Friday, April 23, 2021

For God’s Sake, Hold Thy Tongue

 


For God’s Sake, Hold Thy Tongue 

(Abridged & Edited) 
Class 8th - English : Prose - Lesson 4

WORKING WITH TEXT


Q1. What do the Qur'an and the traditions of the Prophet (PBUH) tell us on backbiting and scandal mongering?

Ans. The holy Qur'an condemns Scandal mongering and backbiting in strongest terms. In Sahi Muslim, Prophet Muhammad (SAW) says that a person who indulges in backbiting is a man who has eaten the flesh of his elder brother.


Q2. What do the Gita and the Bible tell us on backbiting?

Ans. All the religions criticize on backbiting. The pious Gita says that a person who is free from backbiting is pure and free from fear, and the person who has a habit of backbiting is sinner and is born to demoniac endowments.

In the same way The Bible says that we all make errors in many ways, and a person who does not make an error is a perfect man and he can curb his whole body on his will.


Q3. What do the Granth Sahib and Lord Buddha tell us on backbiting?

Ans. The Guru Granth Sahib says that a backbiter carries the great burden of sins and he carries loads without any payment. Lord Buddha in his eightfold path says that one requires living a life based on right speech.


Q4. Why did the servant of Rabbi Simeon bring tongues both the times?

Ans. Rabbi Simeon’s servant brings tongues both the times because it is only the tongue that issues the good and the bad, also there is nothing better than a good tongue and nothing worse than an evil one.


Q5. Why did Rabbi Simeon invite his disciples for a meal?

Ans. Rabbi Simeon invited his disciples for a meal to tell them about the advantages of soft tongue. He conveyed a message to them that only use soft tongue in their conversation with another because soft tongue spreads sweetness.


Q6. What according to you is the moral of the lesson?

Ans. Vice offends the moral standards of the community, and scandal mongering and backbiting are vices, we should always refrain from this, so that to be pure in front of our Almighty Allah.


Q7. How does our tongue do good or bad to others?

Ans. A good tongue pleases people and makes them happy, and a bad tongue offends them and hurts them, which is a great sin in all religions.


LANGUAGE WORK

Add the correct ending to each of the following words and say what each person does or is connected with:


1. Govern               governor                  one who govern.

2. Cater                  caterer                      one who provides food or drink for a social or business function.

3. Translate            translator                  one translates text from one language to another.

4. Novel                 novelist                    one who writes novels.

5. Tour                     tourist                     one who undertakes a journey to see a place.

6. Politics                politician                 one who takes part in political activities.

7. Decorate              decorator                 one who decorates houses.

8. Art                       artist                         one who has a skill of painting etc.

9. Economics           economist                one who deals with the economy.

10. Drama               dramatist                   one makes dramas and plays.

11. Cricket              cricketer                    one who plays cricket.

12. Engine              engineer                     one who has studied engineering.

13. History              historian                    one who writes history.

14. Mountain           mountaineer             one who climbs mountains.

15. Donate              donator                      one who donates.

16. Grammar           grammarian              one who knows the rules of grammar.

17. Auction             auctioneer                  one who checks accounts in offices.

18. Science              scientist                     one who has the practical knowledge of science.

19. Teach                 teacher                       one who teaches in a classroom.

20. Electricity         electrician                   one who has the knowledge of electricity.

21. Physics              physician                    one who has the knowledge of physics.

22. Write                 writer                          one who writes.

23. Speak                speaker                        one who makes a speech.

24. Win                   winner                          one who wins.

25. Mathematics     mathematician             one who knows mathematics.

GRAMMAR WORK

Complete each sentence with an adverb. The first letters of each adverb are given.

1. We didn’t go out because it was raining heavily.

2. Our team lost the game because we played badly.

3. I had little difficulty finding a place to live. I found a flat easily.

4. We had to wait for a long time, but we didn’t complain. We waited patiently.

5. Nobody knew Atif was coming to see us. He arrived unexpectedly.

6. Zeeshan keeps fit by playing tennis regularly.

7. I don’t speak Punjabi very well, but I can understand it perfectly if spoken slowly and clearly.

Put in the correct word.

1. Two people are seriously injured in the accident. (Serious / seriously)

2. The driver of the car had serious injuries. (Serious / seriously)

3. I think you behaved very selfishly. (Selfish / selfishly)

4. Razia is terribly upset about losing her job. (Terrible / terribly)

5. There was a sudden change in the weather. (Sudden / suddenly)

6. Everybody at the marriage party was colourfully dressed. (Colourful / colourfully)

7. Aslam speaks English fluently. (Fluent / fluently)

8. Ved Sir fell and hurt himself quite badly. (Bad / badly)

9. Hafeez didn’t do well at school because he was taught badly. (Bad / badly)

10. Don’t go up that ladder. It doesn't look safe. (Safe / safely)



Tuesday, April 20, 2021

Aksharon ka mahattav, class 6th hindi


 किशोर भारती 
कक्षा-6, पाठ - 3

अक्षरों का महत्तव 



एक हिंदी पाठ- 

चन्दर उदय सिंह द्वारा


अक्षरों की कहानी 


यह पुस्तक अक्षरों से बनी है। सारी पुस्तकें अक्षरों से बनी हैं। तरह-तरह की - पुस्तकें | तरह-तरह के अक्षर | 

दुनिया में अब तक करोड़ों पुस्तकें छप चुकी हैं । हजारों पुस्तकें रोज छपती हैं| तरह-तरह के अक्षरों में हज़ारों की तादाद में रोज ही समाचार-पत्र छपते रहते हैं। इन सबके मूल में हैं अक्षर | हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि यदि आदमी अक्षरों को न जानता, तो आज इस दुनिया का क्या हाल होता |कोई कह सकता है कि हम अक्षरों को अनादि काल से जानते हैं। अक्षरों का ज्ञान हमें किसी ईश्वर से मिला है | 

पुराने ज़माने के लोग सचमुच ही सोचते थे कि अक्षरों की खोज ईश्वर ने की है। पर आज हम जानते हैं कि अक्षरों की खोज किसी ईश्वर ने नहीं, बल्कि स्वयं आदमी ने की है। अब तो हम यह भी जानते हैं कि किन अक्षरों की खोज किसी देश में किस समय हुई! 

हमारी यह धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है । दो-तीन अरब साल तक इस धरती पर किसी प्रकार के जीव-जंतु नहीं थे। फिर करोड़ों साल तक केवल जानवरों और वनस्पतियों का ही इस धरती पर राज्य रहा | 

मध्य अमरीका के ओंजिबवा आदिवासियों के चित्र (दाई ओर से बाईं ओर को क्रमशः) तूफान का देवता जो सारे आकाश को घेरता है, नगाड़ा, पंखों से सुशोभित नगाड़ा, द्रोणकाक, कौवा और दवाखाने में आदमी | 

आदमी ने इस धरती पर कोई पांच लाख साल पहले जन्म लिया। धीरे-धीरे उसका विकास हुआ | 

कोई “दस हज़ार साल पहले आदमी ने गाँवों को बसाना शुरू किया | वह खेती करने लगा। वह पत्थरों के औज़ारों का इस्तेमाल करता था| फिर उसने तांबे और कांसे के भी औजार बनाए 

प्रागैतिहासिक मानव ने सबसे पहले चित्रों के ज़रिए अपने भाव व्यक्त किए।. जैसे, पशुओं, पक्षियों, आदमियों आदि के चित्र। इन चित्र-संकेतों से बाद में भाव-संकेत अस्तित्व में आए। जैसे, एक छोटे वृत्त के चहुँ ओर किरणों की द्योतक रेखाएँ खींचने पर वह 'सूर्य' का चित्र बन जाता था | बाद में यही चित्र 'ताप' या 'धूप' . का द्योतक बन गया | इस तरह अनेक भाव-संकेत अस्तित्व में आए | तब जाकर काफी बाद में आदमी ने अक्षरों की खोज की | अक्षरों की. खोज के सिलसिले को शुरू हुए मुश्किल से छह हजार साल हुए हैं। केवल छह हजार साल पहले ही अक्षरों की खोज हुई है।क्षरों की खोज के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई | आदमी अपने विचार और अपने हिसाब-किताब को लिखकर रखने लगा। तबसे मानव को “सभ्य' कहा जाने लगा | आदमी ने जबसे लिखना शुरू किया तबसे 'इतिहास' आरंभ हुआ | किसी भी कौम या देश का इतिहास तब से शुरू होता है, जबसे आदमी के लिखे हुए लेख मिलने लग जाते हैं। इस प्रकार, इतिहास को शुरू हुए मुश्किल से छह हजार साल हुए हैं। उसके पहले के काल को 'प्रागैतिहासिक काल' यानी इतिहास के पहले का काल कहते हैं। हम देखते हैं कि यदि आदमी अक्षरों की खोज नहीं करता, तो आज हम इतिहास को न जान पाते। हम यह न जान पाते कि पिछले कुछ हज़ार सालों में आदमी किस प्रकार रहता था, क्या-क्या सोचता था, कौन-कौन राजा हुए इत्यादि | अक्षरों की खोज मनुष्य की सबसे बड़ी खोज है| अक्षरों की खोज करने के बाद ही मनुष्य अपने विचारों को लिखकर रखने लगा। इस प्रकार, एक पीड़ी के ज्ञान का इस्तेमाल दूसरी पीढ़ी करने लगी | अक्षरों की खोज करने के बाद पिछले छह हज़ार सालों में मानव जाति का तेज़ी से विकास हुआ। यह महत्त्व है अक्षरों का और उनसे बनी हुई लिपियों का। अतः हम सबको अक्षरों की कहानी मालूम होनी चाहिए | आज जिन अक्षरों की हम पढ़ते या लिखते हैं वे कब बनाए गए, कहा बने और किसने बनाए, यह जानना जरूरी है | 


गुणाकर मुले 







अक्षरों का महत्तव

प्रश्न अभ्यास
प्रश्न  1:
पाठ में ऐसा क्यों कहा गया है कि अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरूआत हुई?

उत्तर :
पाठ में ऐसा इसलिए कहा गया है; क्योंकि अक्षरों की खोज से पहले मानव सभ्यता का कोई लिखित इतिहास नहीं मिलता। परन्तु अक्षरों की खोज के पश्चात् मानव ने इतिहास को लिखना आरम्भ किया और मानव द्वारा अर्जित इन्हीं अक्षरों के ज्ञान ने मानव को प्रगति पथ पर बढ़ाने व उसे सभ्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन सब कारणों से अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरूआत हुई; यह कहा गया है।
प्रश्न 2:
अक्षरों की खोज का सिलसिला कब और कैसे शुरू हुआ? पाठ पढ़कर उत्तर लिखो।

उत्तर :
अक्षरों की खोज करीब छह हज़ार साल पहले की मानी जाती है।इस से पहले मानव के पास अपने विचारों व भावों को व्यक्त करने का कोई साधन नहीं था ; उन्होंने जानवरों, पक्षियों और मानवों के चित्रों द्वारा अपनी अभिव्यक्ति को प्रकट किया।धीरे-धीरे इन चित्र संकेंतों का स्थान भाव संकेतों ने ले लिया। इससे उन्होंने औरअच्छी तरह अपने विचारों व भावों को मानव, सूर्य-चन्द्रमा व देवी देवताओं के रूप में दर्शाना आरम्भ किया और धीरे-धीरे अक्षर अस्तित्व मेंआए।
प्रश्न 3:
अक्षरों के ज्ञान से पूर्व मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज़ के इलाकों तक पहुँचाने के लिए किन- किन माध्यमों का सहारा लेता था ?

उत्तर :
पहले मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज़ के इलाको तक पहुँचाने के लिए पशु-पक्षियों, आदमियों, सूर्य तथा चंद्र आदि के चित्र बनाकर भाव संकेत का सहारा लेता था।
प्रश्न 4:
‘भाषा का विकास पहले हुआ, अक्षर और लिपि का बाद में। बोली गई भाषा को अक्षरों की मदद से लिखा जा सकता है। कई लोग ऐसे भी होते हैं जो अक्षर नहीं पहचानते, पर भाषा अच्छी तरह जानते हैं।’
ऊपर की पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए भाषा और अक्षर के संबंधों के बारे में एक अनुच्छेद लिखो।

उत्तर :
मनुष्य की उत्पत्ति के साथ ही भाषा का आरम्भ हुआ।आरम्भ में मनुष्यआदिमानव था, उसका मानसिक विकास नहीं हुआ था।वह अपनी बात को समझाने के लिए इशारों व ध्वनि संकेतों का सहारा लेता था।परन्तु जैसे-जैसे आदिमानव का मानसिक विकास होता गया उन संकेतों व ध्वनि संकेतों का भी विकास होता गया और वे विचारों को भली -भाँति व्यक्त करने में सक्षम हो गए। इसी तरह भाषा का विकास हुआ।इसके बाद मनुष्य अपने विचारों व अनुभवों को लिख कर व्यक्त करने के लिए प्रेरित होने लगा और उसने गुफ़ाओं व पत्थरों पर चित्र संकेतों द्वारा अपने  विचारों को व्यक्त करनाआरम्भ किया।अब वो देवी-देवताओं, सूर्य- चन्द्रमा के द्वारा और ज़्यादा सहज भाव से अपनीअभिव्यक्ति कोअंकित करने लगाऔर इसी विकास के क्रम ने अक्षरों को जन्म दिया।इसी के साथ मनुष्य ने इतिहास को अक्षरों की सहायता से लिपिबद्ध करना आरम्भ किया।आज विश्व के हर कोने में अनेकों भाषायें बोली जाती हैं और उन्हें लिपिबद्ध किया जाता है।यदि मनुष्य ने भाषा की खोज नहीं की होती तो हमें आज अक्षरों का भी ज्ञान नहीं होता।ये दोनों एक दूसरे के पूरक हैं एक के बिना दूसरे का कोई अस्तित्व नहीं है।यदि मनुष्य को भाषाओं का ज्ञान है तो वो दूसरे मनुष्यों को अपनी बात समझा सकता है परन्तु अगर उसको अक्षरों का ज्ञान नहीं है तो वो अपने विचारों और अनुभवों को लिख नहीं सकता या फिर दूर बैठे अपने किसी सम्बन्धी को अपना समाचार भेज नहीं सकता, अपनेअनुभवों को लिख नहीं सकता परन्तु अगर इसके विपरीत उसे अक्षरों का ज्ञान है तो वो भावों,  विचारों को अच्छी तरह से व्यक्त कर सकता है। क्योंकि अक्षरों के इसी ज्ञान से हमें आज हमारे इतिहास के बारे में इतनी जानकारियाँ उपलब्ध है।आज किसी भी देश जाति, धर्म व जगह से सम्बन्धित जानकारियाँ हमें मनुष्य द्वारा लिपिबद्ध की गई पुस्तकों से प्राप्त होती है; अन्यथा अगर भाषा व अक्षरों का विकास न हुआ होता तो हमें इन महत्वपूर्ण जानकारियों से वंचित रहना पड़ता और हमअपने इतिहास के बारे में हमेशा अनभिज्ञ रहते।इसी भाषा और अक्षरों के ज्ञान ने मनुष्यों को सभी जीवों में श्रेष्ठ बनाया है।

भाषा की बात 
प्रश्न 1:
अनादि काल में रेखांकित शब्द का अर्थ है जिसकी कोई शुरुआत या आदि न हो। नीचे दिए गए शब्द भी मूल शब्द के शुरू में कुछ जोड़ने से बने हैं। इसे उपसर्ग कहते हैं। इन उपसर्गों को अलग करके लिखो और मूल शब्दों को लिखकर उनका अर्थ समझो—

असफल …………………. अदृश्य ………………….
अनुचित …………………. अनावश्यक ………………….
अपरिचित …………………. अनिच्छा ………………….
(क) अब बताओ कि ये उपसर्ग जिन शब्दों के साथ जुड़ रहे हैं क्या उनमें कोई अंतर है?
(ख) उपर्युक्तशब्दोंसेवाक्यबनाओऔरसमझोकियेसंज्ञाहैंयाविशेषण।वैसेतोसंख्याएँसंज्ञाहोतीहैंपरकभी-कभीयेविशेषणकाकामभीकरतीहैं, जैसे- नीचेलिखेवाक्यमें
हमारी धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है।
कोई दस हजार साल पहले आदमी ने गाँवों को बसाना शुरू किया।
इन वाक्यों में रेखांकित अंश ‘साल’ संज्ञा के बारे में विशेष जानकारी दे रहे हैं, इसलिए संख्यावाचक विशेषण हैं। संख्यावाचक विशेषण का इस्तेमाल उन्हीं चीज़ों के लिए होता है जिन्हें गिना जा सके। जैसे – चार संतरे, पाँच बच्चे, तीन शहर आदि। पर यदि किसी चीज़ को गिना नहीं जा सकता तो उसके साथ संख्या वाले शब्दों के अलावा माप-तौल आदि के शब्दों का इस्तेमाल भी किया जाता है—
• तीन जग पानी
• एक किलो जीरा
यहा रेखांकित हिस्से परिमाणवाचक विशेषण हैं क्योंकि इनका संबंध माप-तौल से है। अब नीचे लिखे हुए को पढ़ो। खाली स्थानों में बॉक्स में दिए गए माप-तौल के उचित शब्द छाँटकर लिखो।
प्याला     कटोरी     एकड़     मीटर
लीटर      किलो      ट्रक       चम्मच
तीन …………….. खीर दो ……………… ज़मीन
छह ……………… कपड़ा एक ……………… रेत
दो ……………… कॉफ़ी पाँच ……………… बाजरा
एक ……………… दूध तीन ……………… तेल
 
उत्तर :
(क) हाँ उनके अर्थो में अंतर आ जाता है। अ उप्सर्ग लगा देने से प्राय: शब्दों के अर्थ विपरीत हो जाते हैं। जैसे-
असफल : सफल
अनुचित : उचित
अपरिचित : परिचित
अदृश्य : दृश्य
अनावश्यक : आवश्यक
अनिच्छा : इच्छा
(ख)
(1) तीन कटोरी खीर
(2) छह मीटर कपड़ा
(3) दो प्याला कॉफ़ी
(4) एक लीटर दूध
(5) दो एकड़ ज़मीन
(6) एक ट्रक रेत
(7) पाँच किलो बाजरा
(8) तीन चम्मच तेल

Wednesday, April 14, 2021

important questions of hindi 10th class

Some important questions as sugessted by 

The Jammu And Kashmir Board of School Education


re-compiled by CHANDER UDAY SINGH

सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।


1 . निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-    

(।) “वीर विलास' नामक ग्रन्थ के कवि कौन हैं?

उत्तर- द॒त्तू (लक्षमन जू बुल बुल)

(॥ ) लद॒दाखी भाषा किस परिवार की भाषा है?

उत्तर- भारोपीय परिवार / चीनी परिवार

(॥ ) हिन्दी के पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले रचनाकार का नाम लिखिए।

उत्तर- सुमित्रानंदन पंत

(४) राजा ध्रुवदेव का राज्य-काल कब से कब तक रहा?

उत्तर- 1702 से 1730 .ई. तक

(४ ) बिहारी का जन्म कब और कहाँ हुआ।

उत्तर- 1595 में, ग्वालियर में

(४) “राष्ट्र कवि” का सम्मान किस कवि को मिला?

उत्तर- मेथिलीशरण गुप्त

(५7 ) 'सतसई' किस कवि की रचना हे?

उत्तर- बिहारी की।

(»॥) जयशंकर प्रसाद के कहानी संग्रह का नाम लिखिए।

उत्तर- इंद्रजाल, आकाशदीप।

(॥४ ) कहानी और उपन्यास का प्रधान तत्व कौन-सा है?

उत्तर- कथावस्तु / कथा तत्तव .

(५) किस राजा ने उर्दू और फारसी को हमारे राज्य में न्यायालय की भाषा स्वीकार की?

उत्तर- महाराजा प्रताप सिंह

(४४) कबीरदास किस शाखा के प्रवर्तक थे?

उत्तर- ज्ञानमार्गी शाखा ( भक्तिकाल)

(४४ ) हेड मास्टर शर्मा जी ने पी.टी साहब को क्‍यों मुअत्तल कर दिया?

उत्तर- क्‍योंकि उन्होंने चाथी कक्षा के बच्चों को क्रूर दंड दिया।


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-

() कैसे मनुष्य को अपने समीप रखना चाहिए? साखी के संदर्भ में उत्तर दीजिए।

उत्तर- निंदक नंडा राखिये, आँगणि कुटी बंधाइ

बिन सावण पाँणी बिना, निरमल करें सुभाइ।॥।

(॥) बिहारी का स्वभाव कैसा था?

उत्तर- बिहारी का स्वभाव विनोदी और व्यंग्यप्रिय था।

(॥ ) जयशंकर प्रसाद के दो नाठकों के नाम लिखिए।

उत्तर- स्कंदगुप्त और ध्रुवस्वामिनी।

(४) “राई भर भी अनुताप न करने पाऊँ"? यह कथन किसका है? '

उत्तर- यह कथन “मैथिलीशरण गुप्त” द्वारा सचित “कैकेयी क॑ अनुताप” नामक कविता का हैं।

(५) राम भक्ति शाखा के आधुनिक कवि का नाम लिखिए।

“मैथिलीशरण गुप्त” राम भक्ति शाखा के आधुनिक कवि है!

( शं ) आकाश में क्‍या जल रहे हैं।

उत्तर- आकाश में “स्नेहहीन दीपक” जल रहे हैं।

(४ ) स्कूल में स्काऊट परेड कौन करवाते थे?

उत्तर- स्कूल में “पी० टी० मास्टर” स्काऊट परेड करवाते थ।

( शां॥ ) लोकनाटक में क्या प्रस्तुत किया जाता है?

उत्तर- 'लोकनाटक' में आम लोगों के दु:ख दर्द एवं शोक-शिकायत पर कथा. प्रस्तुत करते हैं।

(5 ) सबसे बड़ा दान क्‍या है?

उत्तर- सबसे बड़ा दान दहेज न लेना है।

(5५ ) ललित कलाएँ कितनी हैं?

उत्तर- ललित कलाएँ पाँच हैं- साहित्य, संगीत, नृत्य, मूर्ति और चित्रकाल।

(5 ) हिन्दी किसकी बोली है?

उत्तर- हिन्दी सुमित्रानंदन पंत जी कि बोली हें।

(हा ) प्रेमचंद के विश्व-प्रसिद्ध उपन्यास का नाम बताइए?

उत्तर- गोदान, कफन आदि।


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-


बिहारी का देहांत कब हुआ?


उत्तर- सन्‌ 1663 ई. मे 

(॥ ) जयशंकर प्रसाद के प्रसिद्ध महाकाव्य का नाम लिखिए।

उत्तर- कामायनी।

(४ ) कवि डॉ बंसीलाल शर्मा ने नारी को कैसी वाणी बोलने को कहा है?

उत्तर- मीठी वाणी।

(4४ ) “कैकेयी का अनुताप' कविता के कवि का नाम लिखिए।

उत्तर- “मेथिलीशरण गुप्त। ,

(9) हिन्दी का पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार किसको मिला?

उत्तर- सुमित्रानंदन पंत।

(श) स्कूल का स्काउट परेड कौन करवाते थे?

उत्तर- पी० टी० मास्टर प्रीतमचंद।



(शा) प्रेमचन्द जी की मृत्यु कब हुई?

उत्तर- सन्‌ 1936 मे 

(५ग ) हरिहर काका किस प्रवृत्ति के आदमी हैं?

उत्तर- धार्मिक प्रवृत्ति।

(५ ) पेट-पीठ दोनों मिलकर एक क्‍यों हो गये हैं?

उत्तर- इस कथन से कवि का अभिप्राय यह है कि भिखारी को कभी भरपेट प्राप्त नहीं होता। भूख

क कारण उनका पेट चिपक गया है। उनके पेट और पीठ दोनों मिलकर एक हो गए हैं।

(५ ) हिन्दी की सोत किस भाषा को कहा जाता गया है? |

उत्तर- अंग्रेजी भाषा को।

(४) कबीरदास जी के अनुसार कैसे व्यक्ति को अपने समीप रखनां चाहिए?

उत्तर- जो आपकी निंदा करता हो।

(धो) जम्मू-कश्मीर की सरकारी भाषा क्‍या है?

उत्तर- उर्दू

* निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-

' () बिहारी का जन्म कब हुआ?

उत्तर- सन्‌ 1 595

(0) दुनिया में सर्वप्रथम किसे ज्ञान प्राप्त हुआ?

उत्तर- भारतवासियाों को।

(४) नारी श्रंगार के कवि का नाम लिखिए।

उत्तर- डॉ० बंसीलाल शर्मा।

(५) “कैकेयी का अनुताप' कविता के कवि का नाम लिखिए।

उत्तर- मेथिलीशरण गुप्त।

(५) हिन्दी का पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार किसको मिला?

| उत्तर- सुमित्रानंदन पंत। ।

|. (४) सपनों के-से दिन' के लेखक का क्‍या नाम है?

उत्तर- गुरदयाल सिंह। 

(भा) प्रेमचंद के विश्व-प्रसिद्ध उपन्यास का नाम लिखिए।

उत्तर- गोदान। ।

(शाह) हरिहर काका के कितने भाई हैं?

उत्तर- तीन 

(5) निराला जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उत्तर- सन्‌ 1897 में बंगाल के राज्य मेदनीपुर नामक स्थान पर हुआ।

(४) हिन्दी सभी भाषाओं को क्‍या मानती है?

उत्तर- सभी भाषाओं को सगी बहन मानता हैं। 

 

 

 

   निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-

(0) बिहारी का जन्म कहाँ हुआ?

उत्तर- ग्वालियर में।

(४) हिमालय का आंगन से क्‍या तात्पर्य है?

उत्तर- हिमालय की छत्रछाया में भारत का फलना-फूलना है।

(४) नारी को कैसी कंघी से बाल संवारने चाहिए।

उत्तर- सत्य रूपी।

(५) “कैकेयी का अनुताप' कविता के कवि का नाम लिखिए।

उत्तर- “मैथिलीशरण गुप्त।

(५) हिन्दी का पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार किसको मिला?

उत्तर- सुमित्रानंदन पंत। .

- (शं) लेखक “गुरदयाल सिंह' को दही-मक्खन कौन खिलाता था?

उत्तर- नानी।

(५) प्रेमचन्द्र जी की कौन सी रचना अंग्रजी सरकार ने जब्त कर ली थी?

उत्तर- सोजेवतन।

(शां॥) 'भिक्षुक' कविता के रचयिता का नाम लिखिए।

उत्तर- सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”।

(४) हरिहर काका के कितने भाई थे?

उत्तर- तीन

(७0) हिन्दी किसकी बोली है?

उत्तर- जन-जन की।


2. निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए:-

(क) बिरह भुवंगम तन बसे, मंत्र न लागे कोइ।

राम बियोगी ना जिवे, जिबै तो बोरा होइ॥।

(ख) निधक नेड़ा राखिये, आँगणि कुटी बँधाइ।

बिना साबण पाँणी बिना, निरमल करे सुभाइ।।

अथवा


(6 अंक)


धँस गए धरा में सभय शाल!

उठ रहा धुँआ, जल गया ताल!

यों जलद-यान में विचर


था इन्द्र खेलता इन्द्रजाल।


२.  “यम नियम हो मंगल सूतर,

पूजा-पाठ का चूडा,

महल वासनाओं का

जिससे हो जाये चूरा-चूर।”

३.  “भूख से सूख ओंठ जब जाते

दाता भाग्य-विधाता से क्‍या पाते?

घूँट आँसुओं के पीकर रह जाते।

चाट रहे जूठी पत्तल वे कभी सड़क पर खड़े हुए,

ओर झपट लेने को उनसे कुत्ते भी हैं, अड़ हुए।”

४. “सारे शीतल कोमल नूतन,

माँग रहे तुझसे ज्वाला-कण

विश्व-श्लभ सिर धुन कहता में

हाय न जल पाया तुझ में मिल!

सिहर सिहर मेरे दीपक जल!

५. “न शब्द मिले सुनने को फिर कोई कभी भी,

कि चढ़ गई बलि बच्ची किसी की बेगानी,

प्रण कर लो मिलकर यह आज आप सारे,

दोहराएँगे नहीं अब कुरीति पुरानी।॥'!

 ६.“उड़ गया, अचानक लो, भूधर

फड़का अपार पारद के पर!

रव-शेष रह गए हैं निर्सर!

है टूट पड़ा भू पर अंबर!”!

७. “'दाता भाग्य-विधाता से क्‍या पाते?

घूँट आँसुओं के पीकर रह जाते।

चाट रहे जूठी पत्तल वे कभी सड़क पर खडे हुए,

और झपट लेने को उनसे कुत्ते भी हैं, अड़े हुए।''

८. वहीं है रक्त, वही है देश, वही साहस है, वैसा ज्ञान,

वही है शांति, वही है शक्ति, वही हम दिव्य आर्य-संतान।

जिएँ तो सदा उसी के लिए, यही अभिमान रहे, यह हर्ष,

निछावर कर दें हम सर्वस्व, हमारा प्यारा भारतवर्ष।

९. “युग-युग तक चलती रहे कठोर कहानी-

रघुकुल में भी थी एक अभागिन रानी।

निज जन्म-जन्म में सुने जीव यह मेरा-

धिक्‍्कार ! उसे था महास्वार्थ न घेरा।'!

१०. "सौ बार धन्य वह एक लाल को माई,

जिस जननी ने है जना भरत-सा भाई।

पागल सी प्रभु के साथ सभा चिललाई।”

११. “बैटि रही, अति सघन बन, पैठि सदन तन माँह।

देखि दुपहरी जेठ की छाँहों, चाहति छाँह।।”

१२. “चरित के पृत, भुजा में शक्ति,

नम्नता रही सदा सम्पन्न,

हृदय के गांरव में था गर्व,

किसी को देख न सके विपन्न।”

१३. “गिरिवर के उर से उठ-उठ कर

उच्चाकांक्षाओं के तरुवर,

हैं झाँक रहे नीरव नभ पर

अनिमंष, अटल, कुछ चिंता पर।”

१४. “हम घर जाल्या आपण्णां, लिया मुराड़ा हाथि।

अब घर जालोौं तास का, जे चले हमारे साथि।।”

१५. कहत, नटत, रीझत, मिलत, खिलत, लजियात।

भरे भोन में करत हैं, नेननु हीं सब बात।।

१६. वह आता - -

दो टूक कलेते क॑ करता पछताता

पथ पर आता।

पेट-पीठ दोनों मिलकर हैं एक।

१७.  भरी-पुरी हों सभी बोलियाँ

यही कामना हिन्दी है

गहरी हो पहचान आपसी .

यही .साधना हिन्दी है।

१८.  एसी वाणी बोलिये, मनं का आपा खोइ।

अपना तन सीतल करे, औरन को सुख होइ॥

२०.  जपमाला, छापे, तिलक सरै न एको कामु।

मन काँचे नाचे बृधा, साँचे राँचे रामु।

२१.  हृदय के गौखव में था गर्व, किसी को देख न सके विपन्न।

हमारे संचय में था दान, अतिथि थे सदा हमारे दव।

२२.  हरिनाम को काजल तेरा, रामनाम की बिंदी,

सभ्यता पश्चिमी परित्याग कर बोल सदा ही हिन्दी।

२३.  ठहराो, मत रोको मुझे, कहूँ सो सुन लो,

पाओ यदि उसमें सार उसे सब चुन लो।.

करके पहाड़-सा पाप मौन रह पाऊँ।

राई-भर भी अनुपात न करने पाऊँ।

२४.  पावस ऋतु थी, .पर्वत प्रदेश,

पल-पल परिवतिंत प्रकृति-वेश।। दर

मेखलाकार पर्वत अपार 

अपने सहस्र दृग सुमन फाड,

अवलाक रहा है बार-बार।


3 . निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए:- (हे अकाल

इसके विपरीत कुछ लोगों की मान्यता यह थी कि भाई साहब का परिवार तो अपना ही हांता हैं।


' अपनी जायदाद उन्हें न देना उनके साथ अन्याय करना होगा। खून क॑ रिश्ते क॑ बीच दीवार बनानी


होगी।

अथवा


इ हीं. गुणों क॑ कारण इन चित्रों ने देश-विदेश में ख्याति अर्जित की और भार का नाम संसार में उजागर

किया। अब इस शेली क चित्रों का निर्माण लगभग समाप्त हो चुका है।


“पता नहीं पूर्व॑जन्म में तुमन कान-सा पाप किया था कि तुम्हारी दोनों पत्नियाँ अकालतृत्यु का प्राप्त '

हुई। तुमन आलाद का मुंह तक नहां दखा। अपना सह जन्म तुम अकारथ प जाने दो। ईश्वर को एक

भर दाग ता दस भर पाआग। म। अपन लिए तो तृमसे माँग नहीं रहा हूँ। तुम्हारा सह लोक और परलोक

दानों वन जाएं, इसकी राह में तुम्हें बता रहा जा


जम्मू-कश्मीर में हिन्दी भाषा का प्रचार यहाँ एक ओर साधुओं, पर्यटकों, आदि कं द्वारा हुआ, वहीं

दुसरी आर भक्त-कवियों जसे सूर, तुलसी, मीरा, कबीर आदि क॑ दांहों तथा पदों ने इसमें योगदान

दिया। इन कवियों के कई दोहे व पद सुगम तथा गेय होने क॑ कारण धीरे-धीरे लोकप्रिय हुए तथा

हिन्दी का संस्कार जड़ पकड़ता गया। आजकल भी ये दाह तथा पद साधु-संतों तथा सज्जनों की

जवानी सुने-सुनाए जाते हैं।”


उसे धर्म और परमार्थ से कोई मतलब नहीं। निर्जी स्वार्थ कं लिए साधु होने और पृजा-पाठ करने.

का ढोंग रचा है। साधु क॑ बाने में महंत, पुजारी और उनके अन्य सहयोगी लोभी-लालची और

कुकर्मी हैं। छल, बल, कल, किसी भी तरह धन अर्जित कर बिना परिश्रम किए आराम से रहना

चाहते हैं। अपने घृणित इरादों को छिपाने क॑ लिए ठाकुरबारी को इन्होंने माध्यम बनाया है।''

“अधिक से अधिक वह गुस्से में बहुत जल्दी-जल्दी आँखें झपकते, अपने लम्ब हाथ की उल्टी

उँगलियों से एक “चपत'” हमारी गाल पर मार देते तो मरे जेसे सबसे कमजार शरीर वाले भी सिर

झुकाकर मुँह नीचा किए हँस दंते। वह चपत तो जसे हमें भाई भीखे की नमकीन पापड़ी जेसी मजेदार

लगती।”! हे

“बचपन में घास अधिक हरी ओर फूलों को सुगंध अधिक मनमोहक लगती है। यह शब्द शायद

आधी शती पहले किसी पुस्तक में पढ़ थ॑, परन्तु आज तक याद है| याद रहन का कारण यही ह

कि यह वाक्य बचपन की भावनाओं, साच-समझ क अनुकूल हागा। जा |

“तालीम लैसे महत्त्व के मामले में वह जल्दवाजी से काम लेना पसन्द न करत थ। इस' भवन को

बुनियाद खूब मजबूत डालना चाहजे थे, जिस पर आलीशान महल वन सकं, एक साल का काम

दो साल में करते थे। कभी-कभी तीन साल भी लग जात थ। बुनियाद का उुख्ता न हा, ता मकान


बह को सार जी कथा करते समय बताया करता कि सतिगुर के


जैसे गुरुद्वार का भाई :

यह भी एहसास रहता कि जसे गुरुद्वार का कि

भय से हो प्रेम जागता है, एंसे हो पीटी साहब कं प्रति हमारी प्रम को भावना जा जाता। यह एसा

 


भी है कि आपको रोज फटकारने वाला काई 'अपना' यदि साल भर के बाद एक वार शावाश'

द ता यह चमत्कार-सा लगने है- हमारी दशा भी कुछ ऐसी हुआ करता। ः


  


एक न एक दिन उन्हें मरना ही है। फिर एक भयंकर तूफान क चपेट में यह गाँव आ जाएगा उस


वक्‍त क्या हागा, कुछ कहा नहीं जा सकता। यह कोई छोटी लड़ाई. नहीं, एक वड्डा लड़ाई है।

जान-अनजान पूरा गाँव इसकी चपेट में आएगा ही। इसोलिए लोगों क॑ अंदर भय भा ह आर प्रताक्षा

भी। एक एसी प्रतीक्षा जिसे झुठलाकर भी उसक॑ आगमन को टाला नहीं जा सकता।' '

“समय गुजरने के साथ भाषा में परिवर्तन होते रहते हैं। शब्दों के रूप और अर्थ बदलते रहते हैं।

सस्कृत का भांड शब्द बदलकर कश्मीरी में 'बाँड' हो गया है। ' भाँड' हास्य नाटक क चरित्र का

कहते थ।”


वह व्यक्ति जा साहित्य, संगीत, नृत्यादि कलाओं को नहीं जानता वह बिना सींगां तथा पूछ क पशु

ह। इसस स्पष्ट ह कि कला जानने वाला हीं मनुष्य कहलाने का अधिकारी ह। चित्र-कला एक श्रष्ठ

कला है। उसको देखकर परखा जा सकता है, जबकि कुछ कलाओं को सुनने या महसूस करने से

हा समझा जा सकता है।" .


“वह स्वभाव से बड़े अध्ययनशील थे। हरदम किताब खाले बेठे रहते और शायद दिमाग को आराम

देने के लिए कभी कॉपी पर, किताब के हाशियों पर चिड़ियों, कुत्तों, बिल्लियों की तस्वीरें बनाया

करते थे। कभी-कभी एक ही नाम या शब्द या वाक्य दस-बीस बार लिख डालते।”


“यहाँ यह कहना असंगत न होगा कि सिनेमा, दूरदर्शन, रेडियो आदि क द्वारा राज्य में हिन्दी का

प्रचार-प्रसार तेज गति से हुआ। हिन्दी चलचित्र लोग चाव से देखते हैं।"


“जितने मुँह, उनती बातें। ऐसा जबरदस्त मसला पहले कभी नहीं मिला था, इसीलिए लोग मौन होना

नहीं चाहते थे। अपने-अपने तरीके से समाधान ढूँढ़ रहे थे और प्रतीक्षा कर रहे थे कि कुछ घटित

हो। हालाँकि इसी क्रम में बातें-गर्माहट-भरी भी होने लगी थीं।”


हम सभी उसके बारे में सोचत कि हमारे में उस जेसा कौन था। कभी भी उस जैसा टसरा लडका

नहीं ढूँढ़ पाते थे। उसकी बातें, गालियाँ, मार-पिटाई का ढंग तो अलग था ही, उसकी शक्ल सूरत

भी सबसे अलग थी।”


फिर जब (प्रतीम) प्रतीम चंद कई दिन स्कूल नहीं आए तो यह बात सभी मास्टरों की जुबान पर

थी कि हेडमास्टर शर्माजी ने उन्हें मुअत्तल करके अपनी ओर से आदेश लिखकर, मंजूरी क॑ लिए

हमारी रियासत की राजधानी, नाभा भेज दिया हैं। ह


शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा। उसे यह अभिमान हुआ था कि ईश्वर का उससे बढ़कर सच्चा

भक्त कोई हैं ही नहीं। अन्त में यह हुआ कि स्वर्ग से नरक में ढकेल दिया गया।


परन्तु तब भी स्कूल हमारे लिए ऐसी जगह न थी जहाँ खुशी से भागे जाएँ। पहली कच्ची श्रेणी तक

कंवल पाँच-सात लड़कों को छोड़ हम सभी रोते चिल्लात ही सकल जाया करते।


में छोटा था, व ह बर्ड़ थ। मरी उम्र ना साल को थी, वह चौदह साल के थे। उन्हें मरी तम्बीह

ओर निगरानी का पूरा आर जन्मसिद्ध अधिकार था ओर मरी शीलनता इसी में थी कि उनके हुक्म

को कानून समझूँ।


 

 


  


पहाड़ी चित्रकला की कईं विशषताएँ हैं। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि डेढ़ सो साल बीत जाने

पर भी इनके रंग ऐसे ताजा हैं कि जान पड़ता है कि अभी लगाए गए हैं। इनमें प्रयुक्त रंग बहुधा

मिट्टी से बनाए जाते थे। कुछ एक वनस्पति और पुष्पों से निर्मित करते थे।

किसी एक कविता का सार पाठानुसार अपने शब्दों में लिखिए:-

. (क) मानवता

(ख) कैकंयी का अनुताप (6 अंक)

*.. भिक्षुक

*. मधुर-मधुर मेरे दीपक जल!

*  पव॑त प्रदेश पर पावस

* हिन्दी जन की बोली

*.. साखी

किसी एक गद्य-पाठ का सार अपने शब्दों में लिखिए:-

(क) कश्मार का लाकनाटक बॉड पा5थर

(ख) हरिहर काक़ा। _ ह (6 अंक)

* . बड़े भाई साहव

* जम्मू की चित्रकला

* जम्मू-कश्मीर में हिन्दी

* हरिंहर काका.

*. कश्मीर का लोक नाटक बाँड पा$थर

* सपनों के से दिन

निम्नलिखित में से किन्‍्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए:- 

(क) कश्मीर के भक्त कवि हिन्दी में क्‍यों कविता करना चाहिए थे? '

(ख) लोक नाटक कौन रचता है? .

(ग) बड़े भाई साहब की स्वभागता विशेषताएँ बताइए।

(घ) अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं। कहानी क॑ आधार पर

स्पष्ट कीजिए।

(पद्य  भाग)

(क) कविता “भिक्षुक' का केन्द्रीय भाव स्पष्ट कीजिए।

(ख) कवि ने तालाब की समानता किसक साथ दिखाई ह ओर क्यों?

(ग) कबौर के विचार से निंदक को निकट रखने स क्या-क्या लाभ ह?

(घ) कवि ने भारत को 'हिमालय का आँगन क्या कहा हैं

अथवा

(गद्य भाग)


(क ) हिन्दी हमारे देश की राष्ट्रभाषा क्यों बन गई

(ख) पाठ में वर्णित पी.टी. सर की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

(ग) पहाड़ी चित्रकला की किन्हीं तीन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए?

(घ) समाज में रिश्तों कौ क्या अहमियत है? 'हरिहर काका' पाठ के आधार पर उत्तर लिखिए।

(पद्म भाग)

(क) दीपक दिखाई देने पर अँधियारा केसे मिट जाता है?

(ख) गपियाँ श्रीकृष्ण को बाँसुरी क्यों छिपा लेती हैं?

(ग) किस यवन यूनानी राजा को भारत में दया का दान मिला था?

(घ) “मानवता' कविता में कवि क्‍या संदेश देना चाहता है?

अथवा

* (गद्य भाग)

(क) हिन्दी भाषा का सम्बन्ध संसार के कोन से भाषा-परिवार से हैं?

(ख) कहानो 'हरिहर काका' का मुख्य सन्देश क्‍या है?

(ग) पहाड़ी चित्रकला की तीन प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

'थ) कथानाक की रुचि किन-कार्यों में थी?

. (पतद्च भाग)

(क) छाया भी कब छाया ढूँढ़ने लगती हे?

(ख) कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दखाई है और क्यों?

(ग) दीपक से किस बात का आग्रह किया जा रहा है और क्‍यों?

(घ) हिन्दी भाषा भारत में ऊँच-नीच को केसे खत्म कर सकती है?

(क) ईश्वर कण-कण में व्याप्त हैं, पर हम उसे क्यों नहीं देख पाते?

(ख) भिक्षुक के बच्चे का पेट मलते हुए क्‍यों बताया गया है?

(ग) कवलयित्री को आकाश के तारे स्नेहहीन से क्यों प्रतीत हो रह हैं?

(घ) पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवतंन आत हें?


गद्य भाग :- *


(क) लोक नाढकों में क्‍या बताया या पेश कियां जाता है?

(ख) चित्रकला को विश्वव्यापी कला क्‍यों कहते हैं?

(ग) हिन्दी हमारें देश की राष्ट्रभाषा क्यों बन गई?

(घ) हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक

(क) समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है?

(ख) _ प्राचीनकाल का जम्मू-कश्मीर में हिन्दी का प्रचार किनके द्वारा हुआ?

(ग) . हडमास्टर शर्माजी न पीटी साहब को क्‍यों मुअत्तल कर दिया?

(घ) “जम्मू-कलम!' का समकालीन चित्रकारों के नाम लिखिए।


निम्नलिखित में से किन्हीं तीन गद्य-प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-


(क) पीर्टी साहब की 'शाबाश' फौज क॑ तमगों-सी क्‍यों लगती थी? कीजिए

(ख) बाँडो पर किस राजा ने कर माफ़ किया था? | तट ता

(ग) पहाड़ी चित्रकला की विशेषता क॑ बरे में तीन वाक्य लिखिए।

(घ) बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्‍या सलाह देते थे और क्यों?

(ड.) लॉक नाटक कौन रचता है?

(च) “'समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है?” इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

* कश्मीर के भक्त-कवि हिंदी में क्‍यों कविता करना चाहते थे।

* कथा नायक की रुचि किन कार्यों में थीं? 'बड़ भाई साहब' पाठ कं' आधार पर उत्तर दीजिए।

*. ललित कलाएँ कितने प्रकार की हैं? उनके नाम क्‍या हैं?

*  हंडमास्टर शर्माजी ने पीटी साहब को क्‍यों मुअत्तल कर दिया?

* लोक नाढकों में क्‍या बताया या पेश किया जाता है?

* हिन्दी हमारे देश की राष्ट्र भाषा क्यों बन गई?


*हरिहर काका क॑ मामले में गाँव वालों की क्या राय थी और उसका क्या कारण थे?

आजकल जम्मू-कश्मीर में हिन्दी का प्रचार तथा प्रसार किन माध्यमों से हो रहा है?

7... भक्तिकाल का उदय किन कारणों से हुआ? स्पष्ट कौजिए। (4 अंक)

* हिन्दी काव्य का आरम्भ कहाँ से माना जाता हे?

हिन्दी कविता क॑ इतिहास को कितने कालों में बाँठ गया है? प्रत्येक काल का अति संक्षिप्त

वर्णन कीजिए।

* हिन्दी कविता क॑ विकास पर एक- संक्षिप्त लेख लिखिए?

* हिन्दी गद्य साहित्य की विधाओं का नाम लिखते हुए एक विधा का वर्णन कीजिए।

* हिन्दी साहित्य में कविता को कितने कालों में बाँठा गया है? संक्षेप में लिखिए।

* हिन्दी साहित्य के इतिहास को कितने कालों में बाँध गया है? लघु लेख लिखिए।

हिन्दी कविता का विकास लिखिए।. (4 अंक)

हिन्दी कविता के भक्तिकाल का परिचय दीजिए।

* आत्मकथा और जीवनी का संक्षिप्त परिचय लिखिए।

. *  रेखाचित्र या संस्मरण का विकास लिखिए।

._*  भक्ति-काल के कवि कबीर का संक्षिप्त परिचय लिखिए।

6 *  रेखाचित्र और संस्मरण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

 * आत्म-कथा तथा जीवनी में अन्तर स्पष्ट कीजिए। ह

9.  रीतिकाल काव्य की किन्ही तीन प्रवृत्तियों को लिखिए। (3 अंक)

. * हिन्दी कहानी का आरम्भ कहाँ से होता है? हिन्दी की प्रथम कहनी कौन सी हे?

 * उपन्यास की विकास यात्रा का संक्षेप में विवरण लिखिए। ..

| * हिन्दी साहित्य के इतिहास को कितने कालों में बाँठ गया है? किसी एक काल का परिचय दीजिए।

कहानी किसे कहते हैं?

जीवनी साहित्य पर अपने विचार प्रकट कीजिए

|. ज्ञानमार्गी शाखा की केवल चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। _

_]0, अपने छोटे भाई को पत्र जिसमें समय के सदुपयोग के बारे में समझाया गया हा।

। अथवा


पत्र लिखिए।

*अपने प्रधानाचार्य को छात्रवृति प्राप्त करत क लिए आवेदन-पत्र े


*प्रधानाचायं॑ को आवेदन-पत्र लिखिए जिसमें स्कूल की फीस माफ करन का प्राथना का गई हो.


*अपने भाई को पत्र लिखिए जिसमें समय को उपयोगिता के विषय में दशाय्रा गया

*अपने मुख्याध्यापक जी को स्कूल प्रमाण-पत्र हंतु प्रार्थना-पत्र लिखिए।

*अपने छोटे भाई को सदाचार के महत्व पर एक पत्र लिखिए।

*अपने अध्यापक को तीन दिन की छुट्टी क॑ लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।

*अपन मित्र को व्यायाम के लाभ बताते हुए पत्र लिखिए।

*अपने छाटे भाई को कुसंगति से बचने क॑ लिए पत्र लिखिए।

*अपने मुख्याध्यापक को छात्रवृत्ति के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए। । लो

*अपने क्षेत्र में पेय -जल की समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए स्वास्थ अधिकारी को पत्र

लिखिए।

*पुलिस अधिकारी को मोबाइल चोरी होने की सूचना दंते हुए एक शिकायती पत्र लिखिए

*अपने प्रिय मित्र को जन्म-दिवस पर शुभकामनाएँ दते हुए अभिनंदन-पत्र लिखिए।

*अपने पिताजी को घर की कुशलता के विषय में एक पत्र लिखिए।


निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए:-


(क) कश्मीर के पर्यटक स्थल

(ख) वायु प्रदूषण कारण समाधान

(ग) समाचार पत्र की उपोयगिता

(घ) युवा पीढी में गिरते नैतिक मुल्य (]2 अंक)

* गणतंत्र दिवस।

*. मरे जीवन का उद्देश्य

* मेरा प्रिव त्योहार: दीपावली

* मेरा प्रिय लेखक

* सरकारी स्कूलों में शिक्षा का गिरता स्तर

* विज्ञान वरदान हैं या अभिशाप

* शिक्षा में खल-कूल का महत्त्व

*जम्मू-कश्मीर के धार्मिक स्थल

*  उपन्यास-सप्राट : मुंशी प्रेमचन्द

*. दहंज-प्रथा समाज का कलंक

* . विद्याथियों में नंतिक मूल्यों का गिरता स्तर

* विद्यार्थी जीवन

* मेरा प्रिय अध्यापक

* दूरदर्शन : शिक्षा का माध्यम

* . कोई धार्मिक त्यौहार

*  बेकारी की समस्या और उसका समाधान

* मेरा प्रिय नेता


4. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएः- _ ही


ग्रामीण जीवन के यथार्थ को आदर्श के परिधान से सजाकर पाठक के सामने लाने में प्रेमचन्द दक्ष

थे। प्रेम के साहित्य में तत्कालीन कृषक और श्रमिक क॑ जीवन का यथार्थ चित्रण समाज में क्रांति

लाने में सफल हुआ। मानवतावाद क॑ समर्थक प्रेमचन्द गांधीजी की विचारधारा से प्रभावित थे।

प्रश्न- (i ) प्रेमचन्द के साहित्य में किसका चित्रण है?

(ii ) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।

(iii ) उपर्युक्त गद्याश का सार एक-तिहाई भाग में लिखिए। 


*सामाजिक बुराइयों को दूर करने में समाचार-पत्रों का विशेष योगदान रहा है। इनसे हमारे ज्ञान की

वृद्धि होती है। समाज का-यथार्थ और नग्न-चित्र समाचार-पत्र प्रकाशित करते है। समय-समय पर

होने वाले परीक्षापयोगी लेख छात्रों को परीक्षा उत्तीर्ण करने में सहायता देते हैं। संकट की स्थिति में

समाचार-पत्र राष्ट्रों की सहायता में सदैव अपना सहयोग देते रहते है। समाचार-पत्र व्यापार का भी

साधन हैं। वस्तुओं की मंदी-तेजी अर्थात भावों के उतार-चढ़ाव की जानकारी बंचने व खरीदने वालों

को मिलती रहती है।


(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

(ख) सामाजिक बुराईयों को दूर करने में समाचार-पत्र किस प्रकार सहायक हैं?

 (ग) समाचार-पत्र छात्रों के लिए क्यों उपयोगी हैं?


*अहिंसा परमधर्म है और हिंसा अपाद्‌ धर्म। मनुष्य बराबर अहिंसा की ओर चलना चाहता है; किन्तु

परिस्थितियाँ उससे हिंसा कराती हैं, अर्थात्‌ परमधर्म की रक्षा के लिए आदमी बराबर आपद्‌ धर्म से

काम लेता (है) रहा। भारत अपनी सेनाओं को विघटित कर दे, तब भी उसका अपमान उससे अधि

क हाने वाला नहीं है, जितना नेफा में हुआ, किन्तु परमधर्म पर टिकने की सामर्थ्य अगर भारत में

नहीं है, तो आपद्‌ धर्म पर उसे आना ही चाहिए। व्यवहारत आपद्‌ धर्म परमधर्म क विरोधी नहीं

रक्षक है।


प्रश्न /-


(क) उपर्युक्त गद्यांश का सार लिखिए।

(ख) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

(ग) अहिंसा की रक्षा के लिए आपद्‌ धर्म क्‍यों आवश्यक है?


*लोग अक्सर इच्छा या सपने को लक्ष्य समझने की भूल कर बैठते हैं, जबकि दोनों में अंतर है। सपने

और इच्छाएँ सिर्फ चाहत होती हैं। चाहतें कमजोर होती हैं। चाहतों मे मजबूती तब आती है, जब उनमें

क़ई बातें जुड़ती हैं और तभी वह लक्ष्य का रूप धारण करती हैं। यह पाँच (2 हैं- दिशा, समर्पण,

दृढ़ निश्वय, अनुशासन और समय सीमा। सिर्फ सपने देखने से बात नहीं बनती है, बल्कि लक्ष्य

बेहद जरूरी है।


प्रशन 


(क) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए। ल्‍ ह

(ख) लक्ष्य-प्राप्ति के लिए किन बातों का होना जरूरी है?

(ग) उपर्युक्त गद्यांश का सार लिखिए।


क्षणिक आनन्द की प्राप्ति होती है। यह धन का दृश्पयोंण है, 

किन्तु धन का सदुपयोग सुख और शांति देता है| हा के द्वारा जो या काय हा सकता है

वह है परोपकार। भाखों को अन्न, नंगों को वस्त्र, रोगियों को दवा, अनाय आदि जे ' लुले-लंगड़ों 

और अपाहिजों के लिए आराम के साधन, विद्यार्थियों के लिए पाठशालाएं धन के  द्वार जुटाई जा सकती हैं।

प्रशन/-

(क) उपयुक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

(ख) धन कं द्वार परोपकार कैसे किया जा सकता हैं?

ग) उपर्युक्त गद्यांश का सार लिखिए। ेु

*भारत का इतिहास लोक-सेवकों के नामों से भरा पड़ा हैं। वे केवल परहित के लिए जीवित रहे।

दधीचि ऋषि, स्वामी दयानंद, विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस, अरविन्द, लोकमान्य तिलक, सुभाषचन्द्र

बोस आदि का समस्त जीवन परोपकार में ही बीता। गुरु नानक देव ने तो पिता द्वारा व्यापार के लिए

दी गई सम्पत्ति को साधु-संतों में वितरित कर सच्चा सौदा किया था।

प्रश्न /-

(क) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक दीजिए।

(ख) परहित के लिए कौन-कौन महान्‌ पुरुष जीवित रहे?

(ग) गुरु नानक जी ने कौन-सा सच्चा सोदा किया था?

*हमारे देश में प्रधानमंत्री का चुनाव सीधे नहीं होता। मतदाता पहले अपने प्रतिनिधि चुनते हैं जो लोक

सभा के सदस्य बनते हैं। 'लोक सभा' हमारी संसद्‌ का नाम हैं। लोक सभा के सदस्यों का सबसे

बड़ा दल अपना नेता चुनता है। यदि उस नेता को सारे सदस्यों में से बहुमत मिलता हो तो राष्ट्रपति

उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रण देते हैं। वह प्रधानमंत्री कहलाता है।

प्रश्न /-

(क) अनुच्छेद का शीर्षक लिखिए।

(ख) लोकसभा क्‍या है?

(ग) राष्ट्रपति सरकार बनाने के लिए किसे आमंत्रण देते हैं? .

*शिक्षा मनुष्य को मस्तिष्क ओर शरीर का उचित प्रयोग करना सिखाती है। वह शिक्षा जो मनुष्य को

पाठ्य-पुस्तकों के ज्ञान के अतिरिक्त कुछ गम्भीर चिन्तन न दे, व्यर्थ है। यदि हमारी शिक्षा सुसंस्कृत,

सभ्य, सच्चरित एवं अच्छे नागरिक नहीं बना सकती, तो उससे क्‍या लाभ? सुहृदय, सच्चा परन्तु

अनादू मजदूर उस स्नातक से कहीं अच्छा है जो निर्दय और चरित्रहीन है। संसार के सभी वैभव

अं जा मा यु के तब तक सुखी नहीं बनाते जब तक मनुष्य को आत्मिक ज्ञान न हो!

हमारे कुछ अधिकार व उत्तरदायित्व भी हैं। शिक्षित व्यक्ति को उत्तरदायित्वों का भी उतना ही ध्यात

रखना चाहिए जितना कि अधिकारों का।


प्रश्न :-

(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

(ख) शिक्षा हमें क्या सिखती है?

(ग) उपर्युक्त गद्यांश का सार लिखिए।

 


*आज के युग में जिस प्रकार शोर टकराव, युद्ध, अशांति, हिंसा, ईर्ष्या, कलह, द्वष, कटुता, शीत युद्ध

शोषण आदि का वर्चस्व है, उसका एकमात्र कारण है मानव की परहित की भाव-शून्यता। आज

सबल तथा विकसित राष्ट्रों की स्वार्थ-वृत्ति क॑ कारण दुर्बल तथा विकासशील देशों को अनेक :

समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। संसार में अनेक महापुरुषों ने परहित क॑ लिए अपना जीवन

न्योौछावर कर दिया।


प्रश्न:-

(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

(ख) परहित की भावना क॑ क्या अभिप्राय है?

(ग) उपर्युक्त गद्यांश का एक-तिहाई सार अपने शब्दों में लिखिए।


*कन्या की उपयोगिता उसके शील, सदाचार, चरित्र, शिक्षा, सुसंस्कार तथा सौन्दर्य को ताक पर

रखकर, उसके पिता द्वारा दिये जाने वाले दहंज कीं रकम से आँकी जाती है। आज एक साधारण

भारतीय परिवार में कन्या का जन्म होते ही परिवार के सभी सदस्यों के चेहरे पीले पड़ जाते हैं तथा

उनका हृदय बुझा-सा हो जाता है। कन्याओं को परिवार का बोझ तथा पराया-धन आदि समझा

जाता है। 


प्रश्न:-

(क) उपयुक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

(ख) कन्याओं को पराया-धन क्‍यों समझा जाता हे?

(ग) उपर्युक्त गद्यांश का एक-तिहाई सार अपने शब्दों में लिखिए।

*आज नगरों में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। औद्योगिक की चिमनियों से निकलता धुआँ वातावरण को

अत्यधिक प्रदूषित कर रहा है। शहरों में वाहनों की निरन्तर बढ़ती संख्या तथा उनक निकलने वाले

धुएँ से अशुद्ध वायु में साँस लेना दुभर हो गया ह, जिसके कारण खाँसी, दमा, कंसर आदि प्राणघातक

रोगों में निरन्तर वृद्धि हो रही है

प्रश्न:-

(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

 (ख) रोगों की वृद्धि क॑ मुख्य कारण क्‍या हें?

(ग) उपर्युक्त गद्यांश का एक-तिहाई सार लिखिए

*अस्पृश्यता हिन्दू-समाज के माथे पर एक कलंक का टीका हैं। नीच कर्म करने वाली असंख्य

जातियाँ इस समाज से बहिष्कृत-सी होकर इसक अत्याचारों का सहन कर रहाँ हैं, परन्तु

सहनशीलता की भी सीमा होती हैं। अन्त में, निशशा और असहनशीलता से बाधित होकर इन लोगों

ने अन्य जातियों का आश्रय लेना आरम्भ किया। स्वामी दयानन्द जी न इस बुराई के कुपरिणाम

को समझा था और इसके विरुद्ध आवाज उठाई थी, परन्तु उन्हें बहुत सफलता न मिली। आज उसी कार्य का गाँधी  जी ने पूर्ण कर दिखाया हैं।

प्रश्न :-


(क) शीषक लिखो।

(ख) मोटे शब्दों के अर्थ लिखो।

(ग) अस्पृश्यता के कुपरिणाम लिखो।

(घ) चार पंक्तियों में सार लिखो।


*विश्व में खोज की इस प्रवृत्ति ने विचारशील मनुष्य द्वारा कितने ही आविष्कार कराए और

भौतिक-विज्ञान के गम्भीर-अध्ययन के प्रति प्रेरित किया। उसी का फल है कि मनुष्य ने न केवल

स्थल, अपितु जल और आकाश पर भी विजय प्राप्त कर ली है। रेल, मोटर, जहाज तथा वायुयान

आदि अनुभूत आविष्यकारों द्वारा भूमण्डल को वश में कर लिया गया है। तत्व मे विचरण करने वाले

शब्द को छोटे से बन्द कर दिया है और उसके द्वारा 'एक विश्व” कल्पना जीवित-जागृत बना दी

गई है। यह सब मनुष्यता की विचारशील का परिणाम है


प्रश्न

(क) उपरिलिखिता अनुच्छेद को पढ़कर 3] शब्दों में इसका सार लिखो।

(ख) मोटे शब्दों के अर्थ लिखो।

(ग) शीर्षक को चुनो।


*“वह कौन-सा मनुष्य है, जिसने प्रतापी महाराज भोज का नाम न सुना हो। उसकी महिंमा और

कीर्ति तो सारे जगत में व्याप्त रही है। बडे-बडे महिपाल उसका नाम सुनते ही काँप उठते और

बड़े-बड़े भूपति उसके पाँव पर अपना सिर नवाते। सना उसकी समुद्र की तरंगों का नमूला और

खजाना उसका सोने, चाँदी और रत्नों की खान भी दूना। उसके दान ने राजा कर्ण को लोगों के

जी से भुलाया और उसके न्याय ने विक्रम को भी लजाया।


प्रश्न 

(कं) शीर्षक लिखें।

(ख) मोटे शब्दों के अर्थ लिखो।

(ग) सार लिखो।


(क) निम्नलिखित में से एक अलंकार की परिभाषा लिखते हुए उसका तर्क संगत उदाहरण दीजिए।

(i ) रूपक अलंकार (ii ) अतिशयोक्ति अलंकार। (2 अंक)



13 . निम्नलिखित पद्यांश में से अलंकार छाँटिए:-

*“चारू चन्द्र की चंचल किरणें,

खेल रही हैं जलथल में।”

*कंदमूल भोग करें, कंदमूल भोग करें

तीन बेर खाती हैं वे तीन बेर खाती हैं।

*पायो जी मैंने राम-रतन-धन पायो।

* वह दीपशिखा-सी शांत भाव में लीन।

*दीनबंधु दुखियों का दुख कब दूर करोगे?

* हनुमान की पूँछ में, लगन न पाई आग।

लंका सिगरी जल- गई, गए निसान भाग॥

*. काली घटा का घमंड घटा।

*इतना रोया था मैं उस दिन, ताल-तलैया सब भर डाले।

*“जगती जगती की मूक प्यास।”

*“झुलसी-सी जाती थी आँखें

जगमग जगते तारों से।”

*युग-युग प्रतिदिन प्रतिभण प्रतिपल,

प्रियतम का पथ आलोकित कर।

*आशा मेरे हृदय-मरु की मंजु मंदाकिनी है।

*“विश्व-शलभ सिर धुन कहता मैं

हाय न जल पाया तुझ में मिल।”

*“तरनि-तनूजा तट तमाल तरुवर ब्रहु छाए।”


(ख ) सोरठा छंद की परिभाषा देते हुए उसका उदाहरण लिखिए।


अथवा


कवित्त छंद की परिभाषा देते हुए उसका उदाहरण लिखिए।

निम्नलिखित पद्यांश में किस छंद का प्रयोग हुआ है :-


मानुष हों तो वही रसखनि

बसौ ब्रज गोकूल गाँव के ग्वारन।”

उत्तर- सवया छन्द


अथवा


“रघुकुल रीति सदा चली आई।

प्राण जाय पर वचन न जाई।।”

उत्तर- चौपाई, प्रस्तुत पंक्तियों में ।6-6 मात्राएँ का प्रयोग हुआ है।

*बुरा जो देखन में चला, बुरा न मिलया कोय।

जो दिल खोजूं आपना, मुझ सा बुरा न कोय॥

*कुपथ निवारी सुपथ चलावा।

गुप प्रकटे अवगुणहिं दुरावा॥

*रघुकुल रीति सदा चलि आई।

प्राण जाएँ पर वचन न जाई॥

*बीती विभावरी, जाग री

तारा-घट उषा नागरी॥

*राम भजन बिनु सुनहु खगेसा।

मिटहि न जीवन करे कलेसा।|।


*प्रेम - प्रीती को बिरवा, प्रीतम चलहु लगाय।

सींचन की सुधी लीजो, कहीं मुरझझी न जाय॥


*जे न मित्र दुःख होहिं दुखारी।

तिन्हहि विलाकत पातक भारी॥


*निज मन मुकुर सुधार, श्री गुरु चरण सरोज रज।

जो दायक फल चार, बरनौं रघुवर विमल जस॥।

*. कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय।

बा खाए बोराय जग या पाये बौराय।।

*जप माला, छापे तिलक, सर न एको कामु।

मन-काँच नाचे बृथा, साँचे राँच रामु।।


(ग) निम्नलिखित वाक्यों में से पदबंध छाँटकर लिखिए:- (2 अक)

(4) उधर और आ गए।

(॥ ) राजीव बहुत अच्छा गाता है।

* निम्नलिखित वाक्यों में से पदबंध छाँटकर लिखिए:-

बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं।

उत्तर- संज्ञा पदवंध


बच्चे -वहुवचन है 

इस वाक्य में संज्ञा, बहुवचन पदबंध है।

- अथवा

पके हुए आम मीठे होते हैं। (2 अंक)


उत्तर- विशेषण पदवंध


* मेरा मित्र बहुत ही नेक और ईमानदार है।

*वेर्टी ने माँ क॑ ममता भरे हाथों को देखा।

*मेरा मकान इस गली के सब मकानों से बड़ा है।

*सोहन दोड़ता हुआ गिर गया।

*मोहन पुस्तक पढ़ते-पढ़ते सो गया।

*वह मेरी बात चुपचाप सुन रहा था।

*बच्चे बाग में खेल रह हैं।

*पिता जी धीरे-धीरे चल रह हैं।

* महात्मा गाँधी प्रतिदिन प्रार्था किया करते थे।

*परिश्रम करने वाले छात्र सफल हो जाएँगे।

* . रमा गाना सुनते-सुनते पढ़ती है।

*मेरे बचपन का साथी रमेश डॉक्टर है।


(घ) निम्नलिखित में से दो का सन्धि-विच्छेद कीजिए: -

प्रतीक्षा, अन्वय, एकैक, मनोबल


*  नाविक, प्रत्येक, उचारण, परमानन्द

*  दशानन, सुरेन्द्र, लोकैषणा, अंहकर

* पवन, रेखांकित, उल्लेख, विश्वबन्ध

*हिमालय, सूर्योदय, गायक, दिनेश, स्वागत रमश, शिवालय, दुर्बल

*. शिव+आलय, हित + एषी, गज + इन्द्र, अति - अंत

* विद्या + अर्थी, सु + आगत, तथा + एव, देव + इन्द्र

(डः ) निम्नलिखित में से दो समस्तपदों का विग्रह करके समास का नाम लिखिए:-

दशानन, भरपेट, दिनरात

उत्तर- दशानन - दस हैं आनन (मुख) जिसकं, रावण। (द्विग-समास)

भरपेट - पेटभर कर (अव्ययी-भाव समास)

दिनरात - दिन ओर रात (द्वन्द समास) (2 अंक)


निम्नलिखित में से किन्हीं दो सामासिक शब्दों का विग्रह कीजिए:-

*. हाथोहाथ, देशनिकाला, प्रधानमंत्री, विषधर

* .. मातापिता, यथामसय, नीलगगन, दशानन

* यथाशकति, शोकाकुल, नीलकंठ, मीनाक्षी

*. नरसिह, देवासुर, कनफटा, प्रतिमास .

(च) निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए ( केवल दो ):-

पुत्री, जल, घर

उत्तर- पुत्री - बेटी, सुता, तनुजा।

जल- पानी, नीर, अम्बु

घर - भवन, गृह, निकंतन। (2 अंक)

* . अनुचर, कमल, उपवन, हनुमान ह

* अतिथि, कोयल, महादेव, शत्रु

* कृषक, अमृत, रात, संसार

* रात, सूर्य, अबनि, जल.

* राजा, जल, गगन, हाथ, दिन, घर, रात्रि, चाँद, हाथ, देवता, यश, उन्नति,

*नफरत, मान, आकाश, क्रोध, ईश्वर, आँख, इच्छा, दिन, अग्नि, यात्री, मीना

(छ ) निम्नलिखित शब्दों के दो-दो भिन्‍तार्थक लिखिए ( केवल दो ):

आम, कर, कनक, पद: : (2 अंक)

* अंक, उपचार, तीर, जलज ह |

(ज) निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए ( केवल दो ):-

यौवन, विस्तृत, आकाश

उत्तर- योवन - बढ़ापा

विस्तृत - संक्षेप

आकाश - पाताल (2 अंक)

* एकता, आकर्षक, कनिष्ठ, मानव

*  अवनति, कंजूस, आदान, लिखित

* आवरण, निंदनीय, पराधीन, अमृत

* आरोह, उन्‍नति, अमृत, आस्तिक


* जय, प्रश्न, देश, आदि, यश, अपेक्षा, मान, निनन्‍दा, नरक धरती, नारी, खण्डन, बर्बर,

पति, अंहकार, पवन, मान, यश, आदर, सदाचार गुण, आग्रह, इष्ट


(झ ) निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य बनइए ( केवल दो ):-


पीला पडना, कालिख पोतना ..._ (2 अंक)

उत्तर- पीला पड़ना - घबरा जाना। अस्तपताल में रमेश को देखा, बिमारी क कारण वह पीला पड़

गया गया है।


कालिख पोतना - बेइज्जत करना। अनिता ने अपने माता-पिता को मर्ज़ी के विरूद्व शादी कर

उन के मुँह  पर कालिख पोत  दी।


*अंधे की लाठी, कमर कसना, पत्थर की लकीर 

* आसमान टूट पड़ना, पेट में चूहे दौड़ना, टका सा जवाब देना, गुड़गोबर होना

*. अंगारे उगलना, कलेजा ठण्डा होना, कोल्हू का बल, गुदड़ी का लाल

* हाथ मलना, आडे हाथों लेना, अन्धे की लकड़ी, मुट्ठी गरम करना, कान भरना, अपनी

खिचडी अलग पकानी, रेख में मेख, खाक छानना, छाती फटना, खून सफेद होना, चाँदी का

जूता, फूँक-फूँक कर पीना, अंधे की लकड़ी, अक्ल का दुश्मन, कमर दूटना, आँखें

फर लना।


(ज) निम्नलिखित भाववाचक संज्ञा शब्दों को संज्ञा में बदलिए ( केवल दो ):-


गुरू, कठोर, गरीब (2 अंक)

उत्तर- गुरू - गुरूत्व

कठोर - कठोरता

गरीब - गरीबी

* . नारीत्व, ठगी, बचपन, संवा, कर्ता, बाप

(ट) निम्नलिखित गद्यांश में विराम-चिह्न लगाइए:-

बूढ़े ने कहा अरे में तीस मील से पैदल चल कर आ रहा हूँ । (2 अंक)

उत्तर- बूढ़े ने कहा, “अरे! में तीस मील से पैदल चल कर आ रहा हूँ।'


बेटे मरे पास आओ में तुम्हें तमाशा बताऊँगा

आइए आइए आप मेरे पास बैठिए


* नेताजी ने कहा तुम मुझे खून दो में तुम्हें आजादी दूँगा

बीर बिस्मिल ने नारा लगाया में ब्रिटिश सरकार का विनाश चाहता हूँ।

* . गाँधीजी ने बरिस्टरी पास करके फकौर बनने का फैसला किया है तो या जरूरी है कि

तुम सब नौजवान उनकी नकल करो


Translate