Wednesday, May 5, 2021

A Nation’s Strength class 8th Tulip Series


A Nation’s Strength,

class 8th, poem Tulip Series


Central Idea: A Nation’s Strength is a beautiful patriotic poem written by “R.W. Emerson.” In this tiny poem, the poet reveals the secret of a nation’s strength. The poet asks several questions to discover the secret of the nation’s strength and he himself answers these questions. He says that the strength of a nation lies not in the wealth, power and pride but in its patriotic and determined men.




Summary of A Nation’s Strength

The poem “A Nation’s Strength” is written by Ralph Waldo Emerson. The poet wonders about the things that make a nation strong. How can a nation’s pillars be made high and its foundations strong? How can a nation become strong enough to defend itself against powerful enemies? The poet wonders about these questions.


Then the poet says that it is not gold and silver that can make a nation great and strong, but it is the people who sacrifice for their country and make it great and strong. According to the poet, it is the brave men of a nation who work hard while others sleep and build the nation’s pillars deep and lift them to the sky. So it is not the riches but the honest and brave people that make a nation great.

Gold and material progress cannot make a nation strong. Material progress can not provide a strong base for a nation. The foundation made on the basis of wealth is like one made on sinking sand. How much grand a kingdom might be, war will destroy its material progress. The poet also states that many empires have disappeared as a result of the battles they fought. Their glory had decayed.


The poet goes on to say that the pride of a nation doesn’t lie in wearing glittering crowns. Soon, this pride reduces to ashes. The luster and shine of the country lies with the people who are willing to sacrifice everything for the sake of the nation. They work hard while others sleep. They raise the prestige of the country and build its pillars deep to make its foundation strong. Such people are the reason for the success of the nation.


Glossary

defy:          to resist boldly

foe:              enemy

throng:        to gather around in  a crowd

shaft:                            the column of a building’s foundation

rust:                               to become or cause something to become covered with rust; (here) decay

decay: to cause something to become gradually damaged, worse or less

pride:           feeling of importance

luster:           brightness

a people: -    a nation

dare:             to have the courage to do something difficult

fly:                to run away in fear 




A Nation’s Strength, class 8th, poem Tulip Series

QUESTIONS/ANSWERS

Qno1: In the first stanza, the poet wonders about certain things. What are they?

Ans: The poet wonders about the things that make a nation’s pillars high, its foundation strong .He wonders what makes a nation powerful enough to fight its enemies.

Qno2: What are the foundations of a strong kingdom built on?

Ans: The foundations of a strong kingdom are built on its brave and hardworking citizens, who stand fast for truth and honour of their nation and face all the hurdles to make their nation great.

Qno3: What happens to a nation which depends on an army to keep it strong?

Ans: The nation that depends on an army to keep it strong is reduced to rust and decay. The bloodshed of its people takes away all the glory of such a nation.

Qno4: When a nation becomes proud, what does God do?

Ans: When a nation becomes proud, God crashes down all its prosperity and glory and reduces it to mere ashes.



A Nation’s Strength, class 8th, poem Tulip Series


Qno5: Do you think that wealth can make a nation great and strong? Why?

Ans: No, wealth does not have the power to make a nation great and strong because wealth is temporal thing, it cannot last forever. It only makes a nation boastful and arrogant, thereby causing its downfall.

Qno6: What can the brave do?

Ans: The brave and courageous can suffer great amount of hardships still remain steadfast and dare to risk their pleasure and their happiness for the sake of their country .The have an unwavering passion to work for the betterment of their nation.

Qno7: Explain the following lines:

They build a nation’s pillars deep
And lift them to the sky

Ans: The poet in these lines is referring to the brave and courageous men who by their unwavering determination and steady toil lay foundations of a strong nation. Such are the people who can make their nation achieve great heights and provide the strength to the nation at its core.

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क्रियाविशेषण किसे कहते हैं ? इसके कितने भेद हैं ? उदाहरण सहित लिखें।

कक्षा 6 के लिए  


क्रियाविशेषण – जो शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं, उन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं; जैसे

  • अक्षत धीरे-धीरे चल रहा है।
  • उसने कम खाया।

यहाँ दिए गए वाक्यों में धीरे-धीरे शब्द अक्षत के चलने का ढंग (रीति) बता रहा है, तो कम शब्द कार्य की मात्रा (परिमाण) बता रहा है। अतः ये शब्द क्रिया की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं।


क्रियाविशेषण के निम्नलिखित
चार भेद होते हैं।

  1. कालवाचक क्रियाविशेषण
  2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण
  3. परिमाण वाचक क्रियाविशेषण
  4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण

कक्षा 6 के लिए  

क्रियाविशेषण के निम्नलिखित चार भेद होते हैं। नीचे इनकी पैभाषाएँ दी जा रही हैं। 

1. कालवाचक क्रियाविशेषण – जो शब्द क्रिया के होने के काल (समय) का बोध कराते हैं, वे कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे-कल, परसों, आज, सदा, जब तक, हमेशा।।


2.
स्थानवाचक क्रियाविशेषण – जो शब्द क्रिया के होने के स्थान संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, वे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे-दाएँ, बाएँ, इधर, उधर, नीचे, ऊपर, पास, दूर आदि।
स्थानवाचक क्रियाविशेषण जानने के लिए क्रिया के साथ कहाँ लगाकर प्रश्न किया जाता है।


3.
परिमाणवाचक क्रियाविशेषण – जिन शब्दों से क्रिया के परिमाण (मात्रा) का बोध हो, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

  • जैसे उतना खाओ जितना पचा सको।
  • आज काफ़ी वर्षा हुई।

4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण – जो पद क्रिया के होने की रीति या विधि का बोध कराता है, या विशेषता बताता है उसे रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं; जैसे

  • कार तेज दौड़ती है।
  • बैलगाड़ी धीरे-धीरे चलती है।

Friday, April 30, 2021

SAATHI HAATH BADHANA

SAATHI HAATH BADHANA Class 6 Hindi

BY SAHIR LUDHYANAVI

साथी हाथ बढ़ाना –  Class 6 Hindi




गीत से

प्रश्न 1.
इस गीत की किन पंक्तियों को तुम आप अपने आसपास की जिंदगी में घटते हुए देख सकते हो?
उत्तर-
इस गीत की निम्नलिखित पंक्तियों को हम अपने आसपास की जिंदगी में घटते हुए देख सकते हैं-
साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया।
सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया,
फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाँहें।
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें।

प्रश्न 2.
‘सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया’-साहिर ने ऐसा क्यों कहा है? लिखो।
उत्तर-
साहिर ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि एक साथ मिलकर काम करने से बड़ी से बड़ी बाधाओं में भी रास्ता निकल आता है, यानी काम आसान हो जाता है। साहसी व्यक्ति सभी बाधाओं पर आसानी से विजय पा लेता है क्योंकि एकता और संगठन में शक्ति होती है जिसके बल पर वह पर्वत और सागर को भी पार कर लेता है।




प्रश्न 3.
गीत में सीने और बाँहों को फ़ौलादी क्यों कहा गया है?
उत्तर-
सीने और बाँह को फ़ौलादी इसलिए कहा गया है क्योंकि हमारे इरादे मजबूत हैं। हमारे बाजुओं में आपार शक्ति है। हम ताकतवर हैं। हम बलवान हैं। हमारी बाँहें फ़ौलादी इसलिए भी हैं कि इसमें असीम कार्य क्षमता का पता चलता है। हमारी बाजुएँ काफ़ी शक्तिशाली भी हैं।

गीत से आगे


साथी हाथ बढ़ाना –  Class 6 Hindi

गीत से आगे

प्रश्न 1.
अपने आसपास तुम किसे साथी मानते हो और क्यों ? इससे मिलते-जुलते कुछ और शब्द खोजकर लिखो।
उत्तर-
हमारे माता-पिता, भाई-बहन, मित्र, सहपाठी, शिक्षक, पड़ोसी-ये सभी हमारे साथी हैं। क्योंकि ये सब हमें किसी न किसी रूप में सहयोग करते हैं। साथी से मिलते-जुलते शब्द हैं-सहायक, सखा, संगी, सहचर, शुभचिंतक, मित्र, मीत आदि।

प्रश्न 2.
‘अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक कक्षा, मोहल्ले और गाँव/शहर के किस-किस तरह के साथियों के बीच तुम्हें इस वाक्य की सच्चाई महसूस होती है। और कैसे?
उत्तर-
कुछ बातों के संबंध में हम अपने साथियों से जुड़े होते हैं। इन मामलों में हमारी सोच एक होती है और हमारे सुख-दुख की अनुभूति भी एक होती है। उदाहरण के लिए। पानी-बिजली की कमी, ट्रैफिक जैसी रोजमर्रा की मुश्किलों से जब हमारा सामना होता है तो हमें लगता है जैसे हमारा दुख एक है। वहीं दूसरी ओर विद्यालय के लिए पदक जीतना, कक्षा में अच्छे अंक लाना और बड़े होकर कुछ बनने की चाह से पता चलता है कि हमारा सुख भी एक ही है।

प्रश्न 3.
इस गीत को तुम किस माहौल में गुनगुना सकते हो?
उत्तर-
इस गीत को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या किसी संगठन की स्थापना के अवसर पर गा सकते हैं। खेल के मैदान में भी यह गीत खिलाड़ियों में जोश पैदा कर सकता है। वैसे तो यह गीत कभी-भी गुनगुनाया जा सकता है, पर विशेषकर जब सहयोग और संगठन की शक्ति बतानी हो तब यह गीत महत्त्व रखता है।

प्रश्न 4.
‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’-

  1. तुम अपने घर में इस बात का ध्यान कैसे रख सकते हो?
  2. पापा के काम और माँ के काम क्या-क्या हैं?
  3. क्या वे एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं?

उत्तर-

  1. अपने घर के छोटे-बड़े कामों में माता-पिता का हाथ बँटा कर हम इस बात की। ध्यान रख सकते हैं।
  2. पापा और माँ को बहुत से काम करने होते हैं। जहाँ एक ओर पापा कार्यालय जाते हैं और घर के लिए आवश्यक बाहरी कामों का ध्यान रखते हैं वहीं माँ घर की सफाई, खाना बनाना, कपड़े धोना, हम सबों को पढ़ाना, खरीदारी करना और कई छोटे-बड़े कामों की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेती है।
  3. हाँ, वे इन कामों से एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं।

प्रश्न 5.
यदि तुमने ‘नया दौर’ फ़िल्म देखी है तो बताओ कि यह गीत फ़िल्म में कहानी के किस मोड़ पर आता है? यदि तुमने फ़िल्म नहीं देखी है तो फ़िल्म देखो और बताओ।
उत्तर-
‘नया दौर’ फिल्म में जब कच्ची सड़क को पक्का करने के लिए सब मिल जुल कर काम करते हैं तब यह गीत आता है। यह गीत उनके सहयोग, उत्साह और जोश को प्रदर्शित करता है।

कहावतों की दुनिया

प्रश्न 1.
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं।
(क) ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की किन पंक्तियों से मिलता-जुलता है?
(ख) इन दोनों कहावतों का अर्थ कहावत-कोश में देखकर समझो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर-
(क)

  • एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
  • एक से मिले तो कतरा, बन जाता जाता है दरिया
    एक से एक मिले तो ज़र्रा, बन जाती है सेहरी
    एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत
    एक से एक मिले तो इंसाँ, बस में कर ले किस्मत।

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 7 साथी हाथ बढ़ाना Q1

प्रश्न 2.
नीचे हाथ से संबंधित कुछ मुहावरे दिए गए हैं। इनके अर्थ समझो और प्रत्येक मुहावरे से वाक्य बनाओ-

  1. हाथ को हाथ न सूझना
  2. हाथ साफ़ करना
  3. हाथ-पैर फूलना
  4. हाथों-हाथ लेना।
  5. हाथ लगना।

उत्तर-

  1. बिजली चली जाने के बाद इतना अँधेरा हो गया कि हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था।
  2. मौका मिलते ही चोर ने गहनों पर अपना हाथ साफ कर दिया।
  3. पुलिस को देख कर चोर के हाथ-पैर फूल गए।
  4. नई किताब के बाजार में आते ही सबने उसे हाथों-हाथ लिया।
  5. तुम नहीं जान सकते कि कितने इंतजार के बाद यह इनामी राशि मेरे हाथ लगी

भाषा की बात

प्रश्न 1.
हाथ और हस्त एक ही शब्द के दो रूप हैं। नीचे दिए गए शब्दों में हस्त और हाथ छिपे हैं। शब्दों को पढ़कर बताओ कि हाथों का इनमें क्या काम है-
हाथघड़ी, हथौड़ा, हस्तशिल्प, हस्तक्षेप, निहत्था, हथकंडा, हस्ताक्षर, हथकरघा
उत्तर

  • हाथघड़ी- हाथघड़ी हाथ की कलाई पर पहनी जाती है।
  • हथौड़ा- एक ऐसा लोहे का औज़ार है जिसे हाथ से पकड़कर चलाया जाता है।
  • हस्तशिल्प- इस शिल्पकारी को हाथ (हस्त) से किया जाता है।
  • हस्तक्षेप- बीच-बचाव करने के लिए। इसका अर्थ है दखल देना।
  • निहत्था- जिसके हाथ में कोई हथियार न हो, उसे निहत्था कहते हैं।
  • हथकंडा- किसी कार्य को पूरा करने के लिए अनुचित तरीका अपनाने को हथकंडा कहते हैं। इसमें भी हाथ का कार्य नहीं है।
  • हस्ताक्षर- हाथ से अपना नाम लिखकर किसी कार्य हेतु स्वीकृति देना।
  • हथकरघा- हाथ से किए जाने वाले छोटे-मोटे उद्योग धंधे, जैसे चरखा चलाना, कपड़ा बुनना, टोकरी बुनना आदि।

प्रश्न 2.
इस गीत में परबत, सीस, रस्ता, इंसाँ शब्दों के प्रयोग हुए हैं। इन शब्दों के प्रचलित रूप लिखो।
उत्तर

  • परबत – पहाड़, पर्वत
  • सीस – शीश, सिर, माथा
  • रस्ता – रास्ता
  • इंसाँ – इंसान, मनुष्य

प्रश्न 3.
“कल गैरों की खातिर की, आज अपनी खातिर करना”-
इस वाक्य को गीतकार इस प्रकार कहना चाहता है
(तुमने) कल गैरों की खातिर (मेहनत) की, आज (तुम) अपनी खातिर करना।

इस वाक्य में ‘तुम’ कर्ता है जो गीत की पंक्ति में छंद बनाए रखने के लिए हटा दिया गया है। उपर्युक्त पंक्ति में रेखांकित शब्द ‘अपनी’ का प्रयोग कर्ता ‘तुम’ के लिए हो रहा है, इसलिए यह सर्वनाम है। ऐसे सर्वनाम जो अपने आप के बारे में बताएँ निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। (निज का अर्थ ‘अपना’ होता है।)
निजवाचक सर्वनाम के तीन प्रकार होते हैं जो नीचे दिए वाक्यों में रेखांकित हैं-
मैं अपने आप (या आप) घर चली जाऊँगी।
बब्बन अपना काम खुद करता है।
सुधा ने अपने लिए कुछ नहीं खरीदा।
अब तुम भी निजवाचक सर्वनाम के निम्नलिखित रूपों का वाक्यों में प्रयोग करो।

  1. अपने को
  2. अपने से
  3. अपना
  4. अपने पर
  5. अपने लिए
  6. आपस में

उत्तर-

  1. अपने को- हमें अपने को दुश्मन से बचाना है।
  2. अपने पर- मुझे अपने पर भरोसा है।
  3. अपने से- अपने से बड़े व्यक्तियों की बात मानना चाहिए।
  4. अपने लिए- हमें अपने लिए कुछ वक्त निकलना चाहिए।
  5. अपना- आप इसे अपना ही समझिए।
  6. आपस में- आपस में झगड़े मत करो।

कुछ करने को

प्रश्न 1.
बातचीत करते समय हमारी बातें, हाथ की हरकत से प्रभावशाली होकर दूसरे तक पहुँचती हैं। हाथ की हरकत से या हाथ के इशारे से भी कुछ कहा जा सकता है।
नीचे लिखे हाथ के इशारे किन अवसरों पर प्रयोग होते हैं? लिखो-

  1. ‘क्यों’ पूछते हाथ
  2. मना करते हाथ
  3. समझाते हाथ
  4. बुलाते हाथ
  5. आरोप लगाते हाथ
  6. चेतावनी देते हाथ
  7. जोश दिखाते हाथ

उत्तर-

  1. ‘क्यों’ पूछते हाथ- का प्रयोग हम किसी से प्रश्न करते समय करते हैं।
  2. ‘मना करते हाथ’- किसी की बात को मना करने के लिए किया गया हाथों का प्रयोग।
  3. बुलाते हाथ- किसी को बुलाने के लिए किया गया हाथों का प्रयोग।
  4. आरोप लगाते हाथ- किसी पर दोष मढ़ते समय हाथ की ऊँगली का इशारा।
  5. जोश दिखाते हाथ- जोश दिखाने के लिए दोनों हाथों का इशारा करते हैं।
  6. समझाते हाथ- हम हाथ के संकेत से समझाते हैं।
  7. चेतावनी देते हाथ- किसी काम के परिणाम के विषय में आगाह करते समय।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्न

(क) ‘साथी हाथ बढ़ाना’ गीत के गीतकार कौन हैं?
(i) विष्णु प्रभाकर
(ii) दिलीप एम. साल्वी
(iii) साहिर लुधियानवी
(iv) सुमित्रानंदन पंत

(ख) किसके सहारे इंसान अपना भाग्य बना सकता है-
(i) धन के
(ii) खेल के
(iii) मेहनत के
(iv) किस्मत के

(ग) गीतकार कहाँ राहें पैदा करने की बात कह रहा है?
(i) समुद्र में
(ii) हवा में
(iii) वन में
(iv) चट्टानों में

(घ) राई का पर्वत कैसे बनता है?
(i) एक से एक मिलते चले जाने पर
(ii) खेत में पैदा होने पर
(iii) व्यापारियों द्वारा खरीदे जाने पर
(iv) वर्षा होने पर साथी हाथ बढ़ाना

(ङ) हमारी मंज़िल क्या है?
(i) सत्य
(ii) झूठ
(iii) छल
(iv) फरेब

उत्तर

(क) (iii)
(ख) (iii)
(ग) (iv)
(घ) (i)
(ङ) (i)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
यह गीत किसको संबोधित है?
उत्तर-
यह गीत देशवासियों को संबोधित है।

प्रश्न 2.
‘साथी हाथ बढ़ाना’ वाक्य किस ओर संकेत करता है?
उत्तर-
साथी हाथ बढ़ाना वाक्य का संकेत है-मिलकर कार्य करना।

प्रश्न 3.
इंसान चाहे तो क्या कर सकता है?
उत्तर-
इंसान चाहे तो चट्टानों में भी रास्ता निकाल सकता है।

प्रश्न 4.
“गैरों’ के लिए हमने क्या किया है?
उत्तर-
‘गैरों’ के लिए हमने अपनी सुख-सुविधाओं की परवाह न करके उनके कार्यों को पूरा किया है।

प्रश्न 5.
हमारा लक्ष्य क्या है?
उत्तर-
हमारा लक्ष्य सत्य की प्राप्ति है। हमें मिल-जुलकर उन्नति के रास्ते पर चलना चाहिए।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इस गीत का आशय क्या है?
उत्तर-
इस गीत का आशय यह है कि हमें आपस में मिल-जुलकर काम करना चाहिए। अकेला व्यक्ति काम करते-करते थक भी सकता है। संगठन और शक्ति के सामने बड़ी-बड़ी बाधाएँ दूर हो जाती हैं। मिल-जुलकर मेहनत करने से भाग्य भी बदल सकते हैं।

प्रश्न 2.
क्या बिना सहयोग के आगे बढ़ा जा सकता है?
उत्तर-
बिना किसी के सहयोग के अकेले आगे बढ़ना कठिन कार्य है। जीवन में हर पल पर हमें किसी न किसी के मदद की आवश्यकता होती है। इसका समाधान हमारे जीवन में कई लोगों के सहयोग एवं मार्गदर्शन से होता है। अतः बिना सहयोग के आगे बढ़ना असंभव-सा लगता है।

प्रश्न 3.
इस गीत से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर-
इस गीत से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें प्रत्येक कार्य मिल-जुलकर करना चाहिए, परिश्रम से कभी घबराना नहीं चाहिए। और सभी के सुख-दुख में सहयोग देना चाहिए। यह कविता हमें एकता और संगठन की शक्ति के बारे में भी बताती है।


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