A Blog by CHANDER UDAY SINGH FOR JKBOARD/ CBSE HINDI, English STUDY MATERIAL
Friday, August 20, 2021
The Bahu Fort Class7th chapter 7
Thursday, August 12, 2021
स्वतंत्रता-दिवस ( 15 अगस्त)
स्वतंत्रता-दिवस ( 15 अगस्त)
“शहीदों की चिताओं पर, लगेंगे हर बरस मेले। वतन पर मिटने वालों का, यही बाकी निशां होगा।।”
भूमिका
कभी सोने की चिड़िया कहलाने वाला हमारा महान देश अपने राजाओं की आपसी फूट के कारण वर्षों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहा। भारत में असंख्य विदेशी घुस आए और यहाँ का संपूर्ण बहुमूल्य सामान ले गए। धीरे-धीरे उन्होंने यहाँ अपने पाँव जमा लिए और हमारे देश में अपना शासन शुरू कर दिया। अंग्रेजों की दोहरी नीति थी। “फूट डालो और राज करो” की नीति के चलते उनके विरुद्ध सन् 1857 से 1947 तक लगभग 100 वर्षों तक लगातार देशवासी संघर्ष करते रहे। इस दौरान कई भारतवासी अंग्रेजों की गोलियों का शिकार बने और न जाने कितने देशवासियों को कठोर यातनाएँ सहनी पड़ीं। स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करके कई वीर सपूत शहीद हो गए। झाँसी की रानी, मंगल पांडे, तात्या टोपे से लेकर लाला लाजपत राय, तिलक, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुभाषचन्द्र बोस, पंडित जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गाँधी जैसे अनेक देशभक्तों के अथक प्रयासों से 15 अगस्त, 1947 को हमें विदेशी शासन से मुक्ति मिली।
मनाने के कारण
15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत की राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया था। इसी दिन से प्रत्येक वर्ष यह परंपरा चली आ रही है। मनाने का रूपः- स्वतंत्रता-दिवस वैसे तो देश के प्रत्येक कोने में उत्साह के साथ मनाया जाता है, परंतु दिल्ली में इस राष्ट्रीय पर्व को विशेष उल्लास के साथ मनाया जाता है। पूरे देश में इस दिन सरकारी इमारतों, स्कूलों, कॉलेजों, अन्य निजी कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। राजधानी में तथा प्रत्येक राज्य में प्रभात फेरियाँ निकाली जाती हैं तथा देश के अमर शहीदों को उनकी समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इस दिन देश में सार्वजनिक अवकाश रहता है। दिल्ली की ऐतिहासिक इमारत लाल किले पर ध्वजारोहण 15 अगस्त के दिन प्रतिवर्ष सुबह से ही हजारों लोग एकत्रित होने लगते हैं। ठीक प्रातः साढ़े सात बजे देश के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर अपने देशवासियों को संदेश देते हैं जिसमें वे सरकार की विभिन्न गतिविधियों से जनता को अवगत कराते हैं। इस दिन पहले सुबह राष्ट्रगान गाया जाता है फिर तुरंत बाद देश की गरिमा के लिए इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है। रात्रि में देश के सभी सरकारी कार्यालयों पर प्रकाश की अच्छी व्यवस्था की जाती है।
उपसंहार
हमें अपने देश की स्वाधीनता, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। इस दिन हमें एक जगह एकत्रित होकर अपने शहीदों को नमन करना चाहिए। हमें अपने देश में सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए तथा प्रत्येक व्यक्ति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए। इस प्रकार देश में शांति और भाईचारा बना रहेगा और देश प्रगति कर सकेगा।
Saturday, August 7, 2021
Online Shiksha Ke Laabh Tatha Haaniya
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध
ऑनलाइन शिक्षा, शिक्षा का ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से घर बैठे शिक्षक इंटरनेट के माध्यम से देश के किसी भी कोने या प्रांत से बच्चों को पढ़ा सकते है। इस में शिक्षक और विद्यार्थी अपने सहूलियत के अनुसार वक़्त का चुनाव कर ऑनलाइन जुड़ जाते है। शिक्षक स्काइप ,व्हाट्सप्प ,और ज़ूम वीडियो कॉल के माध्यम से बच्चो को आसानी से पढ़ा सकते है।
आज कोविड 19 के लॉकडाउन के तहत हमे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उसमे सर्वप्रथम है बच्चो की शिक्षा। ऑनलाइन यानी दूरस्थ शिक्षा ने लॉकडाउन में चल रही इस मुश्किल को आसान कर दिया है। अब विद्यालय के निर्देशों के अनुसार शिक्षक बच्चो को घर से ऑनलाइन पढ़ा रहे है ताकि शिक्षा में बाधा ना पड़े।ऑनलाइन शिक्षा एक अलग तरह की प्रणाली है जहाँ शिक्षक विभिन्न प्रकार के टूल्स का उपयोग कर शिक्षा को आसान बना देते है।
ऑनलाइन शिक्षा के फायदे:
शिक्षक के साथ अधिक नियमित संपर्क
जैसा कि हमारे ऑनलाइन छात्र स्काइप ,appearin और गूगल क्लासरूम के माध्यम से अपने शिक्षक के संपर्क में आते है । छात्र अक्सर अपने फ़ोन के मदद से शिक्षकों से हर समय संपर्क साध लेते है। संचार की प्रगति के कारण छात्रों को लाभ होता है क्यों कि ट्यूशन केवल साप्ताहिक एक घंटे के सत्र की तुलना में निरंतर संवाद का अधिक हो सकता है।ऑनलाइन संसाधनों जैसे गूगल मैप्स , गूगल एअर्थ ,वेबसाइट चित्र और वीडियो के माध्यम से ऑनलाइन पाठ पढ़ाना रोचक हो गया है।
बेहतर फ्लेक्सिबिलिटी
ऑनलाइन ट्यूशन के साथ अंतिम मिंटो के समय में परिवर्तन आ सकता है। शिक्षक जब चाहे तब क्लास रख सकता है और स्थगित भी कर सकता है। इसमें यात्रा नहीं करनी पड़ती है और काफी समय बच जाता है।ऑनलाइन स्क्रीन शेयरिंग का उपयोग करके विषयो को समझना आसान हो गया है। ऑनलाइन शिक्षा एक उत्कृष्ट शिक्षा का उदहारण है।
प्रौद्योगिकी ने शिक्षण व्यस्था में बदलाव लाया
ऑनलाइन ट्यूशन की सबसे अधिक आपको शिक्षण संबंधित विकल्प देता है। ऑनलाइन व्हाइटबोर्ड का उपयोग ,फाइल ,लिंक और वीडियो भेजने के कारण शिक्षक अपनी रचनात्मक शिक्षा को विद्यार्थियों तक पहुंचा सकता है। इसमें शिक्षक को विभिन्न प्रकार से बच्चों को पढ़ाने का भरपूर मौका मिलता है।
प्रभावी शिक्षा
ऑनलाइन ट्यूशन के कारण यात्रा नहीं करनी पड़ती है। इससे समय की बचत हो जायेगी। इंटरनेट का आसानी से उपलब्ध होना ऑनलाइन शिक्षा के लिए वरदान के रूप में साबित हुआ है।
किसी भी समय पर शिक्षा
किसी भी वैश्विक स्थान और अजीब समय ऑनलाइन पर पाठ पढ़ाया जा सकता है। आपको सिर्फ केवल एक उपकरण जैसे कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन की ज़रूरत होती है।
ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान:
बच्चे बिगड़ जाते है
ऑनलाइन ट्यूशन करने से कुछ बच्चे बिगड़ जाते है। ऑनलाइन ट्यूशन बच्चो को ऑफलाइन ट्यूशन के मुकाबले कम समय के लिए शिक्षा प्रदान करता है। सिर्फ एक तरफा अध्यापक बच्चो को पढ़ाता है ,उसमे बच्चा ज़्यादा समय के लिए क्लासवर्क नहीं कर पाता है। ऑफलाइन शिक्षक बच्चे को नैतिक शिक्षा प्रदान करता है जब कि ऑनलाइन शिक्षण में ऐसा नहीं हो पाता है।
अच्छी इंटरनेट का होना अनिवार्य
ऑनलाइन ट्यूशन को अच्छे नेटवर्क की आवश्यकता होती है। जहाँ नेटवर्क नहीं है वहां ऑनलाइन शिक्षा कराना मुश्किल है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग के पास तीव्र गति वाले इंटरनेट की सुविधा नहीं होती है। इसलिए वहां ऑनलाइन शिक्षा अभी भी वहां उपलब्ध नहीं है।
शिक्षा के लिए पर्याप्त योजना का अभाव
जब पहले बच्चे निजी ट्यूटर के पास पढ़ते थे तब बच्चा एक अध्ययन सूची के मुताबिक ,निश्चित अवधि के लिए पुस्तकों के साथ पढ़ने बैठता था। यह वर्षो तक चली आ रही परंपरा है। ऑनलाइन शिक्षा एक तहत ऐसी कोई विशेष शिक्षा सूची तैयार नहीं हुई है। बच्चे स्कूल में जितने अनुशासित रह सकते है। ऑनलाइन क्लासेज में इतने गंभीर नहीं होते है।
ठीक से छात्रों को ना समझ पाना
समान्यतः एक शिक्षक कक्षा में आपको सीधे तरीके से समझ सकता है। कक्षा में आपकी बोल चाल और आपकी प्रतिक्रिया देखकर समझ सकता है कि आप विषय को कितना समझ पा रहे है। आपकी बॉडी लैंग्वेज को पढ़ सकता है और उसके आधार पर आपको समझा सकता है। दूसरी ओर ऑनलाइन शिक्षा में प्रत्यक्ष रूप से आमने सामने बात करने का मौका नहीं मिलता है। छात्रों को समझने और प्रगति की निगरानी ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा कठिन होता है।
प्रतिस्पर्धा का माहौल ठीक से उतपन्न ना होना
ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों का दल नज़र नहीं आता है। अगर किसी छात्र के साथ बाकी के छात्र भी उसके साथ पढ़ते है। अगर एक साथ पढ़ते तो और ज़्यादा पढ़ाई में रुचि उत्पन्न करता है । हमने अक्सर देखा है कि छात्र जब समूह में पढ़ते है तो वह अधिक सतर्क होते है। बच्चे अपनी काबिलियत साबित करने के लिए ज़्यादा मेहनत करते है और प्रतिस्पर्धा का माहौल रहता है। यह माहौल ऑनलाइन शिक्षा में नहीं मिल पाता है।
प्रैक्टिकल यानी व्यवहारिक शिक्षा का अभाव
व्यवहारिक अनुभव को शिक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया जाता है। ऑनलाइन शिक्षा में ज़्यादातर व्यवहारिक अनुभव का अभाव है। ऑनलाइन शिक्षा में एनिमेटेड वीडियो और अभ्यास वीडियोस का उपयोग किया जाता है। स्कूल में शिक्षक भौतिक वस्तुओं का उपयोग करके छात्रों को पढ़ाते है। यह व्यवहारिक स्पर्श ,गहरी समझ अध्ययन में विशेष रूचि उतपन्न करता है। ऑनलाइन शिक्षा में व्यवहारिक ज्ञान की अनुपस्थिति होती है।
उत्साह की कमी
मानव एक समाजिक प्राणी है और ऑनलाइन ट्यूशन की तुलना में छात्र स्वाभाविक सीधे ट्यूशन में अधिक रुचि रखता है। कभी कभी बच्चे ऑनलाइन टुइशनस में उत्साह नहीं ले पाते है। स्कूलों और कॉलेजों में टोप्पेर्स और अन्य छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतियोगिता करवाए जाते है जिसके लिए उन्हें पुरस्कार दिए जाते है और उत्साह बनी रहती है। ऑनलाइन ट्यूशन में इन चीज़ो की कमी होती है।
आत्म मूल्यांकन की कमी
स्कूलों में बच्चो की योग्यता को जानने के लिए परीक्षाएं और होमवर्क इत्यादि दी जाती है। जिससे शिक्षक जान सकते है कि बच्चे कहाँ पिछड़ गए और कितना जान पाए। बच्चे भी आपने आपको इसके द्वारा भली भाँती परख सकते है। ऑनलाइन शिक्षा में आत्म मूल्यांकन की कमी नज़र आती है। ऑनलाइन शिक्षा में बच्चे इ पुस्तक पढ़ते है जब कि स्कूलों में विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की पुस्तकों से रूबरू होते है।
अनुशासन की कमी
स्कूल में छात्र हमेशा अनुशासन का पालन करते है और एक निर्धारित समय अपना कक्षा कार्य और गृह कार्य पूरा करते है। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में निश्चित अनुशासन का पालन नहीं किया जाता है।
निष्कर्ष :
ऑनलाइन शिक्षा के सभी तरह के पहलु है। लेकिन यह कहना गलत न होगा कि लॉकडाउन में ऑनलाइन शिक्षा ने बच्चो ,शिक्षको और शिक्षा संगठनों की काफी मदद की है और शिक्षा के आदान प्रदान को रुकने नहीं दिया। प्रौद्योगिकी ने इतनी उन्नति कर ली है कि हम घर से और दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते है।