Wednesday, August 25, 2021

Senapati Tantya Tope

सेनापति तात्या टोपे 

कक्षा 6 पाठ 12

प्रश्न अभ्यास
बोध और सराहना

1. 18 अप्रैल 1859 ईस्वी को शिवपुरी के आसपास ग्रामीणों की भीड़ पहाड़ियों पर क्यों बढ़ती जा रही थी
क) पहाड़ी पर टिड्डी दल की तरह बिखरे गोरी पलटन के हजारों सिपाहियों को देखने के लिए।
ख) न्याय का नाटक खेलने वाले भाई त्रस्त अंग्रेज अधिकारियों को देखने के लिए।
ग) स्वतंत्रता संग्राम के अजय योद्धा तात्या टोपे के अंतिम दर्शन करने के लिए।

उत्तर (ग)स्वतंत्रता संग्राम के अजय योद्धा तात्या टोपे के अंतिम दर्शन करने के लिए।

2. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सूर्यास्त से लेखक का क्या तात्पर्य है?
उत्तर. तात्या टोपे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अग्रिम स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। तात्या टोपे एक वीर कुशल और स्वामी भक्त सेना नायक थे। जब तात्या टोपे को फांसी दी गई तो इसे लेखक ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सूर्यास्त का नाम दिया।

3. फांसी के तख्ते पर पहला कदम रखते ही वीर तात्या टोपे ने सबसे पहले क्या काम किया और क्यों?

उत्तर. फांसी के तख्ते पर पहला कदम रखने से पूर्व वह झुके। धरती मां की पवित्र माटी से अपने माथे पर तिलक लगाया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया कि वह धरती माता को प्रणाम करके उनसे क्षमा याचना की कि वह अंग्रेजों से भारत माता  की रक्षा नहीं कर पाए और भारत माता की रक्षा करते करते शहीद हो गए।

Friday, August 20, 2021

The Bahu Fort Class7th chapter 7


The Bahu Fort

Class7th chapter 7










Working with the Text 


Q1.  Where is the Bahu Fort, situated? 

Ans. The Bahu Fort is situated along the 
banks of river Tawi. 

Q2. Who built it and when? 

Ans. The Bahu Fort was built by Raja Bahulochan about 3000 years ago. 

Q3. Describe the interior and exterior of it.

Ans. In the interior of the fort, there is a temple of Bawey Wali Mata and in the exterior of the fort, there is a majestic terraced garden with extensive lawns and flowers are known as Bagh-e-Bahu. 

Q4. Why is it a place of religious significance? 

Ans. The Bahu Fort is a place of religious significance because of the temple of Bawey Wali Mata. 

Q5. Which part is the favourite picnic place in the fort? 

Ans. Bagh-e-Bahu that surrounds the fort with lawns and flowers is the favourite picnic place in the fort. 

Q6. When and why is the mela celebrated? 

Ans. The mela is celebrated in the months of March-April. It is celebrated to seek the divine blessings of Mata.

Q7. Name the things available during the fair? 

Ans. During the fair, one can have local ice creams (kulfi, malai-baraf), sugarcane juice, gole-gappe, aaloo chholay, kachaloo, jalebi. In addition, there are balloons and cotton candy available for children. 


II. Use the following phrases in sentences: 

1. To carry off: The Vice-Captain of the team carried off the match after the injury of their Captain. 

2. To take up: The forum president will take the matter with higher-ups. 

3. To take care of: He will take care of the invitations of his surprise party. 

4. In spite of: He was not called for interview, in spite of his higher qualification. 

5. To break out: A riot will break out if you don’t talk to the strikers. 

6. To be afraid of: Don’t talk about ghosts in front of children, they will be afraid of them. 

7. To get out: Get out of the class because you are diverting the attention of other students. 

Grammar Work 

A. Complete the following sentences by using the appropriate interrogative pronouns: 

1. What is it that troubles you so much? 
2. Who is that he should object? 
3. Who is at the door? 
4. What is there that she does not know? 
5. What is this book? 
6. Where is your house? 
7. To whom does this watch belong? 
8. How is she? 
9. Where is the cargo plane? 
10 Whom did she go with? 

B. Write the contractions of these words: 
l. l am....I’m 
2. He has..... He’s 
3. You are ... You’re 
4.Do not... Don’t 
5. Let us .... Let’s 
6. I have ..... I’ve 
7. He had/would ....He’d 
8. Will not .... Won’t 
9. They would not ..... They wouldn't 
10. Shall not ..... Shan’t 

Thursday, August 12, 2021

स्वतंत्रता-दिवस ( 15 अगस्त)

स्वतंत्रता-दिवस ( 15 अगस्त)

रूपरेखा:-
1. भूमिका, स्वाधीनता के लिए संघर्ष
2. मनाने की तिथि तथा कारण
3. मनाने का पूर्ण विवरण
4. मनाने का महत्त्व
5. उपसंहार


“शहीदों की चिताओं पर, लगेंगे हर बरस मेले। वतन पर मिटने वालों का, यही बाकी निशां होगा।।”


भूमिका

कभी सोने की चिड़िया कहलाने वाला हमारा महान देश अपने राजाओं की आपसी फूट के कारण वर्षों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहा। भारत में असंख्य विदेशी घुस आए और यहाँ का संपूर्ण बहुमूल्य सामान ले गए। धीरे-धीरे उन्होंने यहाँ अपने पाँव जमा लिए और हमारे देश में अपना शासन शुरू कर दिया। अंग्रेजों की दोहरी नीति थी। “फूट डालो और राज करो” की नीति के चलते उनके विरुद्ध सन् 1857 से 1947 तक लगभग 100 वर्षों तक लगातार देशवासी संघर्ष करते रहे। इस दौरान कई भारतवासी अंग्रेजों की गोलियों का शिकार बने और न जाने कितने देशवासियों को कठोर यातनाएँ सहनी पड़ीं। स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करके कई वीर सपूत शहीद हो गए। झाँसी की रानी, मंगल पांडे, तात्या टोपे से लेकर लाला लाजपत राय, तिलक, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुभाषचन्द्र बोस, पंडित जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गाँधी जैसे अनेक देशभक्तों के अथक प्रयासों से 15 अगस्त, 1947 को हमें विदेशी शासन से मुक्ति मिली।


मनाने के कारण

15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत की राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया था। इसी दिन से प्रत्येक वर्ष यह परंपरा चली आ रही है। मनाने का रूपः- स्वतंत्रता-दिवस वैसे तो देश के प्रत्येक कोने में उत्साह के साथ मनाया जाता है, परंतु दिल्ली में इस राष्ट्रीय पर्व को विशेष उल्लास के साथ मनाया जाता है। पूरे देश में इस दिन सरकारी इमारतों, स्कूलों, कॉलेजों, अन्य निजी कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। राजधानी में तथा प्रत्येक राज्य में प्रभात फेरियाँ निकाली जाती हैं तथा देश के अमर शहीदों को उनकी समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इस दिन देश में सार्वजनिक अवकाश रहता है। दिल्ली की ऐतिहासिक इमारत लाल किले पर ध्वजारोहण 15 अगस्त के दिन प्रतिवर्ष सुबह से ही हजारों लोग एकत्रित होने लगते हैं। ठीक प्रातः साढ़े सात बजे देश के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर अपने देशवासियों को संदेश देते हैं जिसमें वे सरकार की विभिन्न गतिविधियों से जनता को अवगत कराते हैं। इस दिन पहले सुबह राष्ट्रगान गाया जाता है फिर तुरंत बाद देश की गरिमा के लिए इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है। रात्रि में देश के सभी सरकारी कार्यालयों पर प्रकाश की अच्छी व्यवस्था की जाती है। 

उपसंहार

हमें अपने देश की स्वाधीनता, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। इस दिन हमें एक जगह एकत्रित होकर अपने शहीदों को नमन करना चाहिए। हमें अपने देश में सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए तथा प्रत्येक व्यक्ति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए। इस प्रकार देश में शांति और भाईचारा बना रहेगा और देश प्रगति कर सकेगा।


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