पर्वत प्रदेश में पावस - सुमित्रानंदन पंत- part4
A hindi lesson by Chander uday singh
,
(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए :-
1-: है टूट पड़ा भू पर अम्बर !
भाव-
घनी धुंध के कारण लग रहा है मानो पूरा आकाश ही धरती पर आ गया हो केवल झरने की आवाज़ ही सुनाई दे रही है।
2-: यों जलद -यान में विचर -विचर
था इंद्र खेलता इंद्रजाल।
भाव-: चारों और धुँआ होने के कारण लग रहा है कि इंद्र भी अपना बादल रूपी विमान ले कर इधर उधर जादू का खेल दिखता हुआ घूम रहा है।
3-: गिरिवर के उर से उठ -उठ कर
उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
है झाँक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष ,अटल कुछ चिंतापर।
भाव-: पहाड़ों के हृदय से उठ-उठ कर अनेकों पेड़ ऊँच्चा उठने की इच्छा लिए एक टक दृष्टि से स्थिर हो कर शांत आकाश को इस तरह देख रहे हैं मनो वो किसी चिंता में डूबे हुए हों। अर्थात वे हमें निरन्तर ऊँच्चा उठने की प्रेरणा दे रहे हैं। ये वृक्ष मनुष्यों की सदा ऊपर उठने और आगे बढ़ने की और संकेत कर रहे हैं।
==============================================
कविता का सौन्दर्य
1-: इस कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किस प्रकार किया गया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-: इस कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग जगह जगह किया गया है जिसके कारण प्राकृति सजीव प्रतीत हो रही है। जैसे - पहाड़ अपनी हजार पुष्प रूपी आंखें फाड़ कर नीचे जल में अपने विशाल आकार को देख रहे हैं। और पहाड़ों के हृदय से उठ-उठ कर अनेकों पेड़ ऊँच्चा उठने की इच्छा लिए एक टक दृष्टि से स्थिर हो कर शांत आकाश को इस तरह देख रहे हैं मनो वो किसी चिंता में डूबे हुए हों।
2-: आपकी दृष्टि में इस कविता का सौन्दर्य इसमें से किस पर निर्भर करता है?
(क ) अनेक शब्दों की आवृति पर
(ख ) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर
(ग ) कविता की संगीतात्मकता पर
उत्तर- (ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर
क्योंकि इस कविता में चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए प्रकृति का सुंदर और सजीव वर्णन किया गया है।
3-: कवि ने चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए पावस ऋतु का सजीव चित्र अंकित किया है ऐसे स्थलों को छाँट कर लिखिए।
उत्तर-:1- अपने सहस्र दृग- सुमन फाड़,
अवलोक रहा है बार बार,
2- गिरि का गौरव गाकर झर- झर
3- धँस गए धारा में सभय शाल !
4- गिरिवर के उर से उठ -उठ कर
उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
है झाँक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष,अटल कुछ चिंतापर।
⭐you can also watch related videos on my youtube channel https://www.youtube.com/channel/UCEDIpQM03Hd9ZZos4UnlC9Q?view_as=subscriber
No comments:
Post a Comment