जम्मू की चित्रकला
Jammu ki chitrkla
A hindi lesson by- Chander Uday Singh
जम्मू की चित्रकला
प्रश्न अभ्यास
बोध और सरहाना
प्रश्न 1. ललित कलाएं कितने प्रकार की हैं। उनके नाम क्या है?
उत्तर. ललित कलाएं पांच हैं साहित्य कला, संगीत कला, मूर्तिकला, चित्रकला तथा नृत्य कला। महामुनि कपिल कहते हैं:-
साहित्य संगीत कला विहीन :
साक्षात पशु पुच्छ विषाण हीन:
अर्थात वह व्यक्ति जो साहित्य, संगीत, नृत्य आदि कलाओं को नहीं जानता वह बिना सींग ओ तथा पूंछ के पशु है । इससे स्पष्ट है कि कला जानने वाला ही मनुष्य कहलाने का अधिकारी है।
प्रश्न 2. मानव की प्राचीनतम लिपि कौन सी है?
उत्तर. मानव की प्राचीनतम लिपि चित्रों की लिपि है, जिसे चित्र- लिपि कहते हैं।
प्रश्न 3.
चित्रकला को विश्वव्यापी कला क्यों कहते हैं?
उत्तर. चित्र देखने में सरल होता है और सामान्यता हर व्यक्ति देख कर किसी सीमा तक समझ सकता है। उदाहरण के तौर पर विविध भाषाओं में पक्षी, तामर, परिंदा लिख दिया जाए, तो यह नाम वही आदमी पढ़ सकता है, जो वह भाषा जानता हो। परंतु इन सब के स्थान पर यदि एक पक्षी का चित्र बना दिया जाए, तो सभी समझ सकते हैं कि पक्षी बना है। इसी कारण चित्रकला को विश्वव्यापी भाषा कहा जाता है।
प्रश्न 4 जम्मू की चित्रकला का जन्म किस शताब्दी में हुआ?
उत्तर. उत्तर भारत में चित्रकला का एक केंद्र जम्मू भी रहा है। जम्मू की कला ‘जम्मू कलम’ अथवा ‘जम्मू पहाड़ी कला’ के नाम से जानी जाती है। ‘जम्मू चित्रकला’ का भारतीय कला के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान है। इस कला का जन्म लगभग 18वीं शताब्दी में हुआ।
प्रश्न 5. कृपाल पाल का दरबारी चित्रकार कौन था तथा उसने कौनसी विश्व विख्यात चित्रकला चित्रित की?
उत्तर. 17 वीं शताब्दी में बसोहली पर राजा कृपाल पाल का राज था। वह कला प्रेमी तथा कला संकरक्षक था उसके प्रसिद्ध दरबारी चित्रकार देवदास ने बहुत से अनुपम चित्र बनाएं। उसने रसमंजरी नामक विश्व विख्यात चित्रावली चित्रित करके राजा कृपाल पाल को भेंट की थी। यह काल बसोहली चित्रकला का स्वर्णिम काल था।
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