, part 2
सपनों के - से दिन
-गुरदयाल सिंह
A hindi
lesson by- Chander Uday Singh
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 5. हेडमास्टर शर्मा जी ने पीटी
साहब को क्यों मुअत्तल
कर दिया?
उत्तर : हेडमास्टर शर्मा जी ने फारसी
की क्लास में पाया कि
पीटी साहब बच्चों की
बेरहमी से धुनाई कर
रहे थे। यह सब
शर्मा जी को अच्छा
नहीं लगा। इसलिए उन्होंने
पीटी साहब को मुअत्तल
कर दिया।
प्रश्न 6. लेखक के अनुसार
उन्हें स्कूल खुशी से भागे
जाने की जगह न
लगने पर भी कब
और क्यों उन्हें स्कूल जाना अच्छा लगने
लगा?
उत्तर : लेखक को स्कूल
जाना बिलकुल भी अच्छा नहीं
लगता था। लेकिन जब
पीटी साहब उन्हें परेड
में शाबाशी देते तो उन्हें
बहुत अच्छा लगता था। स्काउट
की परेड में जब
उन्हें धुले हुए साफ
कपड़े और गले में
दोरंगी रुमाल के साथ परेड
करने को मिलता तो
भी उन्हें मजा आता था।
परेड के दौरान उनके
बूटों की ठक-ठक
उनके कानों में मधुर संगीत
की तरह लगती थी।
इन सब कारणों से
लेखक को स्कूल जाना
अच्छा लगने लगा था।
प्रश्न 7. लेखक अपने छात्र
जीवन में स्कूल से
छुट्टियों में मिले काम
को पूरा करने के
लिए क्या-क्या योजनाएँ
बनाया करता था और
उसे पूरा न कर
पाने की स्थिति में
किसकी भाँति ‘बहादुर’ बनने की कल्पना
किया करता था?
उत्तर : जब छुट्टियों का
एक महीना बच जाता तो
लेखक यह हिसाब लगाते
कि यदि 10 सवाल एक दिन
में हल किए जाएँ
तो केवल बीस दिन
में ही सारा होमवर्क
पूरा हो जाएगा। इसी
योजना को बनाते-बनाते
दिन बीत जाते। फिर
वे प्रतिदिन 15 सवाल की दर
से अपना होमवर्क पूरा
करने की योजना बनाते।
लेकिन उनकी योजना धरी
की धरी रह जाती
और दिन पलक झपके
ही बीत जाते थे।
फिर होमवर्क पूरा न कर
पाने की स्थिति में
वे अपने साथी ओमा
की तरह बहादुर बनने
की कल्पना किया करता था।
ओमा को कभी भी
पिटाई से डर नहीं
लगता था, बल्कि वह
इसे होमवर्क पूरा करने की
तुलना में ‘सस्ता सौदा’
समझता था।
प्रश्न 8. पाठ में वर्णित
घटनाओं के आधार पर
पीटी सर की चारित्रिक
विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर : पीटी सर बड़े
ही कड़क शिक्षक थे।
बच्चों में अनुशासन लाने
के लिए वे सख्त
से सख्त कार्रवाई करने
को तैयार रहते थे। उनकी
नजर बड़ी तेज थी
और वे हर बच्चे
की छोटी से छोटी
हरकत को भी पकड़
लेते थे। अपनी शैली
में बच्चों को सुधारने में
वे इतना यकीन रखते
थे कि उन्हें अपने
ऊपर के किसी भी
अधिकारी का डर नहीं
था। अंदर से वे
एक मोमदिल इंसान थे; जो इस
बात से पता चलता
है कि वे अपने
तोते को बड़े प्यार
से बादाम खिलाते थे और उसके
संग बातें करते थे।
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