Friday, June 4, 2021

On Equality chapter 1 Pol Sc. class 7th

JKBOSE Solutions For Class 7 Civics Social Science Chapter 1 

Equality in Indian Democracy



Exercise

Question and Answers:

Question 1. In a democracy why is Universal Adult Franchise important?

Answer: In a democracy, the Universal Adult Franchise is important because of the following reasons:

Democracy is the government of the people, by the people, and for the people.

Every adult irrespective of caste, creed, religion, region, sex, the rich or poor background is allowed to vote. This is called a universal adult franchise.

The concept of the universal adult franchise is based on equality. In a democracy every citizen is equal.


Question 2. Re-read the box on Article 15 and state two ways in which this Article addresses inequality?
Answer: This Article addresses inequality in terms of access to shops, public restaurants, hotels and places of public entertainment, or [b] the use of wells, tanks, bathing ghats, roads and places of public resort maintained wholly or partly out of state funds or dedicated to the use of the general public.


Question 3. In what ways was Omprakash Valmikis experience similar to that of the Ansaris?

Answer: Omprakash Valmiki’s experience was similar to that of Ansaris in the following ways:

Omprakash Valmiki was not allowed to sit with other students on the desks or mats.

Ansaris were not given apartments on rent in the locality of the people belonging to the Hindu religion.

Omprakash Valmiki was discriminated against on the basis of caste while Ansaris were discriminated against on the basis of religion.


Question 4. What do you understand by the term “all persons are equal before the law”? Why do you think it is important in a democracy?

Answer:By the term, “all persons are equal before the law”, we understand equality.

Equality is important in a democracy because democracy is the government of the people, by the people and for the people.

Equality is the essence of democracy.

If people are discriminated against on the basis of caste, creed, religion, sex, prosperity etc. the democracy will not survive.


Question 5. The Government of India passed the Disabilities Act in 1995. This law states that persons with disabilities have equal rights, and that the government should make possible their full participation in society. The government has to provide free education and integrate children with disabilities into mainstream schools. This law also states that all public places including buildings, school etc., should be accessible and provided with ramps. 

Look at the photograph and think about the boy who is being carried down the stairs. Do you think the above law is being implemented in his case? What needs to be done to make the building and accessible for him?
How would he is being carried down the stairs affect his dignity as well as his safety?

Answer: The boy in the photograph is disabled. As per the law this building should have been accessible for him. But we see the law is not being implemented in his case. He is being carried down by security personnels through stairs. This building does not provide ramps. The boy’s dignity is overlooked here. He may morally feel inferior. The way he is carried down the stars may prove dangerous. Law should take this case to the court.



Wednesday, June 2, 2021

Upsarg Aur Pratyey hindi vyakaran

Hindi Grammar 

उपसर्ग और प्रत्यय 

उपसर्ग

‘उपसर्ग’ शब्द ‘उप’ + ‘सर्ग’ शब्द के मेल से बना है, जिसमें ‘सर्ग’ मूल शब्द है, जिसका अर्थ होता है ग्रंथ का अध्याय जोड़ना, रचना, निर्माण करना आदि। अतः ‘सर्ग’ मूल शब्द से पूर्व उप’ शब्दांश लगने से उसका अर्थ हुआ पहले जोड़ना। इस प्रकार मूल शब्दों के पहले अथवा आगे जो शब्दांश लगाए जाते हैं। वे उपसर्ग कहलाते हैं।


जो शब्दांश शब्द से पहले लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं; जैसे

स्व + तंत्र = स्वतंत्र,

निः + बल = निर्बल

स + पूत = सपूत,

सु + कुमार = सुकुमार

 

उपसर्ग के भेद – हिंदी भाषा में चार प्रकार के उपसर्ग प्रचलित हैं

उपसर्ग

  1. हिंदी के उपसर्ग
  2. संस्कृत के उपसर्ग
  3. उर्दू के उपसर्ग
  4. संस्कृत के अव्यय

1. हिंदी के उपसर्ग – हिंदी में जो उपसर्ग मिलते हैं, वे संस्कृत हिंदी तथा उर्दू भाषा के हैं।


उपसर्ग

अर्थ     

शब्दरूप

/अव

हीनता, रहित

औघट, अवनति, अवगुण, अवतार

अन्

अभाव, नहीं

अनजान, अनपढ़, अनादि, अनुपस्थित, अनमोल

अध

आधा

अधपका, अधमरा, अधखिला

कु

बुरा

कुसंगति, कुपथ, कुकर्म, कुचाल, कुमति, कुरूप, कुचक्र

सु

सुंदर, अच्छा

सुगंध, सुवास, सुजान, सुघड़

पर

दूसरा, दूसरी पीढ़ी

परोपकार, परस्त्री, परपुरु , परलोक, परदादी, परनानी, परपिता

भर

पूरा

भरपेट, भरपूर, भरसक

अध

आधा

अधखिला, अधजला, अधकचरा

ति

तीन

तिगुना, तिपाई, तिराहा, तिपहिया

चौ

चार

चौराहा, चौगुना, चौमासा, चौतरफा, चौमुखी

नि

बिना, रहित

निछथा, निहाल, निपट, निठल्ला


2. संस्कृत के उपसर्ग


उपसर्ग

अर्थ

शब्दरूप

अभि

सामने, पास, ओर

अभिमान, अभिलाषा, अभिनेता, अभिनय, अभिव्यक्त, अभिशाप

अव

बुरा, हीन

अवनति, अवगुण, अवशेष

अनु

समान, पीछे

अनुरूप, अनुज, अनुचर, अनुकरण

अति

अधिक

अत्यधिक, अत्युत्तम, अत्यंत

अन

अभाव

अनादि, अनंत, अनेक, अनिच्छा

उद्

ऊपर, उत्कर्ष

उद्धार, उद्भव, उद्देश्य, उद्घाटन, उद्घोष

निर

निषेध, रहित, बिना

निर्बल, निर्भय, निरपराध, निर्दोष

परा

विपरीत, उलटी, पीछे

पराजय, पराधीन, पराक्रम, परस्त, परामर्श

वि

विशेष, अलग, अभाव

विहीन, विज्ञान, विमाता, विनय, विभाग, विशेष, विदेश

सम्

पूर्णता, सुंदर, साथ/अच्छा

संयोग, सम्मान, संतोष, संविधान, संचय, संशय


3. उर्दू के उपसर्ग


उपसर्ग

अर्थ

शब्दरूप

बे

बुरा, अभाव

बेवफा, बेसमझ, बेईमान

बद

बुरा

बदनाम, बदसूरत, बदबू

ना

नहीं, अभाव

नाकाम, नालायक, नापसंद

कम

थोड़ा

कम अक्ल, कमबख्त, कमज़ोर

खुश

अच्छा

खुशकिस्मत, खुशखबरी, खुशबू, खुशमिज़ाज, खुशहाल

हर

सभी, प्रत्येक

हरएक, हरतरफ, हररोज़, हरसाल, हरदिन, हरपल, हरचीज़, हरदिल

दर

में

दरमियान, दरगुज़र, दरकिनार

सर

मुखय, प्रमुख

सरहद, सरकार, सरपंथ, सरताज, सरमाया, सरदार

गैर

भिन्न

गैरजिम्मेदार, गैरसरकारी, गैरजरूरी, गैरमुल्क, गैरमर्द।


4. संस्कृत के अव्यय


उपसर्ग

अर्थ

शब्दरूप

अधः

नीचे

अध:पतन, अधोगति, अधोमुख, अधोमार्ग

आन

 

मिलान, उठान, उड़ान, लगान, ढलान

अककड़

 

भुलक्कड़, घुमक्कड़, कुदक्कड़

सहित

सपरिवार, सचित्र, सप्रसंग, सजल

 

रेती, कटारी, हँसी, बोली, घाटी, डोरी



प्रत्यय

शब्दों के अंत में लगाए गए शब्दांश प्रत्यय कहलाते हैं; जैसे

  • नेहा पढ़ाकू है।
  • दुकानदार दालों में मिलावट करते हैं।
  • ऊपर दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों को आपने देखा। इनमें मूल शब्दों के अंत में शब्दांश जोड़कर नए शब्द बनाए हैं, जैसे
  • पढ़ + आकू, मिल + आवटे।

हिंदी में प्रत्यय के दो भेद हैं।

कृत प्रत्यय
तधित प्रत्यय

1. कृत प्रत्यय – जो प्रत्यय धातुओं अथवा क्रियाओं के अंत में लगकर नए शब्दों का निर्माण करते हैं, वे कृत प्रत्यय कहलाते हैं। इनके योग से बने शब्दों को कृदंत भी कहते हैं; जैसे
पालन + हार = पालनहार, लिख + आवट = लिखावट
कृत् प्रत्ययों से संज्ञा तथा विशेषण शब्दों की रचना होती है। अतः कृत् प्रत्यय के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं।

प्रत्यय

प्रत्यय से बने शब्द

आई

सुनाई, लड़ाई, लिखाई, पढ़ाई, चढ़ाई।

आहट

चिल्लाहट, घबराहट, मुसकराहट

आवट

सजावट, बनावट, रुकावट, मिलावट।

आन

थकान, पढ़ान, पठान।

झाडू, आडू, उतारू।

आवा

छलावा, दिखावा, चढ़ावा।

आई

सुनाई, लड़ाई, लिखाई, पढ़ाई, चढ़ाई।












2. तधित प्रत्यय – संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में जुड़कर बनने वाले प्रत्यय तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे-धन + ई = धनी, बुरा + ई = बुराई।
कुछ उदाहरण प्रत्यय

प्रत्यय

प्रत्यय से बने शब्द

इन

धोबिन, लुहारिन

इयो

चुहिया, बुढ़िया

आहट

घबराहट, चिकनाहट, कड़वाहट

धनी, क्रोधी, लोभी, मानी, पंजाबी, बंगाली।

ईय

भारतीय, अनुकरणीय, आदरणीय।

इंक

धार्मिक, मासिक, साप्ताहिक, दैनिक

वाला

सब्जीवाला, फलवाला, दिलवाला, रिक्शावाला।


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